ऑस्ट्रेलिया ने गुरुवार को 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया बैन कानून पारित कर दिया है। यह कानून तकनीकी दिग्गजों जैसे मेटा (Meta) और टिकटॉक (TikTok) पर लागू होगा। उल्लंघन करने पर कंपनियों को 49.5 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (USD 32 मिलियन) तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
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कानून के मुख्य बिंदु
• सोशल मीडिया प्रतिबंध: जनवरी 2025 से यह कानून प्रभावी होगा।
• दंड का प्रावधान: नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना।
• उम्र सत्यापन परीक्षण: जनवरी में शुरू होगा।
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पहला देश बना आस्ट्रेलिया
यह कानून ऑस्ट्रेलिया को अन्य देशों के लिए उदाहरण बनाता है। फ्रांस और अमेरिका के कुछ राज्यों ने भी बच्चों के लिए सोशल मीडिया एक्सेस पर प्रतिबंध लगाया है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया का प्रतिबंध पूर्ण है। इस तरह का कानून लागू करने के मामले में आस्ट्रेलिया पहला देश बन गया है।
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विरोध और समर्थन
विरोध: गोपनीयता अधिवक्ताओं और कुछ बाल अधिकार संगठनों ने इस कानून की आलोचना की है।
समर्थन: सर्वेक्षण में 77% जनता ने इस कानून का समर्थन किया।
• कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह कानून LGBTQIA और प्रवासी युवाओं को सपोर्ट नेटवर्क से दूर कर सकता है।
• गोपनीयता संबंधी चिंताओं के कारण डिजिटल पहचान आधारित निगरानी के जोखिम बढ़ सकते हैं।
• आलोचक इसे पुराने जमाने का कदम बता रहे हैं।
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पेरेंट्स का मिल रहा समर्थन
ऑस्ट्रेलियाई अभिभावकों ने सोशल मीडिया को युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बताया। अमेरिका के सर्जन जनरल विवेक मूर्ति के अनुसार, सोशल मीडिया मानसिक स्वास्थ्य संकट को बढ़ा रहा है। हालांकि यह कानून प्रतिबंध युवा पीढ़ी के लिए नई चुनौतियां पेश कर सकता है, लेकिन यह भविष्य में बच्चों की मानसिक सेहत को सुधारने के लिए एक अहम कदम हो सकता है।
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