दलित विधायक को मंदिर प्रवेश के बाद बीजेपी नेता ज्ञानदेव आहूजा की ओछी हरकत से बवाल

कांग्रेस और भाजपा के बीच राजस्थान में बढ़ता विवाद, बीजेपी नेता ज्ञानदेव आहूजा द्वारा गंगाजल छिड़कने को लेकर कांग्रेस ने जोरदार विरोध किया है। इस विवाद के बाद भाजपा और कांग्रेस में सियासी तनातनी बढ़ गई है।

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Jitendra Shrivastava
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bjp-leader-sprays-gangajal Photograph: (thesootr)

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राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा के बीच सियासी विवाद एक नई ऊँचाई पर पहुँच गया है, जब भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा ने रामलला मंदिर में गंगाजल छिड़कने का विवादित कदम उठाया। यह घटना तब सामने आई, जब नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली रामलला मंदिर में गए थे। आहूजा ने दावा किया कि गंगाजल से मंदिर को पवित्र किया गया, क्योंकि कांग्रेसियों को रामनवमी पर मंदिर में बुलाए जाने के कारण वह 'अपवित्र' हो गया था। इस कदम के बाद कांग्रेस ने इसे दलित विरोधी मानसिकता का प्रमाण बताते हुए भाजपा पर जमकर हमला किया है।

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बीजेपी नेता ने क्यों किया गंगाजल छिड़काव?

ज्ञानदेव आहूजा ने सोमवार को रामगढ़ के शालीमार स्थित रामलला मंदिर में गंगाजल छिड़कने का कदम उठाया। उनका दावा था कि कांग्रेसियों को रामनवमी के दिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समय मंदिर में बुलाया गया था, जिससे मंदिर अपवित्र हो गया था। आहूजा ने कहा, "मैंने गंगाजल छिड़ककर मंदिर को पवित्र किया है।" उनका यह बयान और उनके द्वारा उठाया गया कदम भाजपा और कांग्रेस के बीच एक नया विवाद का कारण बन गया।

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कांग्रेस का आक्रोश और विरोध

कांग्रेस ने इस घटना को दलितों के खिलाफ एक साजिश के रूप में देखा और इसे पार्टी के नेता टीकाराम जूली के खिलाफ एक हमले के रूप में लिया। जूली, जो खुद दलित समुदाय से आते हैं, ने कहा कि यह उनके और पूरे दलित वर्ग का सामूहिक अपमान है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि वह स्थिति को स्पष्ट करें और भाजपा की इस मानसिकता को जन-समूह के सामने रखें।

गहलोत और डोटासरा ने जताई नाराजगी

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी आहूजा के बयान पर अपनी नाराजगी जताई। डोटासरा ने अपने ट्वीट में कहा, "भाजपा के दिल में दलितों से दुर्भावना, नफ़रत और ईर्ष्या भरी है।" वहीं गहलोत ने लिखा कि क्या राजस्थान के मुख्यमंत्री एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष इस घृणित कृत्य से सहमत हैं? क्या भाजपा अपने नेता पर कार्रवाई करेगी?"

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यह मेरी आस्था पर हमला है: टीकाराम जूली

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि भाजपा ने उनके दलित होने का फायदा उठाकर उनका अपमान किया है। उन्होंने कहा, "यह मेरी आस्था पर हमला है। मैं विधानसभा में दलितों की आवाज उठाता हूं, लेकिन भाजपा मुझे गंगाजल से मंदिर धुलवाने की बात कह रही है।" उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस मुद्दे पर स्पष्टता देने की मांग की है, ताकि यह मामला और न बढ़े।

भाजपा ने दिया कारण बताओ नोटिस

ज्ञानदेव आहूजा की इस हरकत पर भाजपा प्रदेश संगठन ने कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी की मूल विचारधारा और अनुशासन का उल्लंघन किया है। पार्टी ने अपने नोटिस में लिखा कि आपने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण करते समय यह प्रतिज्ञा की थी कि आप किसी भी रूप में अस्पृश्यता को नहीं मानेंगे, लेकिन आपने मंदिर में जाकर गंगाजल छिड़क कर इस शपथ का उल्लंघन किया है।
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प्रदेशभर में कांग्रेस का प्रदर्शन

कांग्रेस ने इस घटना के विरोध में मंगलवार को प्रदेशभर में प्रदर्शन करने का ऐलान किया। जिला कांग्रेस कमेटियों की ओर से यह विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे। कांग्रेस ने इसे भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता का प्रतीक बताया है और इसे पार्टी के खिलाफ एक साजिश के रूप में देखा है। कांग्रेस के नेता इस मुद्दे को केवल राजनीति से नहीं, बल्कि समाज में समानता और अधिकारों के उल्लंघन के रूप में भी देख रहे हैं।

 

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