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Photograph: (THESOOTR)
भारत में ऑनलाइन गेमिंग (online gaming) ने पिछले कुछ वर्षों में तेजी से वृद्धि की है। इसमें खासकर सट्टेबाजी (betting) और रियल मनी गेम्स (real money games) ने बहुत ध्यान आकर्षित किया है। हालांकि, इन गेम्स से जुड़े कई नकारात्मक पहलू सामने आए हैं।
कुछ घटनाओं में बच्चों ने गेमिंग के कारण आत्महत्या कर ली, वहीं कई लोग सट्टेबाजी के कारण कर्ज में डूब गए और उनकी जिंदगी तबाह हो गई। इन्हें देखते हुए मोदी सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग को लेकर बड़ा कदम उठाने की तैयारी की है।
लोकसभा में पेश होगा नया बिल
इस हफ्ते मोदी सरकार लोकसभा में एक नया बिल पेश करने जा रही है। इस बिल के तहत, भारत में सट्टेबाजी से जुड़े सभी ऑनलाइन गेम्स पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
इस बिल के तहत, किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान को ऑनलाइन मनी गेम्स में पैसे ट्रांसफर करने की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ ही, रियल मनी गेमिंग के विज्ञापनों पर भी रोक लगाई जाएगी। यह कदम सरकार का एक अहम प्रयास है, ताकि लोगों को सट्टेबाजी और जुए के खतरों से बचाया जा सके।
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केंद्र सरकार का उद्देश्य
इस बिल का मुख्य उद्देश्य देशभर में डिजिटल सट्टेबाजी (online gambling) को नियंत्रित करना है। इसके जरिए सट्टेबाजी से जुड़े एडिक्शन (addiction) और धोखाधड़ी जैसी समस्याओं से निपटना भी प्राथमिक लक्ष्य है।
\इस बिल में यह भी प्रावधान है कि विभिन्न राज्यों के अलग-अलग जुआ कानूनों के बीच समन्वय स्थापित किया जाए। इसके साथ ही, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) को केंद्रीय नियामक बनाया जाएगा, जो इस क्षेत्र में निगरानी रखेगा।
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विदेशी ऑपरेटरों पर भी बढ़ी कार्रवाई
ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर टैक्स पहले ही लागू किया जा चुका है। अक्टूबर 2023 में, मोदी सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी GST लागू किया था, जो 2025 के वित्तीय वर्ष से बढ़कर 30 फीसदी हो जाएगा।
इसके अलावा, विदेशी गेमिंग ऑपरेटरों को भी अब इस टैक्स नेटवर्क में शामिल किया गया है। दिसंबर 2023 में भारतीय दंड संहिता के तहत अनधिकृत सट्टेबाजी पर 7 साल तक की सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान लागू हुआ था।
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सख्त कदम और ब्लॉक किए गेमिंग ऐप्स
केंद्र सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़े 1,400 से अधिक सट्टेबाजी और जुआ साइट्स और ऐप्स को ब्लॉक किया है। इसके अलावा, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने गेमिंग से जुड़े विज्ञापनों में वित्तीय जोखिम और संभावित लत (addiction) के डिस्क्लेमर लगाने का निर्देश दिया है। इस कदम से गेमिंग इंडस्ट्री में कई बड़े बदलाव आ सकते हैं और यह कदम भारत में सट्टेबाजी से जुड़े अपराधों को नियंत्रित करने में मदद करेगा।
कानूनी कार्रवाई और भविष्य की दिशा
सरकार का यह कदम गेमिंग उद्योग को पूरी तरह से बदल सकता है। यह कदम भारत में सट्टेबाजी से जुड़े खेलों को रोकने और इसे नियंत्रित करने का प्रयास है। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि सरकार इस क्षेत्र में सख्त कदम उठाने के लिए तैयार है और यह भविष्य में इस पर और कड़ी कार्रवाई कर सकती है।
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1. बिल के प्रमुख प्रावधान...
- ऑनलाइन मनी गेमिंग पर रोक
- बैंक और वित्तीय संस्थानों पर प्रतिबंध
- रियल मनी गेमिंग के विज्ञापनों पर पाबंदी
2. GST और टैक्स बढ़ोतरी...
- ऑनलाइन गेमिंग पर 28% GST से बढ़ाकर 30% किया जाएगा
- विदेशी गेमिंग ऑपरेटरों को टैक्स नेटवर्क में शामिल किया गया
3. सट्टेबाजी और जुआ साइट्स पर सख्त कदम...
- 1,400 से अधिक सट्टेबाजी साइट्स को किया गया ब्लॉक
- विज्ञापनों में वित्तीय जोखिम और लत के डिस्क्लेमर लगाने का निर्देश
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