budget 2025: बजट 2025 में टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी गई है। नई टैक्स व्यवस्था के तहत अगले वित्त वर्ष 2025-26 में 12 लाख रुपए सालाना इनकम वालों को 80 हजार रुपए की बचत होगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट में 12 लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले टैक्सपेयर्स को आयकर से छूट देने की घोषणा की है। चलिए जानतें हैं कर व्यवस्था में विशिष्ट आय (Specific Income) क्या होती है।
क्या होती है विशिष्ट आय
विशिष्ट आय (Specific Income) वह आय होती है जिसे किसी विशेष स्रोत या गतिविधि से अर्जित किया जाता है और जो कराधान (Taxation) के उद्देश्यों से विशिष्ट रूप से वर्गीकृत होती है। इस प्रकार की आय पर आम तौर पर अलग-अलग नियम, दरें और कटौतियां लागू हो सकती हैं। विशिष्ट आय को सरकार द्वारा निर्धारित टैक्स नियमों के तहत परिभाषित किया जाता है। इसके लिए कई बार विशेष प्रावधान (Special Provisions) बनाए जाते हैं, ताकि उस आय पर सही तरीके से कर लगाया जा सके।
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विशिष्ट आय के प्रकार
- वेतन आय (Salary Income)
- नौकरी या सेवाओं के बदले में प्राप्त वेतन, भत्ते (Allowances), बोनस (Bonus) आदि।
- इस पर आयकर अधिनियम के तहत विशेष कर छूटें और कटौतियां लागू हो सकती हैं।
- व्यावसायिक और पेशेवर आय (Business and Professional Income)
- व्यापार (Business) या पेशेवर सेवाओं (Profession) से प्राप्त मुनाफा।
- इस आय पर व्यावसायिक खर्चों को घटाने के बाद कर लगाया जाता है।
- संपत्ति से आय (Income from Property)
- किराए या संपत्ति से होने वाली अन्य आय।
- इसमें संपत्ति कर (Property Tax) और अन्य कटौतियों का लाभ लिया जा सकता है।
- पूंजीगत लाभ (Capital Gains)
- किसी संपत्ति, शेयर, भूमि, या अन्य परिसंपत्तियों को बेचने से प्राप्त लाभ।
- यह लघु अवधि (Short-term) और दीर्घकालिक (Long-term) लाभों में विभाजित होता है, जिन पर अलग-अलग कर दरें लागू होती हैं।
- अन्य स्रोतों से आय (Income from Other Sources)
- ब्याज (Interest), लाभांश (Dividend), लॉटरी, या अन्य अप्रत्याशित स्रोतों से अर्जित आय।
- कृषि आय (Agricultural Income)
- कृषि भूमि से होने वाली आय, जैसे खेती, बागवानी या अन्य कृषि गतिविधियों से अर्जित राशि।
- भारत में यह आय कर मुक्त होती है, लेकिन इसके लिए विशेष शर्तें होती हैं।
बजट 2025 : 12 लाख तक ऐसे ही मिल पाएगी छूट
विशिष्ट आय पर कराधान
हर प्रकार की आय पर अलग-अलग कर दरें लागू हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, पूंजीगत लाभ पर कर दर वेतन आय की दरों से भिन्न होती है।
कटौतियां और छूट (Deductions and Exemptions): करदाता अपनी आय के प्रकार के आधार पर विभिन्न कर छूटों और कटौतियों का लाभ उठा सकता है। उदाहरण के लिए, वेतन आय पर HRA, यात्रा भत्ता आदि कटौतियां मिलती हैं।
विशेष प्रावधान (Special Provisions): सरकार विशिष्ट आय के लिए विशेष प्रावधान जैसे टैक्स रिबेट (Tax Rebate), टैक्स क्रेडिट (Tax Credit) आदि उपलब्ध कराती है।
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उदाहरण
वेतन आय: अगर किसी व्यक्ति का वेतन 8,00,000 रुपए है, तो उस पर टैक्स स्लैब के अनुसार कर लगाया जाएगा।
पूंजीगत लाभ: अगर कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति 10 लाख रुपए में बेचकर 2 लाख रुपए का लाभ कमाता है, तो वह राशि पूंजीगत लाभ की श्रेणी में आएगी।
निष्कर्ष (Conclusion): विशिष्ट आय कर व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। विभिन्न प्रकार की आय पर अलग-अलग कर नियम लागू होते हैं। करदाता को अपनी आय के स्रोतों और उन पर लागू कर प्रावधानों को समझकर अपनी कर योजना बनानी चाहिए, ताकि वह छूटों और कटौतियों का अधिकतम लाभ उठा सके।
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