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Photograph: (the sootr)
बिहार में नेताप्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपना नाम वोटर लिस्ट से कट जाने का का खुलासा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया है। उन्होंने मीडिया से कहा कि उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है, उनके घर बीएलओ BLO (Booth Level Officer) आई थी, हमारा सत्यापन भी किया गया, लेकिन मतदाता सूची में नाम ही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पत्नी का नाम भी इस सूची में नहीं है।
तेजस्वी के इस खुलासे से राजनीतिक हलकों में चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे। इधर पटना के डीएम ने इन आरोपों का खंडन करते हुए मतदाता सूची व मतदाता क्रमांक जारी कर नेता प्रतिपक्ष के दावों की हवा निकाल दी। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए आयोग मतदाता सूची वोटर वेरिफिकेशन कर रहा है।
बिना नोटिस काट दिए 65 लाख नाम
मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बताया कि प्रदेश में 65 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम मनमाने तरीके से काट दिए गए है। हर विधानसभा से 20 से 30 हजार तक मतदाताओं के नाम काटे गए है।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने नाम काटने से पहले संबंधित मतदाता को कोई नोटिस नहीं दिया, साथ ही किसी प्रकार का कोई सार्वजनिक विज्ञापन तक जारी नहीं किया गया, जिसके चलते आयोग की मंशा संदेहास्पद हो जाती है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने जो सूची उन्हें उपलब्ध करवाई है उसमे किसी मतदाता का सही पता नहीं है। जिससे मतदाता का फिजिकल वैरिफिकेशन नहीं हो पा रहा है।
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पटना डीएम ने बताया दावे को गलत, जारी की सूची
इधर तेजस्वी यादव के इन आरोपों का खंडन करते हुए पटना डीएम एसएन त्यागराजन ने बूथ लिस्ट जारी की है। उन्होंने कहा कि मीडिया से मालूम पड़ा है कि तेजस्वी यादव का नाम विशेष गहन पुनरीक्षण के प्रारूप मतदाता सूची में नहीं है। उन्होंने कहा कि जानकारी के बाद सूची की जांच करवाई गई, जांच के दौरान पता चला कि नेता प्रतिपक्ष का नाम मतदाता सूची में दर्ज है।
मतदाता सूची में उनका नाम मतदान केंद्र संख्या 204, बिहार पशु विज्ञान विश्व विज्ञान विश्वविद्यालय पुस्तकालय भवन पर मतदाता क्रमांक संख्या 416 पर दर्ज है। डीएम ने बताया कि इससे पूर्व उनका नाम बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पुस्तकालय भवन मतदान केंद्र संख्या 171 पर मतदाता संख्या 481 पर दर्ज था।
ऐसे जानें तेजस्वी यादव के आरोप और आयोग के जबाव![]() तेजस्वी यादव का नाम वोटर लिस्ट से कटने का मामला: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उनका नाम वोटर लिस्ट से काटा गया है, जबकि उनका सत्यापन किया गया था। चुनाव आयोग पर आरोप: तेजस्वी ने चुनाव आयोग पर पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया, कहा कि वोटर लिस्ट से 65 लाख वोटरों के नाम काटे गए हैं, जिनके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। पटना DM का जवाब: पटना के DM एस एन त्यागराजन ने तेजस्वी के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उनका नाम वोटर लिस्ट में 416 नंबर पर मौजूद है, और पहले यह नाम 481 नंबर पर था। मुस्लिम बहुल जिलों में ज्यादा नाम कटे: किशनगंज, कटिहार, और दरभंगा जैसे मुस्लिम बहुल जिलों में बड़ी संख्या में वोटर्स के नाम हटाए गए, जिससे इन इलाकों में राजनीतिक असर पड़ सकता है। चुनाव आयोग से तेजस्वी यादव की चुनौती: तेजस्वी ने चुनाव आयोग को चुनौती दी कि वह 65 लाख वोटरों के नाम कटने की प्रक्रिया में पारदर्शिता दिखाए और इन नामों को सार्वजनिक करे। |
दो गुजरातियों के कहने में चल रहा चुनाव आयोग
अपनी प्रेस कांफ्रेंस में तेजस्वी यादव ने इशारों-इशारों में पीएम मोदी व गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव आयोग धांधली कर रहा हैै। आयोग इस समय गोदी आयोग बनकर रह गया है। आयोग की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता का अभाव है।
उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा सुप्रीम कोर्ट तक के सुझावों की अनदेखी की है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग दो गुजरातियों के कहने में चल रहा है। राजनैतिक पार्टियों को सही जानकारी नहीं दी जा रही है।
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आयोग ने जारी किया पहले चरण का डाटा
इधर शनिवार को चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट गहन परीक्षण अभियान (वोटर वेरिफिकेशन) के पहले चरण का डाटा जारी किया, इसके मुताबिक पुरानी सूची से 65 लाख 64 हजार मतदाताओं के नाम हटाए गए है। चुनाव आयोग ने बताया कि नई सूची में 7 करोड़ 24 लाख 5756 लोगों के नाम है, पहले इस सूची में 7 करोड़ 89 लाख मतदाताओं के नाम शामिल थे।
आयोग के अनुसार एक अगस्त को जारी आंकडे़ के अनुसार 22 लाख 34 हजार वोटरों के नाम निधन होने पर काटे गए है तो वहीं 36 लाख 28 हजार वोटर एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट हो गए है। इस सूची में 7 लाख एक हजार वोटरों के नाम दो-दो जगह दर्ज पाए गए थे, जिन्हें एक जगह से हटाया गया है।
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