संसद का मानसून सत्र होगा हंगामेदार, कांग्रेस मांगेंगी पीएम मोदी से जवाब, संसदीय मंत्री बोले हम भी तैयार

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी से पहलगाम आतंकी हमले और सीजफायर पर जवाब देने की मांग की है। मानसून सत्र में इन मुद्दों को उठाया जाएगा। सरकार को कई अन्य मुद्दों पर भी जवाब देना होगा।

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Sanjay Dhiman
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Photograph: (the sootr)

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भारत की संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। इस सत्र से पहले, सभी दलों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहलगाम आतंकी हमले और डोनाल्ड ट्रंप के सीजफायर पर दिए गए बयान के बारे में जवाब देने की मांग की।

कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि ये मुद्दे मानसून सत्र में उठाए जाएंगे, और प्रधानमंत्री को संसद के माध्यम से देश को इन मुद्दों पर जवाब देना चाहिए। 

इन मुददों पर कांग्रेस घेरेगी सरकार को 

मानसून सत्र को लेकर कांग्रेस ने तैयारियां प्रारंभ कर दी है। वो सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगी है। साथ ही कांग्रेस की ओर से सरकार और प्रधानमंत्री मोदी के सामने कुछ गंभीर सवाल भी रखे गए है। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि हम सरकार की ओर से प्रधानमंत्री से जवाब की उम्मीद कर रहे है।

इस बैठक में कांग्रेस ने पहलगाम आतंकी हमले, सीमाओं पर संघर्ष, ट्रंप के सीजफायर दावे और बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने का निर्णय लिया।  

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संसदीय मंत्री किरेन रिजिजू बोले हम चर्चा को तैयार

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बैठक में कहा कि सदन चलाना सभी की जिम्मेदारी है और सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि, "हम इस बात के लिए भी तैयार हैं कि डोनाल्ड ट्रंप के ऑपरेशन सिंदूर पर किए गए दावों का उचित जवाब दिया जाए।" रिजिजू ने संसद के सभी दलों से अनुरोध किया कि वे सदन के सुचारू संचालन के लिए अपना सहयोग दें।

8 विधेयक किए जाऐंगे पेश

इस मानसून सत्र में, केंद्र सरकार आठ विधेयकों को पेश करने की योजना बना रही है। इनमें राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, भू-विरासत स्थल और भू-अवशेष (संरक्षण और रखरखाव) विधेयक, खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक प्रमुख हैं। यह विधेयक राष्ट्रीय हित में महत्वपूर्ण बदलाव लाने के उद्देश्य से तैयार किए गए हैं। 

जस्टिस वर्मा पर महाभियोग का प्रस्ताव

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि इस सत्र में जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए 100 से ज्यादा सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। जस्टिस वर्मा पर आरोप हैं कि उनके घर से जली हुई नकदी मिली थी, जिसके बाद उनके विरुद्ध जांच की जा रही है। इस मामले को लेकर जस्टिस वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है।  

महाभियोग क्या होता है, जाने इसकी पूरी प्रक्रिया 

महाभियोग, एक कानूनी प्रक्रिया है जिसका उपयोग किसी उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी, जैसे कि राष्ट्रपति या न्यायाधीश, को उनके पद से हटाने के लिए किया जाता है। यह प्रक्रिया तब शुरू होती है जब किसी अधिकारी पर गंभीर अपराध या कदाचार का आरोप लगाया जाता है, और इसे आमतौर पर विधायिका द्वारा चलाया जाता है। 

जानिए क्या होती है महाभियोग की प्रक्रिया

महाभियोग क्या है? जानिए सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों को पद से हटाने  की संवैधानिक प्रक्रिया | What is impeachment Know the constitutional process  of removing Supreme ...

👉 आरोप: महाभियोग की प्रक्रिया तब शुरू होती है जब किसी उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी पर गंभीर अपराध या कदाचार का आरोप लगाया जाता है। 
👉 जांच और आरोप पत्र: आरोप लगने के बाद, आरोपों की जांच की जाती है। यदि जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो आरोप पत्र तैयार किया जाता है। 
👉 सदन द्वारा मतदान: आरोप पत्र को विधायिका के एक सदन में पेश किया जाता है, और यदि वह सदन आरोपों को स्वीकार करता है, तो वह दूसरे सदन में भेज दिया जाता है। 
👉 दूसरे सदन द्वारा परीक्षण: दूसरा सदन आरोपों का परीक्षण करता है, और यदि वह आरोपों को सही पाता है, तो वह अधिकारी को पद से हटाने के लिए मतदान कर सकता है। 

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मानसून सत्र को लेकर I.N.D.I.A. गठबंधन की बैठक

I.N.D.I.A. (Indian National Developmental Inclusive Alliance) के 24 दलों के नेताओं ने भी मानसून सत्र को लेकर एक ऑनलाइन बैठक की, जिसमें सरकार के खिलाफ संसद में मुद्दे उठाने की रणनीति बनाई गई। इस बैठक में तय किया गया कि वे पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर, डोनाल्ड ट्रंप का सीजफायर बयान, और बिहार में SIR जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार से जवाब पूछेंगे।

बिहार में चुनावी मुद्दे कार्यस्थगन प्रस्ताव 

बिहार में मतदाता सूची की विशेष गहन समीक्षा (SIR) को लेकर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है। कांग्रेस, RJD, और तृणमूल कांग्रेस इस मुद्दे पर संसद में चर्चा करने के लिए कार्यस्थगन प्रस्ताव लाने की योजना बना रही हैं। यह एक संसदीय प्रक्रिया है, जिसका उपयोग किसी अहम मुद्दे पर तत्काल चर्चा करने के लिए किया जाता है।

लोकसभा और राज्यसभा में किस काम में कितने घंटे खर्च हुए

काम लोकसभा (घंटे में) राज्यसभा (घंटे में)
सवाल-जवाब 18.7 19.8
विधायी कार्य 40.4 40.9
वित्तीय कार्य 58.5 27.1
गैर विधायी कार्य 39.0 57.5
अन्य कामों में 4.4 14.3

सोर्स: prsindia.org

47 दिन पहले संसद सत्र की घोषणा

संसद के मानसून सत्र की घोषणा 47 दिन पहले की गई थी, जो एक असामान्य कदम था। आमतौर पर, संसद के सत्र की घोषणा एक हफ्ता या 10 दिन पहले की जाती है, लेकिन इस बार सरकार ने इसे काफी पहले घोषित किया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार ने विशेष सत्र की मांग से ध्यान भटकाने के लिए यह कदम उठाया।

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