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दिल्ली में बीजेपी सरकार की कमान अब महिला के हाथ में होगी। बीजेपी विधायक दल ने रेखा गुप्ता को अपना नेता चुना है। ऐसे में अब रेखा गुप्ता दिल्ली की मुख्यमंत्री होंगी। 27 साल बाद सत्ता में आने वाली बीजेपी ने इस बार महिला चेहरे पर भरोसा जताया है। रेखा गुप्ता आज 20 फरवरी को रामलीला मैदान में सीएम पद की शपथ लेंगी। रेखा गुप्ता शालीमार बाग से विधायक चुनी गई हैं। उनको पार्टी के भीतर जमीनी स्तर पर उनकी सक्रियता और संगठनात्मक कौशल के लिए पहचाना जाता है। रेखा अब बीजेपी शासित 21 राज्यों में एकमात्र महिला मुख्यमंत्री होंगी। पार्टी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
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दिल्ली सीएम का पारिवारिक पृष्ठभूमि
Rekha Gupta का जन्म 1974 में हरियाणा के जींद जिले के नंदगढ़ गांव में हुआ था। उनके पिता स्वर्गीय जय भगवान जिंदल और माता उर्मिला जिंदल हैं। एसबीआई बैंक में पिता की नौकरी लगने के बाद उनका परिवार 1976 में दिल्ली शिफ्ट हो गया था। हालांकि, अब भी उनका परिवार जुलाना में कारोबार करता है। दिल्ली से सटे हरियाणा से ताल्लुक रखने की वजह से रेखा का अपने गृह राज्य में आना-जाना होता रहता है। Rekha Gupta की शादी दिल्ली के बिजनेसमैन मनीष गुप्ता से हुई है। उनके दो बच्चे (एक बेटा और एक बेटी) हैं।
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रेखा गुप्ता की शिक्षा
RSS से 32 साल तक जुड़ी रहीं रेखा गुप्ता ने 1992 में दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी। 1995-96 में वह दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की सचिव और 1996-97 में इसकी अध्यक्ष रहीं। 2002 में वह भाजपा में शामिल हुईं और पार्टी की युवा शाखा की राष्ट्रीय सचिव रहीं। Rekha Gupta ने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भाजपा की महिला शाखा की प्रभारी के तौर पर भी काम किया है। वह भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं।
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दो बार हारीं विधानसभा चुनाव
रेखा बीजेपी की वो नेता हैं, जिन्होंने लगातार दो बार चुनाव में शिकस्त हासिल की। हालांकि इसके बावजूद पार्टी ने उन्हें तीसरी बार टिकट दिया और चुनाव जीतने पर उन्हें दिल्ली के सीएम का ताज पहना दिया गया। इससे पहले Rekha Gupta दिल्ली एमसीडी में मेयर चुनाव भी हार गई थीं। वो तीन बार दिल्ली एमसीडी में बीजेपी पार्षद चुनी गईं।
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रेखा का पार्षद से सीएम तक का सफर
1. 2007: उत्तर पीतमपुरा से पार्षद बनीं।
2. 2007-09: एमसीडी में महिला कल्याण एवं बाल विकास समिति की दो साल तक अध्यक्ष रहीं।
3. 2009: दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव रहीं।
4. 2010: भाजपा ने उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य की जिम्मेदारी दी।
5. 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में नहीं मिली थी सफलता।
6. रेखा गुप्ता को 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में शालीमार बाग सीट से चुनाव में उतारा गया।
7. 2015 में उन्हें आम आदमी पार्टी की वंदना कुमारी ने करीब 11 हजार वोटों से हराया तो वहीं 2020 में उनकी हार का अंतर 3400 वोट के करीब था।
8. 2025 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने वंदना कुमारी को बड़े अंतर से हरा दिया। बुधवार को उन्हें सीएम पद के लिए चुना गया।
रेखा का संघ और बीजेपी से पुराना नाता
हरियाणा के जींद की मूल निवासी गुप्ता छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रही हैं। 50 वर्षीय Rekha Gupta ने मेरठ से कानून की पढ़ाई की है। उनका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी से पुराना नाता रहा है। उत्तरी दिल्ली की मेयर रह चुकी गुप्ता के पास प्रशासनिक अनुभव है। वह बीजेपी की महिला मोर्चा की प्रभावशाली नेता रही हैं। वह वर्तमान में दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव और पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य हैं।
29 हजार वोटों से मिली थी जीत
Rekha Gupta ने इस बार हुए विधानसभा चुनाव में 29 हजार 595 वोट से जीत हासिल की थी। रेखा गुप्ता को 68 हजार 200 मिले थे। उन्होंने आम आदमी पार्टी की महिला उम्मीदवार बंदना कुमारी को हराया था। यहां से कांग्रेस उम्मीदवार प्रवीण कुमार जैन तीसरे स्थान पर रहे थे। 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में, आम आदमी पार्टी की बंदना कुमारी को ही इस सीट से जीत मिली थी। इससे पहले भी 2015 में बंदना कुमारी ने ही इसी सीट पर जीत दर्ज की थी। रेखा गुप्ता ABVP से जुड़ी रही हैं। उन्होंने डीयू छात्र संघ चुनाव में महासचिव पद पर जीत हासिल की थी।