कामकाजी महिलाओं के लिए आसानी, बच्चों की देखभाल सरकार करेगी, जानें योजना

पालना योजना सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जो कामकाजी माताओं को बच्चों की देखभाल में मदद करने के लिए डे-केयर सेवाएं और पोषण सुनिश्चित करती है। अब बच्चों की देखभाल के चलते कई महिलाओं को नहीं छोड़नी होगी अपनी नौकरी...

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Jitendra Shrivastava
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आजकल महिलाएं शिक्षा, कौशल और रोजगार के क्षेत्र में काफी प्रगति कर रही हैं। महिलाएं अब न केवल अपने घरों में, बल्कि बाहर भी काम करके रोजगार के क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं। हालांकि, उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती बच्चों की देखभाल और उनके पालन-पोषण की होती है, खासकर उन कामकाजी महिलाओं के लिए जो दिन-प्रतिदिन नौकरी पर जाने के लिए घर से बाहर निकलती हैं। बच्चों की देखभाल की चिंता के चलते कई महिलाएं अपनी नौकरी छोड़ने के बारे में सोचती हैं।

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कामकाजी महिलाओं की इस समस्या का समाधान करने के लिए सरकार ने पालना योजना (Palna Yojana) शुरू की है। यह योजना खासतौर पर कामकाजी महिलाओं के लिए है, ताकि वे अपने बच्चों की देखभाल की चिंता किए बिना अपने करियर पर ध्यान दे सकें। पालना योजना के माध्यम से सरकार बच्चों की देखभाल, पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित कर रही है, ताकि समाज में एक स्वस्थ और समावेशी वातावरण का निर्माण हो सके।

पालना योजना क्या है? 

पालना योजना एक सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य 6 महीने से 6 साल तक के बच्चों के लिए सुरक्षित, संरक्षित और गुणवत्तापूर्ण देखभाल सुनिश्चित करना है। इस योजना के तहत बच्चों को शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य सेवाएं और सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जाता है। खासकर उन परिवारों को यह योजना लाभ देती है, जहां एकल परिवार होते हैं और माता-पिता दोनों कामकाजी होते हैं, जिसके कारण बच्चों की देखभाल में समस्या होती है। 

पालना योजना के तहत सरकार ने विशेष रूप से डे-केयर क्रेच सेवाएं शुरू की हैं, ताकि माताओं को बच्चों की देखभाल की चिंता किए बिना अपने कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिल सके।

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पालना योजना का उद्देश्य...

पालना योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों के लिए एक सुरक्षित और संरक्षित वातावरण प्रदान करना है, ताकि उनका मानसिक, शारीरिक और शैक्षिक विकास सही तरीके से हो सके। इस योजना के तहत दी जाने वाली सुविधाएं निम्नलिखित हैं:

  1. गुणवत्तापूर्ण क्रेच सुविधाएं (Quality creche facilities): बच्चों के लिए सुरक्षित और पोषक वातावरण सुनिश्चित किया जाता है।
  2. पोषण सहायता (Nutrition support): बच्चों को स्थानीय स्रोतों से प्राप्त पोषण सामग्री उपलब्ध कराई जाती है।
  3. टीकाकरण (Vaccination): बच्चों को उनके स्वास्थ्य के लिए जरूरी टीकाकरण दिया जाता है।
  4. संज्ञानात्मक विकास (Cognitive development): बच्चों का संज्ञानात्मक विकास सुनिश्चित किया जाता है, जिससे उनका मानसिक विकास सही तरीके से हो सके।

पालना योजना से कौन लाभान्वित होते हैं? 

पालना योजना से मुख्य रूप से कामकाजी महिलाएं लाभान्वित होती हैं, खासकर वे महिलाएं जिनके पास बच्चों की देखभाल करने के लिए पर्याप्त समय या संसाधन नहीं होते। इसके अलावा, एकल परिवारों में बच्चों की देखभाल का जिम्मा अक्सर केवल माताओं पर ही होता है, जिससे उनकी नौकरी पर असर पड़ता है। इस योजना के तहत, माताओं को बच्चों के लिए एक सुरक्षित और संरक्षित वातावरण मिलता है, जिससे वे अपने करियर में भी सफलता पा सकती हैं।

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पालना योजना में मिलने वाली सुविधाएं... 

  1. क्रीच सेवाएं

    पालना योजना के तहत, बच्चों के लिए सुरक्षित और संरक्षित क्रीच सेवाएं प्रदान की जाती हैं। यहां 3 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए विशेष गतिविधियां आयोजित की जाती हैं, जो उनकी शारीरिक और मानसिक विकास में मदद करती हैं।
  2. प्री-स्कूल शिक्षा

    3 से 6 वर्ष तक के बच्चों के लिए प्री-स्कूल शिक्षा दी जाती है। इसमें बच्चों को प्राथमिक शिक्षा दी जाती है, ताकि वे स्कूल जाने के लिए तैयार हो सकें।
  3. पोषण 

    पालना योजना के तहत बच्चों को पोषण प्रदान किया जाता है, जो मुख्यतः स्थानीय स्रोतों से प्राप्त होता है। यह बच्चों के शारीरिक विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है।
  4. स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण 

    पालना योजना में बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जाती है और उन्हें जरूरी टीकाकरण भी दिया जाता है, जिससे उनका स्वास्थ्य सुरक्षित रहता है।
  5. विकास निगरानी 

    बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास की निगरानी की जाती है, ताकि उनका विकास सही दिशा में हो सके। देश दुनिया न्यूज

 

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