NEW DELHI. बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में आरक्षण के खिलाफ भड़की हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं। हजारों लोग जख्मी हैं। हालात इतने खराब हैं कि प्रदर्शनकारी लाठी, डंडे और पत्थर लेकर सड़कों पर घूम रहे है। बसों और वाहनों में आग के हवाले कर रहे हैं।
नौकरियों में आरक्षण के विरोध में हिंसक प्रदर्शन
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन देशभर में उग्र रूप ले चुका है। इस समय बस-ट्रेन और मेट्रो सेवा ठप हो गई है। इंटरनेट और सभी न्यूज चैनल बंद किए गए है। देशभर में स्कूल और विश्वविद्यालयों को बंद कर दिया गया है। बता दें कि इस हफ्ते बांग्लादेश में स्थिति और खराब हो गई है।
अब तक 778 भारतीयों की वतन वापसी
भारत ने हिंसक विरोध प्रदर्शनों को बांग्लादेश का आंतरिक मामला बताया है। हालांकि वहां की स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं। इस बीच भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया कि अब तक सैकड़ों भारतीय अलग-अलग मार्गों के जरिए वापस देश लौट आए हैं। बांग्लादेश से अब तक 778 भारतीयों ने वतन वापसी की।
मंत्रालय ने बताया कि अब तक 778 भारतीय छात्र विभिन्न भूमि बंदरगाहों के माध्यम से भारत लौट आए हैं। इसके अलावा, लगभग 200 छात्र ढाका और चटगांव हवाई अड्डों के माध्यम से नियमित उड़ान सेवाओं से घर लौट आए हैं।
छात्रों से संपर्क में भारतीय उच्चायोग
ढाका में भारतीय उच्चायोग और हमारे सहायक उच्चायोग बांग्लादेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में रह रहे 4000 से अधिक छात्रों के साथ नियमित संपर्क में हैं और उन्हें जरूरी सहायता दी जा रही है। नेपाल और भूटान के छात्रों की भी भारत आने में मदद की जा रही है। भारतीय उच्चायोग ने 13 नेपाली छात्रों को भी वहां से निकालने में मदद की है।
दो ट्रेनों को कैंसिल करने का फैसला
इसके साथ ही भारतीय रेलवे ने हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए दो ट्रेनों को कैंसिल करने का फैसला लिया गया है। शनिवार को कोलकाता-ढाका मैत्री एक्सप्रेस और रविवार को कोलकाता और खुलना के बीच बंधन एक्सप्रेस को रद्द किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक भारत-बांग्लादेश सीमा क्रॉसिंग बेनापोल-पेट्रापोल, गेडे-दर्शन और अखौरा-अगरतला छात्रों और भारतीय नागरिकों के घर वापसी के लिए खुले रहेंगे। भारतीय उच्चायोग बीएसएफ और आव्रजन ब्यूरो के साथ समन्वय में बांग्लादेश से भारतीय छात्रों को वतन लौटने में मदद कर रहा है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर खुद भारतीयों की सुरक्षा के संदर्भ में मामले पर करीबी नजर रख रहे हैं।
बांग्लादेश में क्यों फैली हिंसा
बांग्लादेश में हिंसा की आग भड़ने का मुख्य कारण छात्रों का सरकारी नौकरियों के लिए देश की कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग है। ढाका के बीआरएसी विश्वविद्यालय में छात्रों का विरोध प्रदर्शन अचानक तब हिंसा में बदल गया, जब पुलिस के साथ उनकी मुठभेड़ हो गई। विपक्षी दल, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और उसके सहयोगियों ने सड़कों, रेलवे और जलमार्गों पर देशव्यापी नाकाबंदी लगा दी है, जिससे आपूर्ति श्रृंखला पूरी तरह से बाधित हो गई है और परिवहन लागत बढ़ गई है।
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