MSP पर कमेटी? किसानों और केंद्र के बीच चौथे राउंड की मीटिंग आज

किसान नेताओं और सरकार के बीच 8, 12 और 15 फरवरी को मीटिंग हुई थी, लेकिन इनमें किसी भी चीज का समाधान नहीं निकला। दरअसल किसान फसलों के न्यूनत समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी पर कानून की मांग पर अड़े हुए हैं।

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Pooja Kumari
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KISAAN ANDOLAN
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BHOPAL. किसानों ने अपनी मांगों को लेकर 'दिल्ली चलो मार्च' का ऐलान किया था, लेकिन पंजाब से चले किसानों को हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर रोक लिया गया। बता दें कि शंभू बॉर्डर पर डेरा डाले हुए किसानों को छह दिन हो चुके हैं। जानकारी के मुताबिक आज चंडीगढ़ में किसान नेताओं और सरकार के बीत चौथे दौर की मीटिंग होनी है। बताया जा रहा है कि इससे पहले हुई तीन दौर की मीटिंग में सहमति नहीं बन पाई।

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चौथे राउंड की मीटिंग आज 

चौथे राउंड की होने वाली मीटिंग से पहले इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान नेता सरवन सिंह पंढेर का कहना है कि "शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हमें छह दिन हो गए हैं और आज वार्ता भी हो रही है, जब सरकार से हमने वार्ता की है तो सरकार ने कहा कि हमें समय दो हम केंद्र के साथ उनके बड़े मंत्रियों से बात करके इसका समाधान निकालेंगे। उन्होंने कहा आप जानते हैं कि प्रतिदिन हम 27 रुपये में अपना गुजारा करते हैं। ऐसे में लगातार किसान और मजदूर की हालत बिगड़ रही है। जो हम खर्चा लागत लगा रहे हैं, जिनमें बीज, खाद, खेती मशीनगरी, मजदूर के खर्चों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन जो हमें फसलों के दाम दिए जाते हैं, वो हमें कभी भी उचित नहीं मिले। जैसे हम एमएसपी (MSP), कम से कम जो सहायता मूल्य दिया जाता है, इसके नाम से स्पष्ट होता है कि हमें कभी भी उचित नहीं मिला।" 

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13 में 10 मांगे हुई स्वीकार 

बता दें कि इससे पहले किसान नेताओं और सरकार के बीच 8, 12 और 15 फरवरी को मीटिंग हुई थी, लेकिन इनमें किसी भी चीज का समाधान नहीं निकला। दरअसल किसान फसलों के न्यूनत समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी पर कानून की मांग पर अड़े हुए हैं। जानकारी के मुताबिक सरकार से किसानों की 13 प्रमुख मांगें हैं, जिनमें से 10 मांगों को स्वीकार कर लिया गया है और केवल 13 मांगे बची हुई है।  ये मांगें हैं- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून, किसानों की कर्ज माफी और 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को पेंशन।

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क्या आज के बैठक में कोई हल निकलेगा

बताया जा रहा है कि केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा भी उम्मीद जता चुके हैं कि आज किसान संगठनों के साथ होने वाली बैठक में कोई न कोई हल जरूर निकलेगा। उन्होंने कहा कि हम जल्द ही कोई समाधान निकाल लेंगे। ऐसे में ये भी चर्चा है कि केंद्र सरकार किसानों को एमएसपी (MSP) पर कमेटी बनाने का प्रस्ताव दे सकती है। हालांकि इस पर मुहर लगेगी या नहीं और किसान दिल्ली कूच को अड़े रहेंगे या फिर घर वापसी करेंगे? इन सवालों के जवाब अब बैठक के बाद ही मिल सकता है। पंढेर का कहना है कि "हम पॉजिटिव माइंड सेट के साथ मीटिंग में जाएंगे। हम चाहते हैं सरकार भी पॉजिटिव हो और मीटिंग में कुछ हल निकले। हम चाहते हैं सरकार MSP खरीद की गारंटी का कानून बनाए। अब सरकार तय करे इसे कैसे बनाना है। उन्होंने ये भी कहा कि अगर आज के इस मीटिंग में हमें कुछ पॉजिटिव मिलता है, तो हम जीत के नारे लगाते हुए अपने घर जाएंगे। 

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किसानों की प्रमुख मांगें :-

  • सभी फसलों की खरीद के लिए एमएसपी (MSP) गारंटी कानून बनाया जाए। 
  • डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक फसलों की कीमत तय की जाए। सभी फसलों के उत्पादन की औसत लागत से पचास फीसदी ज्यादा एमएसपी (MSP) मिले। 
  • किसान और खेत में काम करने वाले मजदूरों का कर्जा माफ किया जाए। किसानों को प्रदूषण कानून से बाहर रखा जाए।
  • 60 साल से ज्यादा उम्र के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन दी जाए।
  • भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए।
  • लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए। आरोपियों की जमानत रद्द की जाए।
  • मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए।
  • विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए।
  • मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम और 700 रुपए मजदूरी दी जाए।
  • किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए। समझौते के अनुसार, घायलों को 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए। दिल्ली मोर्चा सहित देशभर में सभी आंदोलनों के दौरान दर्ज सभी मुकदमे रद्द किए जाएं।
  • नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां और खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए। फसल बीमा सरकार खुद करे।
  • मिर्च, हल्दी और अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए।
  • संविधान की 5वीं सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए। 

हरियाणा में बढ़ी इंटरनेट पर बैन

किसान आंदोलन के चलते हरियाणा के सात जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी को बढ़ाया दिया गया है। इसके अनुसार अब 19 फरवरी रात 12 बजे तक अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी। इसको लेकर हरियाणा सरकार की तरफ से एक बार फिर सर्कुलर जारी किया गया है। इन जिलों में 11 फरवरी सुबह 6 बजे से इंटरनेट पर बैन लागू है। इसके अलावा परिस्थियों को देखते हुए कई जिलों में धारा 144 भी लागू किया गया है।

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