BHOPAL. उत्तर भारत में ठंड और घने कोहरे का सितम जारी है। ऐसे में आज हम बात करने वाले हैं सर्दियों के सबसे खास अनाज बाजरे के बारे में, जिसे अंग्रेजी में मिलेट्स (Millets) भी कहा जाता है। बता दें कि इस कंपकंपाती ठंड में किसी सुपरफूड (superfood) से कम नहीं है ये मिलेट्स। आइए जानते हैं कि सर्दियों के मौसम (weather) में कितना सेहतमंद और आवश्यक है ये अनाज। साथ ही ये हमें किन-किन बीमारियों से बचाता है और इसका सही इस्तेमाल क्या है।
मिलेट से आप क्या समझते हैं?
आमतौर पर लोग मिलेट का मतलब ज्वार और बाजरा समझते हैं। लेकिन मिलेट्स की कैटेगरी में इनके अलावा और भी कई अनाज शामिल हैं। जैसे कि रागी, जिसे लाछमी या मंडुआ भी बोलते हैं। इसके अलावा कलमी, चेना, कुर्थी (कुलथी), कोदो, जंगोरा वगैरह सब मिलेट्स ही हैं। इनके अलावा कुछ सूडो मिलेट्स भी होते हैं। जैसे रामदाना, इसे कई जगहों पर चोलाई भी कहा जाता है।
पीएम मोदी भी मोटे अनाज के मुरीद
पीएम मोदी कई बार मिलेट्स की तारीफ कर चुके हैं। सबसे पहले उन्होंने अपने चर्चित कार्यक्रम ‘मन की बात’ में मोटे अनाज के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए लोगों से अपील की थी। फिर संसदीय दल की बैठक में सांसदों से इसके इस्तेमाल की अपील की। इतना ही नहीं, उनके कहने पर जी-20 की बैठक में मेहमानों को भी मिलेट्स परोसे गए।
खेत को उपजाऊ बनाती है मिलेट्स
अगर आप मिलेट का सेवन करेंगे तो जाहिर है कि इसकी उपज भी बढ़ाई जाएगी। बता दें कि मिलेट्स खेत को उपजाऊ बनाने का काम भी करता है। इसकी खेती में पानी की ज्यादा जरूरत नहीं होती। उत्तर प्रदेश के कानपुर में मिलेट्स पर काम कर रही संस्था अनमोल ग्रीन्स के फाउंडर शांतिभूषण पांडेय का कहना है कि “मिलेट कोई नया अनाज नहीं है, हम भारतीयों के लिए तो बिल्कुल भी नहीं। हम सालों से इसका इस्तेमाल करते आए है। हमारे पूर्वज भी यही खाया करते थे। उनका कहना है कि गेहूं और चावल खाना तो हमने हरित क्रांति के बाद शुरू किया। अब फिर से अपने पूर्वजों के खाने पर शिफ्ट हो रहे हैं क्योंकि गेहूं और चावल के मास और हाइब्रिड प्रोडक्शन से इनका न्यूट्रीशन लेवल घट रहा है। दूसरा, इन्हें उगाने के लिए अधिक मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है। लेकिन मिलेट तो बंजर धरती पर भी उग सकता है, सूखे में उग सकता है। इनमें पानी की खपत बहुत कम है, ऊपर से ये न्यूट्रीशन से भरपूर होता है।”
डॉक्टर दे रहें हैं मिलेट्स खाने की सलाह
एक समय था जब धीरे-धीरे मिलेट हमारी थाली से गायब सा होने लगा था। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट की मानें तो पूरी दुनीया में डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, हाइपरटेंशन, इंफ्लेमेशन जैसी बीमारियां कई गुना बढ़ गई हैं। इस तरह की बीमारियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए
आए दिन डॉक्टर मिलेट्स खाने की सलाह दे रहे हैं। इसकी ये मुख्य वजह हैं।
मिलेट्स का ग्लूटन फ्री होना।
- ग्लाइसेमिक इंडेक्स पर इसका लो होना यानी तेजी से ब्लड शुगर लेवल न बढ़ाना।
- इसका कॉम्प्लेक्स कार्ब से भरपूर होना।
- मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखना।
- फाइबर से भरपूर होना यानी माइक्रोबायोम्स के लिए उपयोगी होना।
- सर्दियों में बाजरा खाना बेहद सेहतमंद माना जाता है। इसकी तासीर गर्म होती है, जो शरीर को गर्म रखती है।
- पहले तो ये ग्लूटेन फ्री होता है। जो लोग ग्लूटेन सेंसिटिव हैं, उनके लिए ये बहुत अच्छा है।
- इसमें प्रोटीन, आयरन, मैग्नीशियम, मैंगनीज, फाइबर जैसे शरीर के लिए जरूरी तत्व होते हैं।
- इसके फाइबर्स कम खाने में भी पेट भरा होने का एहसास कराते हैं और हमें लंबे समय तक भूख नहीं लगती।
- इसकी कम कैलोरीज और हाई फाइबर वजन घटाने में मददगार हैं।
- बाजरा कोलेस्ट्रॉल कम करके दिल के रोगों के जोखिम कम करता है। ब्लड सर्कुलेशन को दुरुस्त रखता है।
मिलेट्स को अपने डाइट में कैसे शामिल करें
गेहूं, चावल खाते हुए अचानक मोटे अनाजों पर शिफ्ट होना आसान काम नहीं है। पेट को भी इसे स्वीकारने में थोड़ा वक्त लग सकता है। इसलिए एकदम से डाइट चेंज करने की बजाय इसे धीरे-धीरे बदलें
- पहले एक मील में गेंहू की रोटी खाने की बजाय मोटे अनाज की रोटी खाएं।
- गेहूं के आटे में रागी, ज्वार या बाजरा मिलाकर उसकी रोटी बनाएं। जैसे 10 किलो आटे में 5 किलो गेहूं और 5 किलो मिलेट्स।
- इडली, डोसा या पास्ता जो भी खाएं, उसमें मिलेट्स का इस्तेमाल करें।
- बाजरा, ज्वार, रागी को चावल की तरह भी सब्जियां डालकर बनाया जा सकता है, जैसे हम वेजीटेबल दलिया बनाते हैं।
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नमकीन, स्नैक्स वगैरह भी मैदे का नहीं, बल्कि मिलेट्स का बना हो
Q&A
Q: बाजरा का सही इस्तेमाल कैसे करें?
A: बाजरा का कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। आप इसे रोटी, खिचड़ी, दलिया, लड्डू, हलवा, इडली, डोसा आदि बनाकर खा सकते हैं। बाजरा का आटा भी बाजार में आसानी से उपलब्ध होता है। आप इस आटे से स्वादिष्ट रोटी, पराठे, पकौड़े, बिस्किट आदि बना सकते हैं।
Q: बाजरा का नुकसान क्या हैं?
A: बाजरा का कोई खास नुकसान नहीं हैं। हालांकि, जिन लोगों को बाजरा से एलर्जी है, उन्हें इसे नहीं खाना चाहिए। इसके अलावा, बाजरा में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, इसलिए जिन लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं हैं, उन्हें बाजरा का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।
Q: बाजरा कहां मिलता है?
A: बाजरा भारत के कई राज्यों में उगाया जाता है। आप इसे बाजार में, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से खरीद सकते हैं। इसके अलावा, ऑनलाइन भी बाजरा खरीदने की सुविधा उपलब्ध है।