चमोली हिमस्खलन : 55 मजदूर फंसे, 50 का रेस्क्यू, 4 की मौत, बचाव कार्य जारी

उत्तराखंड के चमोली जिले के मांड़ा गांव में हिमस्खलन के कारण 55 मजदूर फंस गए थे। अब तक 50 मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, लेकिन उनमें से चार की मौत हो गई। 

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Jitendra Shrivastava
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chamoli-avalanche-rescue Photograph: (thesootr)

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उत्तराखंड के चमोली जिले में आए भारी हिमस्खलन ने कई मजदूरों की जान खतरे में डाल दी। मांड़ा गांव में 55 मजदूर बर्फ में फंस गए थे, जिनमें से अब तक 50 को सुरक्षित निकाल लिया गया है, लेकिन चार मजदूरों की मौत हो चुकी है। राहत कार्य में भारतीय सेना, वायुसेना और ITBP की टीमें लगी हुई हैं और बचाव कार्य में 6 हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। अभी भी 5 मजदूरों को बचाने का अभियान जारी है और खराब मौसम रेस्क्यू कार्य में बाधा बना हुआ है।  

55 मजदूर फंसे, 50 को बचाया गया

उत्तराखंड के चमोली जिले के मांड़ा गांव में हिमस्खलन के बाद 55 मजदूर फंस गए थे। भारतीय सेना और आइबेक्स ब्रिगेड की टीम ने अब तक 50 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है, लेकिन उनमें से चार की जान नहीं बचाई जा सकी। अभी 5 मजदूरों को बचाने का प्रयास जारी है।

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6 हेलीकॉप्टरों की मदद से बचाव कार्य तेज  

सड़कें अवरुद्ध होने के कारण सेना ने 6 हेलीकॉप्टरों को बचाव अभियान में लगाया है। इनमें शामिल हैं:  

  • भारतीय सेना के 3 चीता हेलीकॉप्टर  
  • वायुसेना के 2 चीता हेलीकॉप्टर  
  • 1 नागरिक हेलीकॉप्टर  

बचाव कार्य में जुटी भारतीय सेना और ITBP  

रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व भारतीय सेना की आइबेक्स ब्रिगेड कर रही है। सेना और ITBP के जवान लगातार बर्फ के बीच बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। घायलों को प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है।  

मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारी कर रहे निगरानी

मुख्यमंत्री व्यक्तिगत रूप से बचाव कार्य की निगरानी कर रहे हैं। साथ ही, वरिष्ठ सेना अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं ताकि राहत कार्य में तेजी लाई जा सके। 

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जोशीमठ से चलाया जा रहा है रेस्क्यू ऑपरेशन

भारतीय सेना जोशीमठ के आर्मी हेलीपैड से राहत और बचाव अभियान चला रही है। साल 2013 की केदारनाथ आपदा के समय भी इसी हेलीपैड से बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था।  

खराब मौसम बना चुनौती

रेस्क्यू ऑपरेशन में सबसे बड़ी बाधा खराब मौसम बन रहा है। हिमपात और तेज़ ठंडी हवाएं राहत कार्य में मुश्किलें पैदा कर रही हैं, लेकिन सेना और राहत टीमें हर संभव कोशिश कर रही हैं कि सभी मजदूरों को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकाला जाए।  

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