ग्वालियर में तैयार हो रही बीएसएफ की दुर्गा ड्रोन स्क्वाड्रन, आपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को दिया था मुंहतोड़ जवाब

BSF की महिला अफसरों को ग्वालियर में ड्रोन कमांडो ट्रेनिंग दी जा रही है। ऑपरेशन सिंदूर में बहादुरी दिखाने वाली महिलाएं अब दुर्गा ड्रोन स्क्वाड्रन का हिस्सा बनकर देश की सीमाओं की रक्षा करेंगी। इससे बॉर्डर सिक्योरिटी और टेक्निकल इंपावरमेंट बढ़ेगा।

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Sanjay Dhiman
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BSF women drown unit

Photograph: (the sootr)

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Gwalior.ऑपरेशन सिंदूर में BSF की महिला अफसरों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया था। इन्होंने पंजाब सीमा पर पाकिस्तान से आए ड्रोन हमलों को नाकाम किया था। उनकी इसी बहादुरी को देखते हुए, उन्हें अब एक खास जिम्मेदारी के लिए चुना गया है।

BSF की महिला अफसरों को ग्वालियर की टेकनपुर अकादमी में 6 हफ्तों की विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। यह ट्रेनिंग उन्हें ड्रोन कमांडो बनाएगी। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद, इस प्रशिक्षित टीम को दुर्गा ड्रोन स्क्वाड्रन नाम दिया जाएगा।
यह BSF की पहली महिला ड्रोन स्क्वाड्रन होगी। इसके बाद, देश की अन्य सीमाओं से भी महिला अफसरों को यह प्रशिक्षण मिलेगा। दुर्गा ड्रोन स्क्वाड्रन देश की सीमाओं की रक्षा दुश्मन के ड्रोन से करेगी।

ऑपरेशन सिंदूर की बहादुरी का इनाम

ऑपरेशन सिंदूर में बीएसएफ की महिला अफसरों ने पाकिस्तान के ड्रोन हमलों का सफलतापूर्वक मुकाबला किया। इनकी बहादुरी को देखते हुए, इन्हें प्रशिक्षण के लिए चुना गया है। यह देश की अपनी पहली तरह की महिला ड्रोन स्क्वाड्रन होगी।

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ड्रोन कमांडो प्रशिक्षण की प्रक्रिया

टेकनपुर अकादमी में महिला अफसरों को ड्रोन उड़ाने और निगरानी मिशनों की ट्रेनिंग दी जा रही है। उन्हें सीमा पार से आने वाले ड्रोन खतरों से निपटने, इलेक्ट्रॉनिक डिटेक्शन और रेस्पॉन्स सिस्टम की ट्रेनिंग भी मिल रही है। इसके अलावा, उन्हें खोजबीन और राहत कार्यों की जानकारी भी दी जाएगी।

बीएसएफ की दुर्गा ड्रोन स्क्वाड्रन निर्माण और प्रशिक्षण को ऐसे समझें

  1. ऑपरेशन सिंदूर में बहादुरी दिखाने वाली BSF की महिला अफसरों को ड्रोन कमांडो बनने की विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है।
  2. यह 6 हफ्तों की ट्रेनिंग ग्वालियर की टेकनपुर अकादमी में हो रही है, जो उन्हें दुश्मन के ड्रोन हमलों से निपटने के लिए तैयार करेगी।
  3. ट्रेनिंग के बाद, इस खास प्रशिक्षित महिला टीम को 'दुर्गा ड्रोन स्क्वाड्रन' नाम दिया जाएगा, जो BSF की पहली महिला ड्रोन यूनिट होगी।
  4. महिला अफसरों को ड्रोन उड़ाने, इलेक्ट्रॉनिक डिटेक्शन सिस्टम और रियल-टाइम इंटेलिजेंस का उपयोग करने का गहन प्रशिक्षण मिल रहा है।
  5. यह पहल 'नारी शक्ति' का प्रतीक है और यह यूनिट तकनीक का उपयोग करके देश की सीमाओं पर सुरक्षा को और भी मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।

रियल-टाइम इंटेलिजेंस और डेटा विश्लेषण

इस ड्रोन स्क्वाड्रन रियल-टाइम इंटेलिजेंस और डेटा एनालेसिस तकनीक से भी लैस होगी। इसका उद्देश्य सीमा सुरक्षा को और अधिक मजबूत करना है। महिला अफसरों की भूमिका इस स्क्वाड्रन में अत्यधिक महत्वपूर्ण होगी। वे टेक्निकली स्ट्रांग होने से सीमा पर होने वाले खतरे को तुरंत पहचान सकेंगी। तत्काल कार्रवाई कर सकेंगी।

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महिला शक्ति की पहचान बनेगी यह यूनिट

अकादमी के प्रमुख दलजीत सिंह ने कहा है कि आजकल युद्ध सिर्फ ताकत से नहीं, बल्कि तकनीक से लड़ा जा रहा है। उन्होंने महिलाओं की तीन खासियतें धैर्य, शुद्धता और दृढ़ता पर जोर दिया। उनका मानना है कि महिलाएं ड्रोन ऑपरेशंस में बहुत अहम भूमिका निभा सकती हैं।

यह प्रशिक्षण डॉ. शमशेर सिंह के नेतृत्व में हो रहा है। इस ट्रेनिंग के बाद, ये महिला अफसर नई तकनीक से लैस होकर सीमा की सुरक्षा मजबूत करेंगी। BSF देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रहा है। दुर्गा ड्रोन स्क्वाड्रन इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

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