Buddha Purnima 2024 : बुद्ध पूर्णिमा के चाँद को क्यों कहते हैं Flower Moon

बुद्ध पूर्णिमा के चंद्रमा को फ्लावर मून का नाम दिया गया है। कुछ भागों में इसे प्लांटिंग मून और मिल्क मून भी कहा जा रहा है। गुरूवार 23 मई की शाम लगभग 7 बजे के आसपास यह फ्लावर मून पूर्व दिशा से निकलेगा। 

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Deeksha Nandini Mehra
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 बुद्ध पूर्णिमा

Buddha Purnima 2024 Special

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Buddha Purnima 2024 Special :  बुद्ध पूर्णिमा 2024 ( गुरूवार 23 मई ) के चंद्रमा को फ्लावर मून ( Flower Moon ) का नाम दिया गया है। कुछ भागों में इसे प्लांटिंग मून ( Planting Moon ) और मिल्क मून ( Milk Moon ) भी कहा जा रहा है। गुरूवार 23 मई की शाम लगभग 7 बजे के आसपास यह फ्लावर मून की स्थिति में पूर्व दिशा से निकलेगा। 

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क्यों कहते हैं Flower Moon

 नेशनल अवार्ड प्राप्‍त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया पश्चिमी देशों में मई में कई जंगली फूल खिलते हैं, संभवत: रंग- बिरंगे फूलों ने वहां के निवासियों को चंद्रमा के इस नामकरण के लिए प्रेरित किया है। आकाश में विभिन्‍न ग्रह एवं पूर्णिमा का चंद्रमा एक आकाशीय घड़ी के रूप मे कार्य करते हैं जिनसे दिन, महीने, साल का अनुमान लगाया जाता रहा है। भारत में माह का नामकरण पूर्णिमा पर चंद्रमा के आसपास स्थित नक्षत्र के नाम पर किया जाता रहा है।  चूंकि आज चंद्रमा विशाखा नक्षत्र में है तो इस महीने का नाम वैशाख रखा और पूर्णिमा को वैशाखी पूर्णिमा नाम दिया गया। अब अगला फ्लावर मून ( Flower Moon ) 12 मई 2025 को होगा। 

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शुभ मुहूर्त 

बुद्ध पूर्णिमा शुभ मुहूर्त ( Buddha Purnima 2024 Shubh Muhurat ) पूर्णिमा तिथि इस बार 22 मई, बुधवार को शाम 6 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगी और समापन 23 मई, गुरुवार को रात 7 बजकर 22 मिनट पर होगा। हालांकि, उदयातिथि के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा इस बार 23 मई, गुरुवार को ही मनाई जाएगी। इस दिन स्नान दान का समय सुबह 4:04 से लेकर सुबह 5:26 मिनट तक रहेगा।

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बुद्ध पूर्णिमा का इतिहास 

गौतम बुद्ध का जन्म का नाम सिद्धार्थ (Siddhartha) था। गौतम बुद्ध एक आध्यात्मिक गुरु थे। जिनकी शिक्षाओं से बौद्ध धर्म की स्थापना हुई थी। बुद्ध के अनुयायी बुद्ध पूर्णिमा को बुद्ध के जन्म के रूप मनाते हैं। माना जाता है कि इसी दिन बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। गौतम बुद्ध का जन्म नेपाल के लुम्बिनी (Lumbini) में हुआ था। सरनाथ में गौतम बुद्ध भगवान ने शिक्षा ग्रहण की थी। बौद्ध लेखों के अनुसार, गौतम बुद्ध ने बिहार के बोधगया में एक बोधि वृक्ष के नीचे ध्यान लगाया था और वहीं ज्ञान की प्राप्ति की थी। ऐसी मान्यता है कि गौतम बुद्ध को इसी दिन आत्मज्ञान की प्राप्ती हुई। कुशीनगर (Kushinagar) में भगवान बुद्ध को मोक्ष की प्राप्ति हुई। कई लोग गौतम बुद्ध भगवान को विष्णु  (Lord Vishnu) का 9वां अवतार मानते हैं और कई लोग भगवान कृष्ण (Lord Krishna) का 8वां अवतार मानते हैं।

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