पहलवानों के उत्पीड़न केस में बृजभूषण सिंह पर आरोप तय , कोर्ट ने दिया आदेश

महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के मामले में बीजेपी सांसद और IWF के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में बृजभूषण शरण सिंह और सह-अभियुक्त विनोद तोमर के खिलाफ आरोप तय किए है।

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Vikram Jain
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Brij Bhushan Sharan Singh Delhi Rouse Avenue Court wrestler sexual harassment case
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NEW DELHI. कैसरगंज सीट से बीजेपी सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ यौन शोषण मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court Delhi) में आरोप तय किया गया है। पांच महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले (wrestler sexual harassment case) में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न, पीछा करने, महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने और आपराधिक धमकी देने के आरोप तय किए।

साथ ही कोर्ट ने सह-अभियुक्त विनोद तोमर के खिलाफ आईपीसी की धारा 506 के तहत आपराधिक धमकी के अपराध के लिए भी आरोप तय किए हैं। विनोद तोमर डब्ल्यूएफआई के पूर्व सहायक सचिव हैं। यह आदेश राउज एवेन्यू कोर्ट की अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत (Magistrate Priyanka Rajput) ने आदेश पारित किया है।

मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य : कोर्ट

अदालत ने कहा कि आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं। अदालत ने भारतीय कुश्ती महासंघ (Indian Wrestling Federation) के पूर्व प्रमुख सिंह पर IPC की धारा 354ए (यौन उत्पीड़न), 354 (शील भंग करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत अपराध में आरोप तय किए है। बृजभूषण सिंह पर महिला पहलवानों की गरिमा को ठेस पहुंचाने का भी आरोप लगा है। कोर्ट को बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सामग्री मिली है। हालांकि, छठे पहलवान द्वारा लगाए गए आरोपों के संबंध में बृजभूषण शरण सिंह को आरोपमुक्त कर दिया।

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पहलवानों ने लगाए थे यौन उत्पीड़न के आरोप

दरअसल, बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ छह पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप (sexual harassment allegations) लगाए थे। उनकी शिकायतों के आधार पर पुलिस ने सांसद के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की थी। 15 जून 2023 को पुलिस ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (शील भंग करना), 354ए (यौन टिप्पणी), 354डी (पीछा करना) और 506(1) (आपराधिक धमकी) के तहत अपराध के लिए आरोप पत्र दायर किया था। 

शिकायतकर्ताओं ने पहले बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जांच सही रास्ते पर है। बृजभूषण शरण सिंह पर एक नाबालिग पहलवान ने भी आरोप लगाए थे। हालांकि, बाद में उसने अपनी शिकायत वापस ले ली और दिल्ली पुलिस ने उस मामले में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो अधिनियम) के तहत क्लोजर रिपोर्ट दायर की।

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कोर्ट के फैसले पर क्या बोले सिंह?

बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया आज कोर्ट ने चार्ज फ्रेम किया है। चार्जशीट पहले लगी थी, जिसका मैंने विरोध किया था, जिसे कोर्ट ने नहीं माना, एक मामले को छोड़कर कोर्ट ने चार्ज फ्रेम किया है। उन्होंने आगे कहा कि,  मैं कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं, अब मेरे लिए रास्ते खुल गए क्योंकि जब आप चार्ज पर अपनी बात रखते हैं तो कोई गवाह, कोई साक्ष्य आप अलग से नहीं रख सकते। पुलिस ने जो चार्ज लगाया है उसी के आस-पास आपको रहना होता है। न्यायपालिका के फैसले का स्वागत है। विकल्प खुले हैं, इस प्रकरण का सामना किया जाएगा।

मामले में पहलवानों ने किया था प्रदर्शन

बता दें कि वर्ल्ड चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट से लेकर ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया समेत देश के कई पहलवानों ने WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों से यौन शोषण के आरोप लगाए थे और दिल्ली के जंतर-मंतर में काफी लंबे वक्त तक प्रदर्शन भी किया था।

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