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भारत में वायु प्रदूषण स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर डाल रहा है। हर साल 21 लाख लोग वायु प्रदूषण के कारण अपनी जान गंवा देते हैं और यह समस्या लगातार बढ़ रही है। इसके चलते न केवल लोगों की जिंदगी प्रभावित हो रही है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं पर भी भारी दबाव पड़ रहा है। बढ़ते प्रदूषण के चलते बढ़ती बीमारियों से मेडिकल खर्चों में भी वृद्धि हो रही है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था पर 95 अरब डॉलर का सालाना नुकसान हो रहा है।
आज (5 जून) वर्ल्ड एन्वायरनमेंट डे (World environment day) के मौके पर इस खास खबर में वायु प्रदूषण के कारण और उनसे कैसे बचा जा सकता है जैसे आवश्यक तथ्यों को शेयर किया गया है।
इस साल के वर्ल्ड एन्वायरनमेंट डे की थीम 'सोल्यूशंस टू पोल्यूशन' है। इसका उद्देश्य दुनिया भर में प्रदूषण को कम करने के उपायों पर जोर देना है। वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, और मृदा प्रदूषण जैसे मुद्दों को समझते हुए, यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि प्रदूषण को रोकने के लिए समाज को एकजुट होकर काम करना होगा।
"विश्व स्वास्थ्य संगठन" (WHO) की रिपोर्ट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल वायु प्रदूषण से 21 लाख लोगों की मौत होती है। WHO की 2021 की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है कि वायु प्रदूषण के कारण हर साल लाखों लोग अपनी जान गंवा देते हैं, और भारत इस संदर्भ में सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक है। इसके अलावा, "Global Burden of Disease Study" और "Health Effects Institute" की रिपोर्टों में भी वायु प्रदूषण के कारण होने वाली मौतों का आंकड़ा साझा किया गया है।
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वायु प्रदूषण को ऐसे कर सकते हैं नियंत्रित
वायु प्रदूषण की समस्या को कम करने के लिए कुछ आसान उपायों को लागू किया जा सकता है, जो प्रदूषण के खतरे को 30 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। इनमें शामिल हैं:-
- ग्रीन इन्फ्रास्ट्रक्चर :- पेड़ पौधों और हरित क्षेत्र का विकास करना, जो वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करें और हवा को शुद्ध करें।
- स्वच्छ परिवहन व्यवस्था :- सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा देना और प्रदूषण फैलाने वाली वाहनों को नियंत्रित करना।
- उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण :- फैक्ट्रियों और उद्योगों में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कड़े नियम लागू करना।
सरकार ही नहीं बल्कि हर नागरिक का फर्ज
वर्ल्ड एन्वायरनमेंट डे 2025 (World environment day ) हमें प्रदूषण की समस्या को गंभीरता से लेने का संदेश देता है। वायु प्रदूषण के चलते होने वाली मौतों और आर्थिक नुकसान को कम करने के लिए हमें ठोस कदम उठाने की जरूरत है। इस साल की थीम 'सोल्यूशंस टू पोल्यूशन' हमें बताती है कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए केवल सरकार नहीं, बल्कि हर नागरिक को मिलकर काम करना होगा।
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वायु प्रदूषण से होने वाली मौतें और इसके प्रभाव
भारत में हर साल वायु प्रदूषण के कारण 21 लाख लोगों की मौत हो रही है, जिससे न केवल लोगों की जिंदगी पर असर पड़ रहा है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं पर भी दबाव बढ़ रहा है। प्रदूषण की वजह से मेडिकल खर्चों में वृद्धि हो रही है और यह भारतीय अर्थव्यवस्था को सालाना करीब 95 अरब डॉलर का नुकसान पहुंचा रहा है।
2024 में दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 भारत में थे, जिसमें दिल्ली, नोएडा, और गुरुग्राम प्रमुख शहर थे। इन शहरों में प्रदूषण का स्तर इतना खतरनाक है कि यह लोगों के लिए एक बड़े स्वास्थ्य खतरे के रूप में उभर रहा है।
भारत में वायु प्रदूषण के कारण
- गाडिय़ों का धुआं - शहरी इलाकों में वाहनों की संख्या में निरंतर वृद्धि प्रदूषण का प्रमुख कारण है।
- औद्योगिक उत्सर्जन - कारखानों से निकलने वाला धुंआ और रसायन भी वायु प्रदूषण को बढ़ाते हैं।
- खुले में कचरा जलाना - कई स्थानों पर कचरा जलाने से जहरीले धुएं का उत्सर्जन होता है।
- शहरीकरण और वनस्पति की कमी - तेजी से बढ़ते शहरों और हरित क्षेत्र की कमी से भी प्रदूषण बढ़ रहा है।
प्रदूषण को कम करने के उपाय
- चिमनी का उपयोग - घरों में चिमनी लगाकर किचन से निकलने वाले प्रदूषण को कम किया जा सकता है।
- वाहनों की नियमित सर्विसिंग - वाहनों की समय-समय पर सर्विसिंग करने से इन्कैमिसन को नियंत्रित किया जा सकता है।
- बिजली की बचत- ऊर्जा दक्ष उपकरणों का उपयोग करके ऊर्जा की बचत की जा सकती है, जिससे प्रदूषण कम होगा।
- कचरा जलाने से बचना- कचरे को जलाने की बजाय उसे सही तरीके से निस्तारित करना चाहिए।
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प्रदूषण से बचाव के लिए घरेलू उपाय
- घर में फिल्टर लगाना- हवा को शुद्ध रखने के लिए घरों में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
- कचरे का उचित निस्तारण- कचरा जलाने की बजाय उसे रिसायकल करने के प्रयास करें। वायु प्रदूषण न्यूज | वायु प्रदूषण से बचने के लिए क्या खाएं | भोपाल में प्रदूषण के कारण
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