BHOPAL. अंग्रेजी कैलेंडर और पश्चिमी मान्यताओं के अनुसार हर साल 1 जनवरी से नए साल ( New year ) की शुरुआत होती है। हिंदी कैलेंडर ( Hindi calendar ) के अनुसार चैत्र माह की प्रतिप्रदा से नए साल की शुरुआत मानी जाती है। दरअसल, हिंदी कैलेंडर के मुताबिक, हिंदू नववर्ष की शुरुआत चैत्र प्रतिपदा से मानी जाती है। साल 2024 की शुरुआत विक्रम संवत 2081, 09 अप्रैल दिन मंगलवार यानी आज के दिन से हो रही है। साथ ही इस दिन से चैत्र नवरात्रि भी प्रारंभ हो रहे हैं, जिसमें आदि शक्ति के नौ रूपों की पूजा करने का विधान है।
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आज सर्वार्थ अमृत सिद्धियोग
चैत नवरात्रि दुर्गापूजा का शुभारंभ इस बार 9 अप्रैल मंगलवार को हो रहा है। ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक करीब 30 वर्षों बाद नववर्ष की शुरुआत शुभ राजयोग में हो रहा है । 9 अप्रैल को हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2081 का आरंभ होगा इस दिन सर्वार्थ अमृत सिद्धियोग बन रहा है । विक्रम संवत 2081 के राजा मंगल होंगे मंत्री शनिदेव होंगे । पूरे वर्ष शनि और मंगल का प्रभाव बना रहेगा। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवरात्रि का आरंभ होता है । घर घर कलश स्थापना, चंडी पाठ, तथा उपासक लोग व्रत और उपवास करते हैं।
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नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा
नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जाती है। मां शैलपुत्री सौभाग्य की देवी हैं। उनकी पूजा से सभी सुख प्राप्त होते हैं। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में उत्पन्न होने के कारण माता का नाम शैलपुत्री पड़ा। माता शैलपुत्री का जन्म शैल या पत्थर से हुआ, इसलिए इनकी पूजा से जीवन में स्थिरता आती है। मां को वृषारूढ़ा, उमा नाम से भी जाना जाता है। उपनिषदों में मां को हेमवती भी कहा गया है।
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ऐसे करें मां शैलपुत्री की पूजा
1.इस दिन सुबह उठकर जल्गी स्नान कर लें, फिर पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें।
2. घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
3. मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें।
4. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना भी की जाती है।
5. पूजा घर में कलश स्थापना के स्थान पर दीपक जलाएं।
6. अब मां दुर्गा को अर्घ्य दें।
7. मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।
8. धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें।
9. मां को भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। इस दिन मां को सफेद वस्त्र या सफेद फूल अर्पित करें।
10. मां को सफेद बर्फी का भोग लगाएं।
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क्यों इस दिन से शुरू होता है हिंदू नववर्ष ?
ब्रह्मांण पुराण के अनुसार भगवान विष्णु ने सृष्टि की रचना का कार्य जब ब्रह्मा जी को सौंपा था तो ब्रह्मा जी ने इस दिन से सृष्टि की रचना की शुरुआत की थी। इसकी तिथि से धार्मिक कार्यों को करने की शुरुआत हो जाती है, वहीं साल 2024 में 13 अप्रैल तक खरमास है और इसके बाद शुभ दिनों की शुरुआत हो जाएगी।
ऐसे बनाएं नए साल को खास
हिंदू धर्म के नए साल की शुरुआत भगवान गणेश के पूजन के साथ करें। इसके साथ ही नवरात्रि की पूजा प्रारंभ करें। नव संवत में 12 महीने होते हैं और इनमें 15 दिन का कृष्ण पक्ष और 15 दिन शुक्ल पक्ष होता है। हर तीन साल में एक अधिक महीना इसमें जुड़ जाता है। उसे मलमास या अधिकमास कहते हैं।
हिंदू वर्ष में ये होते हैं महीने
हिंदू नववर्ष की शुरुआत चैत्र माह से होती है। इसका दूसरा महीना वैशाख होता है। इसी प्रकार ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ, और फाल्गुन माह आता है। फाल्गुन साल का आखिरी महीना होता है। होली से साल का अंत होता है।