आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सशस्त्र बलों के जवानों को सैन्य पुरस्कार ( gallantry awards ) से सम्मानित करेगी। इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के भी एक जवान शहीद हवलदार विवेक सिंह तोमर को शौर्य चक्र से सम्मानित किया जाएगा।
हवलदार विवेक सिंह तोमर 11 जनवरी 2023 को सियाचिन ग्लेशियर में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए थे। वे मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के रहने वाले हैं। मरणोपरांत शहीद का वीरता पुरस्कार उनकी पत्नी को राष्ट्रपति भवन में दिया जाएगा।
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साथियों को बचाते हुए दिया बलिदान
हवलदार विवेक सिंह तोमर सियाचिन ग्लेशियर में पोस्टेड थे। इस दौरान 11 जनवरी 2023 की दोपहर तापमान नियंत्रण बिल्डिंग की मशीनरी में कोई खराबी आ गई। इसके चलते बिल्डिंग में धुआं भरने लगा। हवलदार तोमर इस स्थिति में अपने साथियों सहित सुरक्षित बाहर निकले।
बाहर निकलने के बाद बिल्डिंग की मशिनरी ठीक करने वे फिर से अंदर गए। उस समय सियाचिन ग्लेशियर का तापमान माइनस 52 डिग्री सेल्सियस था। ऐसे में मशिनरी ठीक न होने से सभी जवानों की जान को खतरा हो सकता था।
इस दौरान उनके फेफड़ों में धुआं घुसने लगा। हालत बिगड़ने पर हवलदार तोमर के साथी पैदल ही उन्हें अस्पताल लाने निकले। हालांकि रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
अपने साथियों की जान बचाने और कठिन परिस्थिति में भी समस्या का निजात निकालने के प्रयास को सराहते हुए हवलदार विवेक सिंह तोमर को शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा रहा है।
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क्यों दिया जाता है शौर्य चक्र ?
शौर्य चक्र भारत में शांति के समय दिया जाना वाला वीरता पुरस्कार है। यह शांति के समय दिया जाने वाला तीसरा सबसे बड़ा पुरस्कार है। यह सम्मान साल में दो बार 15 अगस्त और 26 जनवरी को शौर्य चक्र की घोषणा की जाती है। राष्ट्रपति द्वारा यह पुरस्कार दिया जाता है।
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