बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद भारतीय सीमाओं पर घुसपैठ का दबाव बढ़ गया है। वहीं पश्चिम बंगाल में एक ऐसा भी बॉर्डर है, जहां घुसपैठियों की कोई दाल नहीं गलती है। दरअसल, पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के कादीपुर में बीएसएफ (BSF) ने एक अनूठी योजना से सीमा की सुरक्षा मजबूत कर दी है। बता दें कि यहां बीएसएफ के जवान के साथ- साथ मधुमक्खियां भी सीमा की सुरक्षा कर रही है।
यहां 4 किलोमीटर की सीमा पर लगी फेंसिंग ( border fencing ) पर मधुमक्खी पालन (bee keeping) किया जा रहा है। इससे अवैध रूप से फेंसिंग काटने या घुसपैठ की कोशिश करने पर मधुमक्खियों का हमला हो जाता है।
मधुमक्खियों का 'मॉडल 32'
बीएसएफ की 32 बटालियन के कमांडेंट सुजीत कुमार ( Commandant Sujit Kumar ) ने इस पहल को शुरू किया है। इस पहल का नाम मॉडल 32 दिया गया है। फेंसिंग पर 200 से अधिक बी-बॉक्स (Bee Boxes) लगाए गए हैं। इससे न केवल सीमा की सुरक्षा बढ़ी है, बल्कि सीमावर्ती गांवों के सैकड़ों लोगों को रोजगार भी मिला है। मधुमक्खियों की सुरक्षा के कारण सीमा पर तस्करी के मामलों में भी कमी आई है।
मछली पालन के साथ-साथ सीमा सुरक्षा
बीएसएफ ने फेंसिंग के पास 10 फीट गहरे और 15X15 फीट चौड़े गड्ढों में मछली पालन (Fish Farming) भी शुरू किया है, इससे सीमापार से होने वाली थ्रोइंग (Throwing) गतिविधियों पर भी रोक लगी है। इस तरह के कदमों ने घुसपैठ और तस्करी पर प्रभावी लगाम लगाया है।
महिलाओं के लिए रोजगार
बीएसएफ के प्रयासों से न केवल पुरुषों की आपराधिक प्रवृत्ति घटी है, बल्कि महिलाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिले हैं। 100 से अधिक महिलाओं को अगरबत्ती बनाने, बेकरी और सिलाई की ट्रेनिंग दी गई है। इससे वे आत्मनिर्भर बन रही हैं।
क्षेत्रीय अपराधों में आई कमी
पहले ग्रामीण बीएसएफ से डरते थे, लेकिन अब वे बीएसएफ को सुरक्षा के रूप में देखने लगे हैं। बीएसएफ के साथ मधुमक्खियों के इस अनोखे प्रयोग ने घुसपैठ और तस्करी पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इससे ग्रामीणों को रोजगार मिला है और क्षेत्र में अपराध कम हुआ है।
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