New Update
/sootr/media/media_files/2025/02/01/vIN1mslKEx86slIvaGRg.jpg)
Listen to this article
0.75x
1x
1.5x
00:00
/ 00:00
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया। लगातार 8वीं बार बजट पेश कर रहीं वित्त मंत्री सीतारमण ने इनकम टैक्स को लेकर बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए ऐलान किया कि अब नौकरीपेशा वर्ग को 12 लाख रुपए तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। हालांकि, यह छूट केवल नए टैक्स रिजीम के तहत ही मिलेगी। इतना ही नहीं, नौकरीपेशा लोगों के लिए 75 हजार रुपए के स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ यह छूट 12.75 लाख रुपए तक हो जाएगी।
हालांकि, अब टैक्सपेयर्स इस उलझन में हैं कि उनकी 12.75 लाख की इनकम टैक्स फ्री कैसे होगी। तो आपको बता दें कि अभी भी नए टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपए की सालाना इनकम 10 फीसदी टैक्स स्लैब में आ रही है।
आइए इसे आपको आसान भाषा में और विस्तार से समझाते हैं।
12.75 लाख की इनकम ऐसे होगी टैक्स फ्री
- आयकर की धारा 87ए के तहत टैक्सपेयर्स को टैक्स में छूट मिलती है। इसके तहत पुराने टैक्स रिजीम के लिए 12,500 रुपए और नए टैक्स रिजीम में 60 हजार रुपए की छूट मिलती है।
- इसको आसान भाषा में कहें तो नए टैक्स रिजीम में आपकी टैक्स देनदारी 60 हजार रुपए से कम है तो आपको कोई टैक्स देने की जरूरत नहीं है। इस तरह से आपकी 12 लाख रुपए तक की कमाई टैक्स फ्री होगी।
- इसे आप ऐसे समझिए कि 0 से 4 लाख रुपए तक की कमाई टैक्स फ्री है। 4 से 8 लाख पर 5 फीसदी के हिसाब से 20 हजार रुपए की टैक्स देनदारी बनेगी।
- अगले 4 लाख यानी 8 से 12 लाख रुपए पर आपको 10 फीसदी टैक्स देना होगा जो 40 हजार रुपए बनते हैं।
- इस तरह से 12 लाख तक की सालाना कमाई पर 60 हजार रुपए का टैक्स देना होगा जिस पर सरकार ने 60 हजार रुपए की सीधी छूट देने की घोषणा की है।
- अब अगर इसमें 75 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी जो़डा जाएगा तो 12.75 लाख रुपए तक की सालाना कमाई पूरी तरह से टैक्स फ्री हो जाएगी।
टैक्स में छूट का फायदा लेने के लिए करना होगा यह काम
यदि आप नौकरीपेशा हैं और वेतनभोगी हैं तो आपको आयकर की धारा 87A के तहत टैक्स में छूट का दावा करने के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना होगा। इसके बाद आपका आयकर रिटर्न क्लियर होने के बाद छूट के पैसे सीधे आपके अकाउंट में आ जाएंगे।
ये खबर भी पढ़ें...
नए टैक्स रिजीम में किया गया है बदलाव
जानकारी के लिए बता दें कि नए टैक्स रिजीम के स्लैब में भी बदलाव किया गया है, लेकिन पुराने टैक्स रिजीम में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है।
इनकम टैक्स की धारा 87ए के तहत नए टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपए तक की छूट दी गई है। इसको इस तरह से समझें। मान लीजिए आपकी कमाई 12 लाख रुपए तक है तो 4 से 8 लाख रुपए पर लगने वाले 5% टैक्स और 8 से 12 लाख रुपए पर लगने वाले 10% टैक्स को सरकार माफ कर देगी।
यानी आपकी 12 लाख रुपए तक की कमाई पूरी तरह से टैक्स फ्री हो जाएगी।
इसके साथ ही सैलरी पाने वाले लोगों को 75 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा यानी किसी की सालाना कमाई 12.75 लाख रुपए है तो उसे भी इस पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।
ये खबर भी पढ़ें...
बजट 2025 : क्यों लाल रंग का होता है बजट ब्रीफकेस, जानिए इसके पीछे छुपे धार्मिक और ऐतिहासिक राज
बजट 2025 में सस्ता और महंगा: बैटरी वाली कार, मोबाइल फोन होंगे सस्ते, जानें क्या हुआ महंगा
जानिए, आपकी कमाई पर कैसे और कितना लगेगा टैक्स -
नए टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपए तक की कमाई पर 0 टैक्स
पुराने स्लैब | पुरानी दर | नया स्लैब | नई दर |
3 लाख तक | 0% | 4 लाख तक* | 0% |
3-7 लाख तक | 5% | 4-8 लाख तक* | 5% |
7-10 लाख तक | 10% | 8-12 लाख तक* | 10% |
10-12 लाख तक | 15% | 12-16 लाख तक | 15% |
12-15 लाख तक | 20% | 16-20 लाख तक | 20% |
15 लाख से ज्यादा | 30% | 20-24 लाख से ज्यादा | 25% |
24 लाख से ज्यादा | 30% |
(नोट - * नए टैक्स रिजीम में 4-8 लाख पर 5% टैक्स और 8-12 लाख पर लगने वाला 10% सरकार सीधे माफ कर देती है।)
जानिए नए रिजीम में कैसे होगा टैक्स में फायदा
आय |
टैक्स पहले / अब |
फायदा | 12 लाख तक छूट | कुल फायदा | टैक्स |
8 लाख | 30 हजार/20 हजार | 10 हजार | 20 हजार | 30 हजार | 0 |
9 लाख | 40 हजार/30 हजार | 10 हजार | 30 हजार | 40 हजार | 0 |
10 लाख | 50 हजार/40 हजार | 10 हजार | 40 हजार | 50 हजार | 0 |
11 लाख | 65 हजार/50 हजार | 15 हजार | 50 हजार | 65 हजार | 0 |
12 लाख | 80 हजार /60 हजार | 20 हजार | 60 हजार | 80 हजार | 0 |
16 लाख | 1.7 लाख/ 1.2 लाख | 50 हजार | 0 | 50 हजार | 1.2 लाख |
20 लाख | 2.9 लाख /2 लाख | 90 हजार | 0 | 90 हजार | 2 लाख |
24 लाख | 4.1 लाख /3 लाख | 1.1 लाख | 0 | 1.1 लाख | 3 लाख |
50 लाख | 11.9 लाख/ 10.8 लाख | 1.1 लाख | 0 | 1.1 लाख | 10.8 लाख |
(नोट - टैक्स की यह गणना आयकर की धारा 87ए के तहत दी जाने वाली राहत के बाद की गई है।)
टैक्स रिजीम (Tax Regime) क्या होता है?
टैक्स रिजीम (Tax Regime) का मतलब है एक ऐसा ढांचा या प्रणाली जिसके तहत सरकार करदाताओं पर टैक्स नियमों को लागू करती है। यह निर्धारित करता है कि कितनी आय (Income) पर कितना टैक्स (Tax) देना होगा, कौन-कौन से टैक्स छूट (Tax Exemptions) और कटौतियां (Deductions) मिलेंगी और किन दरों (Rates) पर टैक्स वसूला जाएगा।
आमतौर पर एक देश में कई तरह की टैक्स रिजीम होती हैं, जिनमें आयकर (Income Tax), वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax, GST), कॉर्पोरेट टैक्स (Corporate Tax) आदि शामिल होते हैं।
टैक्स रिजीम के प्रकार (Types of Tax Regimes) :
1. पुरानी टैक्स रिजीम (Old Tax Regime)
- इसमें करदाताओं को कई प्रकार की छूट (Exemptions) और कटौतियां (Deductions) मिलती हैं।
- प्रमुख कटौतियां जैसे 80C (Investment deductions), 80D (Health Insurance Premium), HRA (House Rent Allowance) का लाभ लिया जा सकता है।
- टैक्स स्लैब (Tax Slabs) की दरें अपेक्षाकृत अधिक होती हैं।
2. नई टैक्स रिजीम (New Tax Regime)
- इसे सरकार ने सरल और कम टैक्स दरों के साथ पेश किया है।
- नई टैक्स रिजीम में अधिकतर छूट और कटौतियां समाप्त कर दी गई हैं।
- कम टैक्स दरों के कारण यह उन करदाताओं के लिए फायदेमंद है जो ज्यादा कटौतियों का दावा नहीं करते।
उदाहरण :
यदि आपकी वार्षिक आय ₹10 लाख है, तो पुरानी रिजीम में छूटों के बाद आपकी टैक्स देय राशि कम हो सकती है। वहीं, नई रिजीम में सीधे कम टैक्स दरें लागू होंगी, पर छूटें नहीं मिलेंगी।