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NEW DELHI. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) सूर्यकांत ने शपथ लेते ही बड़ा फैसला लिया। उन्होंने जस्टिस जेके माहेश्वरी को सर्वोच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति (SCLSC) का अध्यक्ष बनाया है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने 24 नवंबर को इस संबंध में अधिसूचना जारी की।
सीजेआई सूर्यकांत का बड़ा फैसला
भारत के CJI सूर्यकांत ने जस्टिस माहेश्वरी का नामांकन किया। यह नामांकन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की धारा 3ए के तहत किया गया। जस्टिस माहेश्वरी 2021 से सर्वोच्च न्यायालय में कार्यरत हैं। अब वह एससीएलएससी के प्रमुख होंगे। यह समिति पात्र वादियों को निःशुल्क कानूनी सेवाएं प्रदान करती है।
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पहले जस्टिस सूर्यकांत थे
इस पद पर पहले जस्टिस सूर्यकांत थे। उन्हें सोमवार को मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। इसके साथ ही जस्टिस विक्रम नाथ को SCLSC का कार्यकारी अध्यक्ष नामित किया गया।
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कौन है जस्टिस माहेश्वरी?
जस्टिस माहेश्वरी 2021 से सुप्रीम कोर्ट में काम कर रहे थे। इससे पहले वह आंध्र प्रदेश के चीफ जस्टिस और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जज थे। इनसे पहले जस्टिस विक्रम नाथ SCLSC के चेयरमैन थे। अब उन्हें NALSA के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के तौर पर नियूक्त किया गया है।
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3 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी👉 भारत के नए मुख्य न्यायाधीश (CJI) सूर्यकांत ने अपने पद संभालते ही एक महत्वपूर्ण फैसला लिया। उन्होंने जस्टिस जेके माहेश्वरी को SCLSC का अध्यक्ष नियुक्त किया। 👉 यह नामांकन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की धारा 3ए के तहत किया गया है। जस्टिस माहेश्वरी 2021 से सर्वोच्च न्यायालय में कार्यरत हैं। अब वह एससीएलएससी के प्रमुख बन गए हैं। 👉 इससे पहले, जस्टिस सूर्यकांत स्वयं एससीएलएससी के अध्यक्ष थे। अब उन्हें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया है। जस्टिस विक्रम नाथ को एससीएलएससी का कार्यकारी अध्यक्ष नामित किया गया है। |
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SC लीगल सर्विसेज कमेटी क्या काम करती है?
SC लीगल सर्विसेज कमेटी कानूनी मदद देती है। यह गरीबों और वंचितों के लिए है। 1987 के कानून से इसका गठन हुआ। न्याय सभी को मिले, यही लक्ष्य है। सुप्रीम कोर्ट में मुफ्त कानूनी सहायता मिलती है। निर्धारित आय वाले इसका लाभ पाते हैं। महिलाएं, बच्चे, SC/ST, विकलांग भी पात्र हैं। आपदा पीड़ितों को भी मदद मिलती है।
इसमें मुफ्त कानूनी सलाह शामिल है। वकील भी नियुक्त किए जाते हैं। कोर्ट फीस और अन्य खर्च भी कवर होते हैं। इसका मकसद न्याय तक पहुंच आसान बनाना है। समान न्याय सुनिश्चित करना इसका काम है। समिति जागरूकता कार्यक्रम भी करती है। साथ ही कानूनी सहायता का महत्व बढ़ाती है।
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