कुछ प्रेम कहानियां अधूरी जरूर रह जाती हैं, मगर लोगों के दिलों में अमिट छाप छोड़ जाती हैं। कैप्टन अंशुमन सिंह और स्मृति स्मृति सिंह ( Captain Anshuman Singh Love Story ) की प्रेम कहानी भी कुछ ऐसी ही है। यह कहानी दुनिया के सामने तब आई, जब सियाचिन ग्लेशियर में शहीद हुए कैप्टन अंशुमन की विधवा को लोगों ने नम पर गर्व भरी आंखों से उनका कीर्ति चक्र लेते देखा।
पहली नजर का प्यार
स्मृति और अंशुमन की मुलाकात इंजीनियरिंग कॉलेज के पहले साल में हुई थी। स्मृति बताती हैं कि उन्हें पहली नजर में ही अंशुमन से प्यार हो गया था। पर शायद इस प्यार में हमेशा से दूरियां ही लिखी थीं। मुलाकात के एक महीने के बाद ही अंशुमन का सिलेक्शन मेडिकल कॉलेज में हो गया।
8 साल तक स्मृति और अंशुमन लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में रहे। इस दूरी ने उनके प्यार को कभी कम नहीं होने दिया बल्कि हर दिन प्यार खुमार चढ़ता रहा। 8 साल के रिलेशनशिप के बाद दोनों का आखिर साथ रहने का समय आया। फरवरी 2023 में को कैप्टन अंशुमन और स्मृति की शादी हुई पर दूरी तो इनकी किस्मत में लिखी थी। शादी के 2 महीने बाद ही कैप्टन की सियाचिन ग्लेशियर में पोस्टिंग हो गई।
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50 साल साथ रहने का वादा, 5 महीने में ही छूट गया साथ
18 जुलाई 2023 को स्मृति और अंशुमन ने लंबी बातचीत की। स्मृति बताती हैं कि इस बातचीत के दौरान उन्होंने अपने आने वाले 50 सालों की प्लानिंग कर ली थी। पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
अब तक अंशुमन से दूरी स्मृति किसी तरह सहती जा रही थी क्योंकि उनके अस्तित्व का एहसास तो था। लेकिन इस बार स्मृति का अंशुमन फिर उनसे दूर चला गया और इस बार इतना दूर की अब दुनिया के उस पार जाकर ही मुलाकात होगी। शादी के 5 महीने बाद ही 19 जुलाई 2023 को कैप्टन अंशुमन सिंह शहीद हो गए। 50 साल का साथ, 5 महीने में ही छूट गया।
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सियाचिन ग्लेशियर में शहीद हुए कैप्टन अंशुमन
कैप्टन अंशुमन सिंह पंजाब रेजिमेंट की 26 वीं बटालियन की सेना मेडिकल कोर में शामिल थे। 19 जुलाई 2023 की सुबह सेना के असले में आग लग गई। कैप्टन अंशुमन इस दौरान घायल हुए जवानों को सहायता प्रदान कर रहे थे।
इस दौरान आग बढ़ते-बढ़ते मेडिकल शैल्टर तक आ गई। कैप्टन अंशुमन ने जवानों के इलाज के लिए आग से जूझकर दवाएं निकालनी चाही। इस दौरान वे गंभीर रूप से घायल हुए और शहीद हो गए। अपने काम और जवानों के लिए इस समर्पण भाव के चलते उन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया।
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