एयर इंडिया, जो अब टाटा समूह के अधीन कार्य कर रही है, ने अपनी यात्रा नीति में बड़ा बदलाव किया है। अब एयरलाइन के कर्मचारी, जिनमें CEO कैंपबेल विल्सन भी शामिल हैं, कार्य यात्रा के दौरान बिजनेस क्लास में नहीं, बल्कि इकोनॉमी क्लास में यात्रा करेंगे। यह नीति 1 अप्रैल से कंपनी के बड़े अधिकारियों (वाइस प्रेसिडेंट और उससे उच्च पदों पर) के लिए लागू होगी, जबकि बाकी कर्मचारियों के लिए यह बदलाव 1 जून से लागू होगा।
इस परिवर्तन के पीछे एयर इंडिया का उद्देश्य ग्राहकों को प्रीमियम सीटों का अधिकतम लाभ देना है, ताकि विमान में यात्रा करने वाले सभी ग्राहक, चाहे वे बिजनेस क्लास के हों या प्रीमियम इकोनॉमी के, एक बेहतर अनुभव पा सकें।
ग्राहक-केंद्रित सेवा को बढ़ावा देना चाहती है कंपनी
इस बदलाव के साथ एयर इंडिया एक ग्राहक-केंद्रित सेवा को बढ़ावा देना चाहती है। एयरलाइन के प्रवक्ता ने कहा कि बिजनेस और प्रीमियम इकोनॉमी सीटों की बढ़ती मांग को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। अब ये सीटें पहले ग्राहकों के लिए उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि उन्हें एक अद्वितीय और सुविधाजनक अनुभव मिल सके।
टाटा के अधिग्रहण के बाद से प्रीमियम सीटों की मांग दोगुनी हो गई है, और एयर इंडिया ने यह फैसला किया है ताकि ज्यादा से ज्यादा ग्राहक इन सीटों का लाभ उठा सकें।
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एयर इंडिया में प्रीमियम सीटों की वृद्धि
एयर इंडिया ने अपनी सीटों की संख्या में वृद्धि की है। वर्तमान में एयर इंडिया के पास 53 विस्तारा ए320 विमान हैं जिनमें प्रीमियम इकोनॉमी सीटें हैं। इसके अलावा, एयरलाइन ने 14 नए ए320 नियो विमान जोड़े हैं जिनमें तीन प्रकार की सीटें उपलब्ध हैं। इस बदलाव के बाद, एयर इंडिया हर सप्ताह करीब 50,000 प्रीमियम इकोनॉमी सीटें उपलब्ध कराती है, और यह संख्या अक्टूबर तक बढ़कर 65,000 हो सकती है।
इस बदलाव के साथ एयर इंडिया अपनी सेवा को बेहतर बनाने और अपने ग्राहक अनुभव को एक नई दिशा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
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कर्मचारियों के लिए नई यात्रा गाइडलाइंस
कंपनी ने इस नई नीति के बारे में कर्मचारियों को ईमेल के जरिए सूचित किया। इसमें कहा गया है कि अब कर्मचारी केवल इकोनॉमी क्लास में ही यात्रा करेंगे, लेकिन यदि बिजनेस या प्रीमियम इकोनॉमी क्लास में कोई सीट खाली रहती है, तो कर्मचारियों को अपग्रेड किया जा सकता है।