DAMOH. दमोह मिशन अस्पताल में सात हार्ट पेशेंट्स की मौत के आरोपी डॉक्टर नरेंद्र जॉन केम उर्फ नरेंद्र विक्रमादित्य यादव को कोर्ट ने 5 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। इससे पहले नरेंद्र जॉन ने पुलिस के सामने फर्जी डॉक्यूमेंट्स होने की बात स्वीकार कर ली है।
नरेंद्र जॉन केम ने बताया कि उसकी कार्डियोलॉजिस्ट की डिग्री पर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर थे। यह प्रमाण पत्र पॉन्डिचेरी विश्वविद्यालय से हासिल किए थे। इस मामले की जांच में और भी चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इसके अलावा उसने अपनी डिग्रियां एडिट की थीं।
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7 मौतों के आरोपी फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव को पुलिस कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत लेकर पहुंची। CJM स्नेहा सिंह की कोर्ट में उसे पेश किया गया था, जहां से उसे 5 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। इस दौरान अदालत में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात थी।
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आरोपी से होगी कड़ी पूछताछ
इस मामले में पुलिस अब आरोपी से कड़ी पूछताछ करेगी। पुलिस के मुताबिक, आरोपी डॉक्टर ने पहले गुमराह करने की कोशिश की थी। जांच के दौरान यह भी पता चला कि डॉक्टर नरेंद्र जॉन केम का असली नाम विक्रमादित्य नरेंद्र यादव था और वह उत्तराखंड का नहीं, बल्कि कानपुर का निवासी है।
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ऐसे खुला था फर्जी डिग्रियों का मामला
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने एक गहरी जांच शुरू की है। डॉक्टर ने सात हार्ट ऑपरेशन किए थे, जिनमें से 7 मरीजों की मौत हुई। इसकी शुरुआत तब हुई जब एक मरीज के परिवार वालों ने डॉक्टर की शिकायत की और उसके बाद मामला मानवाधिकार आयोग तक पहुंच गया। इसके बाद, सीएमएचओ मुकेश जैन ने इस मामले में मिशन अस्पताल से डॉक्टर की जानकारी मांगी थी। जब अस्पताल ने डॉक्यूमेंट्स दिए, तो उन पर संदेह हुआ क्योंकि इनमें हामिद अंसारी के हस्ताक्षर थे। इसके बाद डॉक्यूमेंट्स की पुष्टि की गई, जिसमें यह स्पष्ट हो गया कि वे फर्जी थे।
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