/sootr/media/media_files/2025/10/05/cec-bihar-sir-success-now-nationwide-implementation-2025-10-05-23-19-59.jpg)
Photograph: (The Sootr)
PATNA. मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बिहार में SIR (स्वच्छ मतदान सूचियों की पुनरीक्षण) प्रणाली की सफलता की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली ने मतदाता सूची के सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और बिहार चुनाव की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाया है। CEC ने कहा कि यह सफलता चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और सहज बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसे अब पूरे देश में लागू किया जाएगा।
सिस्टम सुधार की दिशा में उठाए गए अहम कदम
ज्ञानेश कुमार ने यह भी बताया कि बिहार में 90,217 बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) ने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। बिहार के अनुभव को देशभर के चुनावों के लिए प्रेरणा बना दिया है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि पोलिंग बूथों पर मोबाइल ले जाने की अनुमति होगी और 100 मीटर की दूरी पर पोलिंग एजेंट को बैठने की व्यवस्था की जाएगी।
ये भी पढ़ें... SIR को लेकर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल,बीजेपी पर भी साधा निशाना
पोलिंग बूथ वेबकास्टिंग की व्यवस्था
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि बिहार चुनाव 2025 में पोलिंग बूथों की 100% वेबकास्टिंग की जाएगी। इसका उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता को बढ़ाना और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को रोकना है। इसके साथ ही, उम्मीदवारों के लिए EVM पर उनके फोटो लगाना भी एक अहम कदम होगा, जिससे चुनावों की विश्वसनीयता और बढ़ेगी।
नई-पुरानी दोनों वोटर कार्ड से दे पाएंगे वोट
नए वोटर कार्ड की व्यवस्था पर चर्चा करते हुए CEC ने कहा कि जिनके वोटर कार्ड में बदलाव हुआ है, उन्हें जल्द ही नया ईपिक कार्ड प्राप्त होगा। वहीं, पुराने वोटर कार्ड को भी वैध माना जाएगा। CEC ने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव में भाग लेने के लिए पहले से मान्य किए गए सभी दस्तावेज़ अभी भी मान्य रहेंगे।
ये भी पढ़ें... सुप्रीम कोर्ट की सख्ती : बिहार SIR पर फैसला पूरे भारत में लागू होगा, गड़बड़ी हुई तो रद्द
देशभर में लागू होगी SIR
CEC ज्ञानेश कुमार ने बताया कि SIR प्रणाली की सफलता के बाद इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले चुनाव में भारत के किसी भी बूथ पर 1200 से अधिक वोटर नहीं होंगे। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि BLOs को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा कि मतदाता आसानी से पहचान पाए और मतदान प्रक्रिया में कोई बाधा न आए।
चुनाव से पहले रिवीजन आवश्यक
चुनाव आयोग को चुनाव से पहले मतदाता सूची का रिवीजन करना जरूरी है, ताकि कोई अयोग्य वोटर मतदाता सूची में न हो। CEC ने कहा कि यह रिवीजन सभी चुनावों से पहले होता है और यह लोकतंत्र के लिए आवश्यक प्रक्रिया है।
ये भी पढ़ें... बिहार SIR पर सुप्रीम कोर्ट का चुनाव आयोग को निर्देश, आधार कार्ड को वैध दस्तावेज माना जाए
मतदान प्रक्रिया में बदलाव और मॉक पोल
मॉक पोल की प्रक्रिया को भी चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा बनाने की बात CEC ने की। मॉक पोल के जरिए मतदान केंद्र पर पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी और सभी उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंट को समय पर सूचित किया जाएगा।
भोजपुरी और मैथिली में मतदाताओं का अभिनंदन
पत्रकारों से बातचीत के दौरान CEC ने बिहार के मतदाताओं का भोजपुरी और मैथिली में अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव को छठ महापर्व की तरह मनाएं और हर एक मतदाता को इस प्रक्रिया में अपनी सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए।
ये भी पढ़ें... Thesootr Prime: क्या SIR लोकतंत्र से सबसे कमजोर लोग बाहर कर देगा? लोकनीति- CSDS सर्वे में बड़ा खुलासा