देश की आधी आबादी फ्रोजन शोल्डर से परेशान, विश्व योग दिवस पर ये ट्रिक देंगे तुरंत आराम

बढ़ती उम्र और जीवनशैली के कारण शरीर में लचीलापन की कमी हो सकती है, लेकिन योग के आसन इससे निपटने में मदद करते हैं।इंटरनेशनल योगा डे के मौके पर जानते हैं कि किस तरह योग की मदद से हम शरीर की लचक को सुधार कर सकते हैं...

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Kaushiki
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आजकल बढ़ती उम्र और आधुनिक जीवनशैली की वजह से शरीर में लचीलेपन की समस्याएं बढ़ रही हैं। 40 से 45 साल की उम्र के लोगों के शरीर में भी लचक में कमी आ रही है। अक्सर हम देखते हैं कि बहुत से लोग हाथ ऊपर करने या नीचे झुकने में भी परेशानी का सामना कर रहे हैं।

यह समस्या आमतौर पर फिजिकल एक्टिविटीज की कमी, गलत बैठने की आदतें, तनाव और पोषण की कमी के कारण उत्पन्न होती है। तो इन समस्याओं से बचने या इन्हें कम करने के लिए योग एक सबसे प्रभावी उपाय साबित हो सकता है।

हर साल हम 21 जून को इंटरनेशनल योगा डे मनाते हैं। इस अवसर पर हम इस विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे और जानेंगे कि किस तरह योग की मदद से हम शरीर की लचक को सुधार सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

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शरीर की लचक में कमी क्यों हो रही है

आजकल की जीवनशैली में लोग शारीरिक गतिविधियों से दूर हो गए हैं। कंप्यूटर, स्मार्टफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की अधिकता ने हमें शारीरिक रूप से आलसी बना दिया है।

इस तरह के जीवन में जो लोग फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते, उन्हें शरीर में लचक की समस्याएं होती हैं। इसके अलावा, गलत बैठने की आदतें, अत्यधिक मानसिक तनाव और अनियमित आहार भी इसके कारण बनते हैं।

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बढ़ते उम्र के साथ शरीर में लचक

40-45 साल की उम्र में, शरीर की लचक कम होने की प्रक्रिया स्वाभाविक होती है। इस उम्र में जोड़ों और मांसपेशियों की लचक घटने लगती है। ऐसे में ब्लड  सर्कुलेशन में कमी होने के कारण शरीर में थकान और दर्द भी महसूस होने लगता है।

खासकर, जिन लोगों ने पहले फिजिकल एक्टिविटी की कमी की हो या किसी दुर्घटना के कारण शारीरिक समस्या झेली हो, उन्हें ये समस्याएं अधिक होती हैं।

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क्या कहती है WHO की रिपोर्ट

2024 के विश्व स्वास्थ्य संगठन के रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की लगभग आधी आबादी शारीरिक गतिविधि में पर्याप्त रूप से शामिल नहीं है। यह ट्रेंड 2000 से काफी बढ़ा है, जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर खतरे उत्पन्न हो रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में महिलाएं (57.2%) पुरुषों (42%) के मुकाबलों में ज्यादा शारीरिक गतिविधि से दूर रही थीं।

वहीं नई रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में भारत में फिजिकल इनएक्टिविटी की दर 49.4% तक पहुंच गई, जो 2000 में 22.3% थी। इस तरह के ट्रेंड से देश में विभिन्न नॉन-कम्युनिकेबल बीमारियों जैसे दिल की बीमारियां और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा भी बढ़ सकता है। रिपोर्ट का मानना है कि अगर यही स्थिति रही तो 2030 तक भारत की 60% वयस्क आबादी अस्वस्थ हो सकते हैं।

WHO का मानना है कि हर वयस्क को हर सप्ताह कम से कम 150 से 300 मिनट की मध्यम शारीरिक गतिविधि या 75 से 150 मिनट की उच्च शारीरिक गतिविधि करनी चाहिए। इस तरह की गतिविधियों की कमी से दिल की बीमारियों, टाइप 2 डायबिटीज, मेन्टल प्रोब्लेम्स और कैंसर जैसे खतरे बढ़ते हैं।

ग्लोबल पर्सपेक्टिव से, भारत फिजिकल इनएक्टिविटी के मामले में 195 देशों में से 12वें स्थान पर है। 2022 में, दुनियाभर में 31% वयस्कों ने शारीरिक गतिविधि के सुझावों का पालन नहीं किया। WHO के हेल्थ प्रमोशन डायरेक्टर डॉ. रडिगर क्रेच ने कहा कि फिजिकल इनएक्टिविटी एक चुपचाप बढ़ता हुआ खतरा है, जो वैश्विक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है।

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क्या समस्याएं हो सकती हैं

हाथ और पैरों को झुकना में मुश्किल आना

शरीर की लचक में कमी आने पर बहुत से लोग सीधे खड़े होते हुए या बैठते हुए हाथ ऊपर नहीं कर पाते। उन्हें नीचे झुकने में भी परेशानी महसूस होती है। यह समस्या कम या अनियमित फिजिकल एक्टिविटी के कारण होती है।

मांसपेशियों का तनाव

मांसपेशियों में कसाव या तनाव भी लचक में कमी की एक प्रमुख वजह है। इससे मांसपेशियां कठोर हो जाती हैं और लचीलापन घटता है।

जोड़ों में अकड़न

बढ़ती उम्र में जोड़ों में अकड़न और दर्द महसूस होना आम बात है। यह हड्डियों के जोड़ का सही तरीके से काम न करने या ज्यादा देर तक एक ही स्थिति में रहने से होता है।

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कैसे सुधार सकते हैं शरीर की लचक

आप इन आसन से अपने शरीर की लचक को सुधार सकते हैं

Utkatasana (Chair Pose): Meaning, Steps & 9 Powerful Benefits

उत्कटासन (Chair Pose):

यह आसन आपके पैरों, पीठ और जांघों को मजबूत करता है और शरीर की लचक को बढ़ाता है। इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी और जोड़ों की मजबूती भी बढ़ती है।

कैसे करें: खड़े होकर, दोनों पैरों को कंधे के समानांतर रखें। फिर हाथों को ऊपर उठाकर, कमर से नीचे की ओर बैठने की कोशिश करें, जैसे कि किसी कुर्सी पर बैठ रहे हों।

Young sporty Indian female performing yoga asana indoors standing on mat  practising Adho Mukha Svanasana Downward facing dog pose strengthens arms  improves body posture healthy life habit concept | Premium Photo

अधोमुख श्वानासन (Downward Dog Pose):

यह आसन शरीर के ऊपरी और निचले हिस्से के लचीलापन को बढ़ाने में मदद करता है। यह हाथों, पैरों, और रीढ़ की हड्डी को स्ट्रेच करता है।

कैसे करें: घुटनों और हाथों के बल खड़े होकर, अपने शरीर को एक उलटे V आकार में लाने की कोशिश करें।

Bhujangasana - Pranava Ayurveda

भुजंगासन (Cobra Pose):

यह आसन पीठ और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है और शरीर को लचीला बनाता है।

कैसे करें: पेट के बल लेटकर, दोनों हाथों को कंधे के नीचे रखें और अपनी छाती को ऊपर की ओर उठाएं, जैसे कि सांप की तरह।

The Lotus pose! (Padmasana) पद्मासन

पद्मासन (Lotus Pose):

यह आसन मानसिक शांति को बढ़ाता है और शरीर की लचक को भी सुधारता है। यह मुख्य रूप से पैरों और रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है।

कैसे करें: जमीन पर बैठकर, दोनों पैरों को आपस में लाकर, दोनों घुटनों को जमीन की ओर दबाएं और शरीर को सीधा रखें।

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sarvangasana | Shoulder Stand Pose| Steps, Benefits, Precautions

सर्वांगासन (Shoulder Stand):

यह आसन शरीर को पूरी तरह से लचीला बनाता है और रक्त संचार को बेहतर करता है। इससे पीठ और गर्दन की मांसपेशियों में आराम मिलता है।

कैसे करें: अपनी पीठ पर लेटकर, पैरों को ऊपर उठाकर, सिर और कंधों पर संतुलन बनाए रखें।

Benefits of Vajrasana (Thunderbolt Pose) - Vinyasa Yoga Academy Blogs

व्रजासन (Thunderbolt Pose):

यह आसन घुटनों, जांघों और पीठ को लचीला बनाने में मदद करता है। यह विशेष रूप से उम्रदराज लोगों के लिए फायदेमंद है।

कैसे करें: घुटनों के बल बैठकर, पैर के पंजों को दबाकर बैठें और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।

Yoga in Hindi, Banefits and Types of Yoga in Hindi: पढ़िए योगा क्या है? योग  के लाभ, योग के नियम, योग के प्रकार और योग आसन - India TV Hindi

योग क्यों है मददगार

योग शरीर और मानसिक स्थिति को संतुलित करने का सबसे प्रभावी तरीका है। नियमित योग अभ्यास से शरीर की लचक बढ़ती है, मांसपेशियों में ताकत आती है और रक्त संचार बेहतर होता है। योग के कई आसन हैं, जो लचक बढ़ाने में मदद करते हैं।

ध्यान और प्राणायाम से मानसिक शांति मिलती है और तनाव कम होता है, जिससे शरीर का लचीलापन भी बढ़ता है। प्राणायाम से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि मानसिक शांति और तनाव कम करने में भी मदद मिलती है। इससे शरीर में लचीलापन बढ़ता है और जोड़ों के दर्द को भी राहत मिलती है।

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इंटरनेशनल योगा डे के बारे में

इंटरनेशनल योगा डे हर साल 21 जून को मनाया जाता है। यह दिन योग के महत्व को बढ़ावा देने और शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करने के लिए निर्धारित किया गया है।

2014 में संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को मान्यता दी और तब से यह पूरी दुनिया में हर साल मनाया जाता है। योग शारीरिक लचीलापन, मानसिक शांति और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का एक प्रभावी तरीका है।

इस अवसर पर हमें यह याद रखना चाहिए कि योग न केवल शरीर को लचीला बनाता है, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी मजबूत करता है। 

तो अगर आप भी अपने शरीर में लचक की कमी महसूस करते हैं, तो योग के आसनों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। यह न केवल शरीर को स्वस्थ बनाएगा, बल्कि आपकी ऊर्जा को भी बढ़ाएगा।

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