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DELHI. भारत के मुख्य न्यायधीश के पद पर जस्टिस सूर्यकांत का शपथ ग्रहण 24 नवंबर को होगा। वहीं, वे देश के 53वें मुख्य न्यायधीश के रूप में शपथ लेने वाले हैं। यह शपथ ग्रहण राष्ट्रपति भवन में होगा।
इस अवसर पर सात देशों के मुख्य न्यायधीश और सुप्रीम कोर्ट के जज भी मौजूद रहेंगे। यह पहला मौका है जब किसी CJI के शपथ ग्रहण में इतना बड़ा अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल शामिल हो रहा है।
कौन-कौन से देश भेजेंगे अपने मुख्य न्यायधीश?
जस्टिस सूर्यकांत के शपथ ग्रहण में भूटान, केन्या, मलेशिया, मॉरीशस, नेपाल, श्रीलंका और ब्राजील के मुख्य न्यायधीश शामिल होंगे। ये देशों के मुख्य न्यायधीश अपने देशों का प्रतिनिधित्व करेंगे।
पत्नी हैं रिटायर्ड कॉलेज प्रिंसिपल
जस्टिस सूर्यकांत का परिवार हिसार के पेटवाड़ गांव से ताल्लुक रखता है। उनके तीन भाई हैं, जो दिल्ली और हिसार में रहते हैं। उनकी पत्नी सविता सूर्यकांत एक रिटायर्ड कॉलेज प्रिंसिपल हैं। उनकी दो बेटियां मुग्धा और कनुप्रिया हैं। ये दोनों अभी पढ़ाई कर रही हैं।
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जस्टिस सूर्यकांत के शपथ ग्रहण की खबर पर एक नजर...
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जस्टिस सूर्यकांत के अहम फैसले
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने कई अहम फैसलों की भी सुनवाई की है। उन्होंने संवैधानिक मामलों, मानवाधिकार से जुड़े मामलों और प्रशासनिक कानून पर 1000 से ज्यादा फैसले किए हैं। उनके सबसे चर्चित फैसलों में आर्टिकल 370 को निरस्त करने का फैसला, कॉलोनियल एरा के राजद्रोह कानून को स्थगित करने का आदेश, और महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटों का आरक्षण देने का निर्देश शामिल हैं।
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न्याय व्यवस्था में निभाई अहम भूमिका
जस्टिस सूर्यकांत ने सुप्रीम कोर्ट में कई ऐतिहासिक फैसले दिए। इनमें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे पर फैसला और पेगासस स्पाइवेयर मामले की सुनवाई शामिल है। उन्होंने भारतीय लोकतंत्र और न्याय व्यवस्था में अपनी अहम भूमिका निभाई है।
बिहार SIR मामले में सुनवाई
जस्टिस सूर्यकांत ने बिहार में चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए अहम फैसले दिए। उन्होंने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि बिहार के 65 लाख मतदाताओं के नाम सार्वजनिक किए जाएं। ये वो नाम थे जो विशेष पुनरीक्षण के दौरान ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से बाहर कर दिए गए थे।
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