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मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार ने गोपालकों को उन्नत नस्ल की गायों की बछिया उपलब्ध कराने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पशुपालन विभाग ने भ्रूण प्रत्यारोपण (Embryo Transfer) और आईवीएफ (IVF) तकनीक से पैदा हुई बछियों को बेचने की योजना बनाई है।
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उन्नत नस्ल की बछियों की बिक्री
पशुपालन विभाग ने 300 से अधिक उन्नत नस्ल की बछियों को बिक्री के लिए चिह्नित किया है। ये बछिया साहिवाल (Sahiwal), गिर (Gir), थारपारकर (Tharparkar), कांकरेज (Kankrej), मालवी (Malvi) और निमाड़ी (Nimari) नस्ल की होंगी। इन गायों से प्रतिदिन 6-10 लीटर दूध प्राप्त हो सकता है।
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तकनीक का योगदान
1- भ्रूण प्रत्यारोपण (Embryo Transfer): अच्छी नस्ल का भ्रूण देसी गाय की बच्चेदानी में प्रत्यारोपित किया जाता है।
2- आईवीएफ (IVF): कृत्रिम रूप से भ्रूण तैयार कर उसे देसी गाय की बच्चेदानी में प्रत्यारोपित किया जाता है।
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कीमत इतनी कि आसानी से खरीद सकें
कीमत: 6 से 12 महीने की बछिया ₹6,000 - ₹12,000 में और 2-3 साल की बछिया ₹15,000 - ₹20,000 में उपलब्ध होगी।
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यहां होंगे बिक्री केंद्र
भोपाल, टीकमगढ़, पन्ना, सागर, छिंदवाड़ा, बालाघाट, आगर मालवा, और खरगोन।
बता दें कि नेशनल कामधेनु ब्रीडिंग सेंटर (National Kamdhenu Breeding Center) नाम से पूरे देश में केवल दो ब्रीडिंग सेंटर हैं, जिनमें से एक मध्यप्रदेश में है। यहां 13 नस्ल की गायों और 4 नस्ल की भैंसों का संरक्षण होता है। इसके जरिए पशुपालकों को उन्नत नस्ल के बच्चे, भ्रूण और सीमन (Semen) उपलब्ध कराए जाते हैं।
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