JAIPUR. राजस्थान के भरतपुर में पिछले 4 दिनों में धर्म परिवर्तन के दो मामले सामने आ चुके हैं। इसमें बीमार व गरीब लोगों को टारगेट बनाकर धर्म परिवर्तन का ये घिनौना काम चलाया जा रहा है। बता दें कि इसके अंतर्गत लोगों को गुमराह कर और लाखों रुपए का लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक पिछले दो-तीन सालों से ये सेंटर चलाए जा रहे हैं। जब इसकी जांच-पड़ताल की गई तो सामने आया कि गांव में अब तक 25 से अधिक लोगों को पैसे की झूठी लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाया गया है। इनके पास पास्टर (पादरी) का सर्टिफिकेट, लभाना मिनिस्ट्री के दो प्रमाण पत्र हैं।
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बीमारी के नाम पर धर्म परिवर्तन का खेल
ये संस्था इटली में संचालित हो रही है। जांच में पता लगा कि ऐसे ही सेंटर भरतपुर के कंजोली, गुंडवा, बझेरा, नोंह बडामदी, बहनेरा, रूपवास, जघीना सहित बयाना में भी चलाए जा रहे हैं। बता दें कि भरतपुर से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर एक गांव है। इसका नाम पीपला है। जब एक टीम ने यहां के स्थानीय लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि ये सेंटर पिछले 2-3 सालों से यहां चलाए जा रहे है। साथ ही ये भी पता लगा कि पूरे गांव में बीमारी ठीक करने के नाम पर धर्म परिवर्तदन कराने ती चर्चा बनी हुई है।
बुधवार को पुलिस ने गांव में पहुंच कर दी दबिश
बता दें कि बुधवार को पुलिस ने पीपला गांव में पहुंच कर दबिश दी। इस दौरान पुलिस के साथ विहिप और बजरंग दल की टीम भी मौजूद थी। पूछताछ में पता चला कि गांव में एक सेंटर चल रहा था। ये सेंटर सप्ताह में दो दिन, बुधवार और रविवार को चलाया जा रहा था। पुलिस घर पहुंची तो काफी लोग वहां से निकल कर भाग गए। पुलिस के मुताबिक वहां 50 से ज्यादा लोग मौजूद थे। जो दो से तीन गाड़ियों में भरकर आगरा सहित आसपास के गांवों से आए थे।
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वाल्मीकि मोहल्ले में चल रहा है सेंटर
गांव के एक व्यक्ति का कहना है कि हर बुधवार और रविवार को दो से तीन गाड़ियों में लोग भरकर यहां आते हैं। उनके साथ में एक अलग से कीर्तन मंडली भी आती है। जानकारी के मुताबिक अजय सिंह और उसके परिवार के लोग ये सेंटर वाल्मीकि मोहल्ले में चला रहे हैं। बताया जा रहा है कि अजय सिंह रूपवास के पास श्रीनगर गांव का रहने वाला है। दो साल पहले ही वह यहां आया था। तभी से वह यहां सेंटर चलाने लगा है, उसके इस काम में उसकी पत्नी और भाभी भी मदद करती है।
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हिंदू देवी-देवताओं के बारे में फैलाते हैं गलत बातें
आसपास के लोगों का कहना है कि सत्संग का नाम लेकर लोगों को यहां बुलाया जाता है। सात ही यदि कोई व्यक्ति किसी गंभीर बिमारी से पीड़ित है, तो उसे ठीक करने का दावा कर उन्हें इस जाल में फंसाया जाता है। बता दें कि ये ईसाई धर्म के बारे में प्रचार और प्रसार करते है और हिंदू देवी-देवताओं के बारे में गलत बातें करते हैं। सत्संग सभा में जो लोग आते हैं, उन्हें राशन (आटा, दाल, चावल, चीनी) भी प्रदान किया जाता है। वर्तमान में ऐसे सौ से अधिक लोग मौजूद हैं, जो अपना धर्म परिवर्तन करा चुके हैं। ये बाहर के लोग है जो अब गांव में रहने लगे हैं। सुबह 11 बजे से लेकर 3 बजे तक ये सत्संग चलता है। इसमें नए-नए लोगों को शामिल किया जाता है।
लोगों को दिए जाते हैं पैसों का लालच
अजय सिंह के पड़ोसी भी इस घटना को लेकर काफी हैरान हैं। उन्होंने कहा हमें भी कई बार इसमें शामिल होने के लिए कहा गया है। लेकिन हमने मना कर दिया। इसके कुछ दिनों के बाद मुझे इंफेक्शन हो गया था। तब भी काफी प्रेशर किया था कि सत्संग में आना शुरू कर दो। बीमारी ठीक हो जाएगी। काफी फायदा मिलेगा, लेकिन मैंने मना कर दिया था। उन्होंने ये भी बताया कि जब भी ये लोग यहां आते है तो बड़े-बड़े स्पीकर लगाते है। माइक से गाने गाते है और प्रभु यीशू का नाम लेते है। पूछताछ में गांव के लोगों ने बताया कि लोगों को धर्म परिवर्तन कराने पर दो लाख रुपए से लेकर पांच लाख रुपए दिए जाते हैं।
गांव के सरपंच ने भी अजय को कई बार समझाया
पूर्व सरपंच तूहीराम ने बताया कि अजय सिंह को पहले भी कई बार समझाया जा चुका है। लेकिन वह नहीं माना। लोगों को गुमराह करके ईसाई धर्म अपनाने के लिए कहता था। गांव में पूरी तरह से शांति थी, लेकिन एक की वजह से पूरे गांव का माहौल खराब हो रहा है। इसके अलावा एक अन्य महिला भी गांव में सेंटर चला रही है। गांव के लोगों से बातचीत के बाद टीम सेंटर पहुंची। जब अजय के घर पहुंचे तो यहां काफी महिलाएं और बच्चे मौजूद थे।
पुलिस कर रही है तहकीकात
मामले की जांच-पड़ताल करने के बाद पता चला कि में अजय सिंह खुद पादरी बन चुका था। पुलिस को उसके पास से पादरी होने का सर्टिफिकेट मिला है। साथ ही इलाज करने का सर्टिफिकेट ऑफ थियोलॉजी भी मिला है। इसी से बीमार लोगों का इलाज किया जाता है। साथ ही दो प्रमाण पत्र जीसस लभाना मिनिस्ट्री के भी मिले है। बता दें कि ये संस्था इटली की है। जो वर्तमान में भरतपुर में करीब 8 सेंटर चला रही है। एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि पीपला गांव में धर्मपरिवर्तन की सूचना पर पुलिस ने कार्रवाई की थी। उनके घर से कई सर्टिफिकेट मिले है। उनके अकाउंट की जांच की जा रही है। उनके पास फंड कहां से आता था और कौन भेजता था। राजस्थान में उत्तरप्रदेश व असम की तरह कोई कानून अलग से नहीं है।