7 हार्ट पेशेंट की मौत का आरोपी फर्जी डॉक्टर नरेंद्र जॉन केम प्रयागराज से गिरफ्तार

दमोह के मिशन अस्पताल में फर्जी हार्ट सर्जन डॉक्टर विक्रमादित्य यादव को प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया है। नरेंद्र जॉन केम उर्फ नरेंद्र यादव को फर्जी ऑपरेशन के मामले में अरेस्ट किया गया है।

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Sandeep Kumar
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Fake doctor Narendra John Kem
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दमोह के मिशन अस्पताल में फर्जी डॉक्टर द्वारा ऑपरेशन किए जाने के मामले में फर्जी हार्ट सर्जन नरेंद्र जॉन केम को प्रयागराज से अरेस्ट किया गया है। नरेंद्र यादव ने खुद को कार्डियक स्पेशलिस्ट बताकर इस अस्पताल में नौकरी हासिल की थी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, विक्रमादित्य यादव ने दमोह के अस्पताल में 43 दिनों तक काम किया और इस दौरान उसने 7 मरीजों का हार्ट ऑपरेशन किया, जिसमें सभी की मौत हो गई थी।

अस्पताल प्रशासन की लापरवाही

चौंकाने वाली बात यह है कि अस्पताल प्रबंधन को विक्रमादित्य यादव के स्टेट मेडिकल काउंसिल (एमसीआई) में रजिस्ट्रेशन न होने के बावजूद उसे काम पर रखा था। इसके बाद भी उसने मरीजों का इलाज और ऑपरेशन किया, जो कि बेहद खतरनाक साबित हुआ। इस मामले का खुलासा होते ही फरार हो गया था।

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फर्जी डॉक्टर का लंबा करियर

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नरेंद्र यादव पिछले 18 सालों से फर्जी डॉक्टर के रूप में काम कर रहा था और देश के विभिन्न हिस्सों में नौकरी कर चुका था। उसने कई नामी डॉक्टरों की डिग्रियां प्राप्त कर खुद को प्रमाणित डॉक्टर के रूप में प्रस्तुत किया था। इसने खुद को ब्रिटेन के प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट एनकेम जोन के रूप में प्रस्तुत किया था।  

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राजेंद्र प्रसाद शुक्ल का भी किया था ऑपरेशन

इस फर्जी डॉक्टर ने केवल अस्पतालों में ही नहीं, बल्कि अगस्त 2006 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल का ऑपरेशन भी किया था। इस ऑपरेशन के 20 दिन बाद ही उनकी मौत हो गई थी। 

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फर्जी डॉक्टर का असली चेहरा

अस्पताल प्रबंधन ने इस फर्जी डॉक्टर को मोटे पैकेज पर रखा था, लेकिन यह भी जानकारी मिली है कि वह अस्पताल द्वारा दिए गए आवास में नहीं बल्कि एक निजी होटल में रह रहा था। यह पूरी घटना तब सामने आई जब ऑपरेशन के दौरान मरीजों की मौत की खबर फैलने लगी और उसकी पहचान उजागर हुई।

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पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने विक्रमादित्य यादव के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं और उसे गिरफ्तार कर लिया है। अस्पताल के खिलाफ भी जांच शुरू कर दी गई है, और कहा जा रहा है कि दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

 

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