उत्तर प्रदेश में खाद्य पदार्थों में मिलावट पाए जाने पर रेस्टोरेंट और ढाबा संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( CM Yogi Adityanath ) ने निर्देश जारी कर दिए हैं। खाद्य पदार्थों में मिलावट को लेकर मुख्यमंत्री ने मंगलवार, 24 सितंबर को अहम बैठक की। इस दौरान उन्होंने कई दिशा-निर्देश दिए।
कर्मचारी का होगा पुलिस वेरिफिकेशन: सीएम योगी
सीएम योगी आदित्यनाथ का कहना है कि जूस, दाल और रोटी जैसे खाद्य पदार्थों में मानव अपशिष्ट मिलाना नहीं चाहिए। अगर किसी ने भी इस प्रकार का काम किया तो, स्वीकार नहीं किया जाएगा। अब ऐसे ढाबों/रेस्टोरेंट खाद्य प्रतिष्ठानों की गहन जांच होगी। इसके साथ ही प्रतिष्ठानों में काम करने वाले हर कर्मचारी का पुलिस वेरिफिकेशन होगा।
नाम और पता डिस्प्ले करना होगा
खाद्य पदार्थों की शुद्धता और पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम में जरूरी संशोधन के निर्देश दिए हैं। निर्देशों के मुताबिक खान-पान के केंद्रों पर संचालक, प्रोपराइटर, मैनेजर आदि का नाम और पता डिस्प्ले करना अनिवार्य होगा। चाहे शेफ हों या वेटर सभी को मास्क और ग्लव्स लगाना होगा। होटल/ रेस्टोरेंट में सीसीटीवी लगाना होगा। गंदी चीजों की मिलावट पाए जाने पर संचालक/प्रोपराइटर पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश-
1. खाद्य पदार्थों जैसे भोजन, दाल-रोटी और खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट/अखाद्य/गंदी चीजों की मिलावट की घटनाएं सामने आई हैं। ऐसी घटनाएं वीभत्स हैं और आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली हैं। ऐसा करने वालों को कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस प्रबंध किए जाने आवश्यक हैं।
2. ऐसे ढाबों/रेस्टोरेंट आदि भोजनालयों की जांच आवश्यक है। इन प्रतिष्ठानों के पर्यटकों सहित वहां के सभी कर्मचारियों का राज्य संबद्धता निर्देश अभिलेख, वेरिफिकेशन किया जाना चाहिए। यह कार्रवाई खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, पुलिस और स्थानीय प्रशासन द्वारा शीघ्रता से पूरी की जानी चाहिए।
3. भोजनालय के संस्थापक, स्वामी, प्रबंधक आदि का नाम और पता प्रमुखता से दिखाना होगा। इस संबंध में खाद्य सुरक्षा और मानक मानकों में आवश्यक संशोधन भी किए जाने चाहिए।
4. खान-पान के क्षेत्र में होटल व्यवस्था होनी चाहिए जैसे कि किराए पर ढाबा/होटल/रेस्टोरेंट आदि। बैठने की व्यवस्था ही नहीं बल्कि प्रतिष्ठा के अन्य मापदंड भी शामिल होने चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि प्रत्येक प्रतिष्ठान पीएसयू क्लीनिक को पुलिस/स्थानीय प्रशासन द्वारा आवश्यकतानुसार सुरक्षित सुविधा और आपूर्ति प्रदान की जाए।
5. खान-पान के स्थानों पर साफ-सफाई होनी चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि खाद्य पदार्थों की तैयारी और सेवा से संबंधित व्यक्तिगत मास्क/दस्ताने का उपयोग अनिवार्य है, इसमें किसी भी प्रकार की प्रतिस्पर्धा संभव नहीं है।
6. आम जनता के स्वास्थ्य हितों से संबंधित किसी भी प्रकार की राय नहीं ली जा सकती। ऐसा करने का प्रयास करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। खाद्य पदार्थों, दवा या अन्य संबंधित संबद्धताओं को बनाने की व्यावहारिकता का ध्यान रखा जाना चाहिए और सख्त होना चाहिए।
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इससे पहले भी दिए थे आदेश
योगी सरकार ने इससे पहले कांवड़ मार्ग पर दुकानदारों और विक्रेताओं के लिए आदेश जारी किए थे। आदेश में कहा गया था कि सभी दुकानों और ठेलों पर दुकानदारों का नाम लिखा होना चाहिए ताकि कांवड़ यात्री जान सकें कि वे किस दुकान से सामान खरीद रहे हैं। तमाम विवादों के बीच सीएम योगी ने कांवड़ यात्रियों के लिए कदम उठाया था। सीएम योगी ने कहा था कि पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर 'नेम प्लेट' लगानी होंगी और दुकानों पर मालिक का नाम और पहचान लिखनी होगी। साथ ही कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुद्धता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है और हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद बेचने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी।