SIR का साइड इफेक्ट: बोरियों में सामान भरकर देश से भाग रहे घुसपैठिए, बॉर्डर पर मची भगदड़

पश्चिम बंगाल में SIR अभियान के कारण बांग्लादेशी घुसपैठियों के पलायन की स्थिति पैदा हो गई है। वे दस्तावेजों के बिना भारत में रह रहे थे। वहीं, अब SIR के चलते उन्हें बांग्लादेश लौटने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

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Amresh Kushwaha
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पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश से सटी सीमा पर एक अजीब स्थिति बन गई है। अवैध बांग्लादेशी नागरिक अचानक अपने देश लौटने की तैयारी कर रहे हैं। इसका कारण एसआईआर (Systematic Voter Registration) अभियान है। यह अभियान अगले चुनाव से पहले मतदाता सूची का रिवीजन कर रहा है। इसके चलते वर्षों से बंगाल में रह रहे इन नागरिकों में डर फैल गया है। वे बोरियों, बैग्स और सूटकेस में सामान भरकर बॉर्डर पार करने की कोशिश कर रहे हैं।

न आधार, न कागज, फिर भी भारत में रह रहे

भारत-बांग्लादेश सीमा के पास उत्तर 24 परगना के स्वरूप नगर में बड़ी भीड़ है। इनमें ज्यादातर अवैध बांग्लादेशी नागरिक हैं। इन लोगों के पास न तो आधार कार्ड है, न ही रहने का वैध कागज। बावजूद इसके, ये लोग सालों से भारत में रह रहे थे। वहीं यह भी पता चला कि कुछ लोग 5-10 साल पहले आए थे। कुछ का बचपन भी भारत में ही बीता है।

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20 साल भारत में रह रहा था परिवार

स्वरूप नगर के हाकिमपुर में चेकपोस्ट के पास अस्थायी शेल्टर होम में लोग बैठे हैं। उनकी कहानियों से पता चलता है कि कैसे उन्होंने बिना दस्तावेज के सालों तक भारत में जीवन बिताया। एक व्यक्ति, मेहंदी हसन, जो 20 साल पहले परिवार के साथ भारत आया था। उन्होंने बताया कि उनका परिवार आंखों के इलाज के लिए भारत आया था। फिर यहीं बस गया था। अब जब SIR प्रक्रिया शुरू हो गई है, तो उन्हें वापस बांग्लादेश जाना पड़ रहा है। अब भारत में उनके रहने का कोई कानूनी आधार नहीं बचा है।

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घुसपैठियों में SIR का डर वाली खबर पर एक नजर

  • पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश से सटी सीमा पर अवैध बांग्लादेशी नागरिक अचानक अपने देश लौटने की तैयारी कर रहे हैं, कारण एसआईआर (Systematic Voter Registration) अभियान है।

  • कई अवैध बांग्लादेशी नागरिक बिना आधार कार्ड और वैध कागजों के सालों से भारत में रह रहे थे, और अब उन्हें डर है कि एसआईआर प्रक्रिया के कारण उन्हें वापस बांग्लादेश जाना पड़ेगा।

  • उत्तर 24 परगना के स्वरूप नगर में बड़ी संख्या में अवैध बांग्लादेशी नागरिक जुटे हैं, जो बॉर्डर पार करने की कोशिश कर रहे हैं।

  • कुछ बांग्लादेशी नागरिकों ने बताया कि वे भारत में 10 से 20 साल से रह रहे थे, और अब एसआईआर के कारण उनका भारत में रहना मुश्किल हो रहा है।

  • इस मुद्दे पर राजनीति गरमाई है, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि इन अवैध नागरिकों को TMC सरकार ने आधार और पैन कार्ड दिलवाए थे, जिससे विवाद बढ़ गया है।

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10 साल पहले आई महिला, बांग्लादेश रवाना

एक 60 वर्षीय महिला, जो 10 साल पहले बांग्लादेश से भारत आई थी। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जब उन्हें लगा कि उनका रहना मुश्किल हो सकता है, तब कुछ नहीं हुआ था। अब उनका मानना है कि SIR के कारण उन्हें भारत छोड़कर बांग्लादेश वापस जाना होगा। महिला के हाथ में एक कागज था, जिसमें उसकी जन्मस्थली बांग्लादेश का जिक्र था। अब महिला के लिए भारत छोड़ने का समय आ गया था।

बॉर्डर पर बांग्लादेश जाने वालों की भीड़ बढ़ी

घुसपैठियों में एसआईआर का डर बैठ गया है। बांग्लादेश बॉर्डर पर इन दिनों बांग्लादेशी नागरिकों की भीड़ जुटी है। सैकड़ों लोग यहां जमा हैं और सीमा पार करने की कोशिश कर रहे हैं। इनमें से एक 18 साल का लड़का, अलीम खान, जो पहले भारत आया था, अब बांग्लादेश लौटने की योजना बना रहा है। उसने बताया कि उसके पास भारत का कोई वैध डॉक्यूमेंट नहीं है। अब उसे लगता है कि भारत में रहना उसके लिए संभव नहीं होगा।

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इधर... SIR को लेकर गरमाई राजनीति

अवैध बांग्लादेशियों के मुद्दे पर राजनीति गरमा गई है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष समीक भट्टाचार्य ने कहा कि ये लोग पिछले 12-15 साल से भारत में रह रहे थे। सरकार ने इन्हें संरक्षण दे रखा था। उनके अनुसार, इन अवैध नागरिकों के पास आधार कार्ड और पैन कार्ड भी मिल जाएंगे। ये कार्ड TMC सरकार ने इन्हें दिलवाए हैं।

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