आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में एक अनोखा बयान दिया है, जिसमें उन्होंने राज्य में जन्म दर बढ़ाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि जिनके दो या उससे ज्यादा बच्चे हैं, वही स्थानीय निकाय चुनाव लड़ सकेंगे। इस बयान का मुख्य कारण दक्षिण भारतीय राज्यों में गिरती प्रजनन दर है, जो राज्य के विकास के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। नायडू ने यह भी कहा कि वे बच्चे पैदा करने के लिए लोगों को प्रोत्साहन योजना भी शुरू करेंगे।
प्रजनन दर में हो रही गिरावट
दरअसल चंद्रबाबू नायडू ने इस बात पर प्रकाश डाला कि आंध्र प्रदेश के कई ग्रामीण क्षेत्रों में युवा पीढ़ी कम होती जा रही है। सिर्फ बुजुर्ग लोग ही बचे हैं। दक्षिण भारतीय राज्यों की प्रजनन दर औसतन 1.6 हो गई है, जो 2.1 के राष्ट्रीय औसत से काफी कम है। यदि यही स्थिति बनी रही, तो अगले 10-15 साल में राज्य की जनसंख्या संरचना में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है, जिसमें बुजुर्गों की संख्या में वृद्धि होगी और युवा जनसंख्या में कमी आएगी।
Fact Check: चंद्रबाबू नायडू ने कहा सभी नेता नरेंद्र मोदी से बेहतर हैं!
जनसंख्या नियंत्रण से अब जनसंख्या वृद्धि की ओर
चंद्रबाबू नायडू ने इस बात का भी जिक्र किया कि पहले वे जनसंख्या नियंत्रण के पक्षधर थे, लेकिन अब बदलते समय के साथ उन्होंने अपनी नीति में बदलाव किया है। उन्होंने कहा कि अगर हमें राज्य और देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को स्थिर बनाए रखना है, तो जन्म दर में वृद्धि जरूरी है। नायडू की योजना है कि राज्य में एक नया कानून लाया जाए, जिसके तहत दो या उससे अधिक बच्चों वाले लोगों को ही स्थानीय निकाय चुनावों में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी।
BJP का आंध्र में TDP और एक्टर पवन कल्याण की जनसेना के साथ गठबंधन
ये हैं राष्ट्रीय आंकड़े और युवा आबादी में गिरावट
केंद्र सरकार की यूथ इन इंडिया-2022 रिपोर्ट के अनुसार, भारत की युवा जनसंख्या में धीरे-धीरे कमी आ रही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2036 तक केवल 34.55 करोड़ युवा रहेंगे, जो देश की कुल जनसंख्या का करीब 47% से भी कम होगा। वर्तमान में 15 से 25 वर्ष के युवाओं की संख्या 25 करोड़ है, लेकिन अगले 15 वर्षों में इसमें तेज गिरावट की संभावना है।
वित्त मंत्री बोलीं- पैसे नहीं हैं, इसलिए चुनाव लड़ने से मना करना पड़ा
बुजुर्गों की बढ़ती संख्या
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) की इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023 के अनुसार, भारत में बुजुर्गों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 2011 में औसतन युवा जनसंख्या की उम्र 24 साल थी, जो अब 29 साल हो गई है। यह आंकड़ा 2036 तक बुजुर्गों की जनसंख्या में 12.5% की वृद्धि की भविष्यवाणी करता है, जबकि 2050 तक यह आंकड़ा 19.4% तक पहुंच जाएगा।
FAQ
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक