छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के टिकरापारा थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक बांग्लादेशी परिवार पिछले 16 वर्षों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत में अवैध रूप से रह रहा था। पुलिस ने इस परिवार को धरमनगर इलाके से गिरफ्तार किया है।
किराए के मकान में रहकर लगाते थे अंडा-बिरयानी का ठेला
पुलिस के मुताबिक, आरोपी मोहम्मद दिलावर खान (49), उसकी पत्नी परवीन बेगम (45) और एक नाबालिग बेटी धरमनगर इलाके में किराए के मकान में रह रहे थे। वे अंडा और बिरयानी का ठेला लगाकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे। प्रारंभिक पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि वे बांग्लादेश के मुंशीगंज जिले के मुख्तारपुर थाना क्षेत्र के मूल निवासी हैं।
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फर्जी दस्तावेज और पासपोर्ट बरामद
टिकरापारा पुलिस ने जब उनके दस्तावेजों की जांच की तो कई अनियमितताएं सामने आईं। दिलावर ने 35 वर्ष की उम्र में खुद के लिए 8वीं कक्षा की फर्जी मार्कशीट बनवाई थी, जिससे पुलिस को शक हुआ। छानबीन में उनके घर से 4 पासपोर्ट भी बरामद हुए, जिनमें से दो पति-पत्नी के नाम पर और दो उनकी बेटी के नाम पर हैं जिनमें एक पुराना और एक नया पासपोर्ट शामिल है।
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विदेशी कॉल्स और बार-बार सीमा पार करने का संदेह
जांच में यह भी सामने आया है कि दिलावर ने पिछले 16 वर्षों में 4 बार भारत-बांग्लादेश सीमा पार की है। सबसे पहले वह बंगाल के बनगांव बॉर्डर से भारत आया और फिर अपनी पत्नी-बेटी को बुलाया। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं उनकी संपर्क किसी संदिग्ध नेटवर्क या समूह से तो नहीं है। दिलावर के मोबाइल से बांग्लादेश के कई नंबरों पर कॉल रिकॉर्ड भी पाए गए हैं, जिनमें एक नंबर उसकी बहन का है।
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भारत के कई शहरों में रहा, फिर रायपुर में बसा
पूछताछ में पता चला है कि दिलावर पहले नागपुर, फिर मुंबई और बाद में रायपुर आया। अंततः उसने धरमनगर क्षेत्र में ठिकाना बनाया और पिछले कई वर्षों से कई मकानों में किराए से रहा है। पुलिस का मानना है कि वह अनुकूल स्थान की तलाश में लगातार जगह बदलता रहा।
फर्जीवाड़े की गहराई से जांच जारी
फिलहाल पुलिस विदेशी नागरिक अधिनियम, फर्जी दस्तावेज बनवाने, और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े संभावित मामलों में जांच कर रही है। साथ ही, पासपोर्ट कार्यालय, फॉरेंसिक एक्सपर्ट और खुफिया एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है।
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