CRPF नहीं... अब CISF के हाथों में संसद की पहरेदारी, 3 हजार से ज्यादा जवान करेंगे सुरक्षा

सोमवार से संसद भवन की सुरक्षा व्यवस्था अब पूरी तरह से बदल जाएगी। संसद की हिफाजत में तैनात सीआरपीएफ जवानों के हटने के बाद पूरी सुरक्षा व्यवस्था केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के हवाले होगी।

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Vikram Jain
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NEW DELHI. नए और पुराने संसद भवन की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को सौंपी गई है। सोमवार 20 मई से CISF के 3 हजार 300 जवान संसद की सुरक्षा में तैनात रहेंगे। नए संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगने मामले के बाद नए और पुराने पार्लियामेंट भवन की सुरक्षा की जिम्मेदारी से सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) से हटाकर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को दी गई है। अब संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवानों के मजबूत कंधों पर है।

PDG के 1400 जवानों की वापसी

2013 से संसद भवन की सुरक्षा कर रहे लगभग 1 हजार 400 सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स के जवानों की ड्यूटी का शुक्रवार को आखिरी दिन था। CRPF के पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप ने अपने जवानों को वापस बुला लिया है। साथ ही अपना सारा प्रशासनिक और परिचालन सामान भी हटा दिया, जिसमें वाहन, हथियार और कमांडो शामिल हैं। CRPF के कमांडर DIG रैंक के अधिकारी ने संसद सुरक्षा से जुड़ी सारी जानकारी सीआईएसएफ को सौंपी है।

जवानों को मिली NSG के ब्लैक कमांडों की तरह ट्रेनिंग

एजेंसी के मुताबिक सीआईएसएफ के 3317 जवान संसद की आतंकियों और हमला करने वालों से रक्षा करेंगे। पिछले 10 दिन से सीआईएसएफ के जवान संसद सुरक्षा की ट्रेनिंग ले रहे थे। इन्हें NSG के ब्लैक कमांडों के साथ भी ट्रेनिंग दिलवाई गई है। CISF जवानों को एंट्री गेट पर चैकिंग, सामान की चैकिंग, बम का पता लगाना और डिफ्यूज करना, आतंकी हमले पर क्विक एक्शन , स्नाईपर टास्क, पब्लिक इंट्रेक्शन की ट्रेनिंग दी गई है। सीआईएसएफ सीनियर ऑफिसर का कहना है कि CRPF पीडीजी, दिल्ली पुलिस के लगभग 150 कर्मी और संसद सुरक्षा कर्मचारी (PSS) जो संयुक्त रूप से अब तक संसद की सुरक्षा करते थे। उन्हें भी वापस लिया गया है।

13 दिसंबर 2023 को नए संसद भवन की सुरक्षा में हुई चूक के बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक (डीजी) अनीश दयाल सिंह और अन्य सुरक्षा विशेषज्ञों के नेतृत्व में संसद में सुरक्षा चूक की जांच की गई, जिसमें संसद भवन की सुरक्षा के पुनर्गठन की सिफारिश की गई थी। पार्लियामेंट कैंपस की सिक्योरिटी के लिए CRPF के डीजी की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई थी। जिसके बाद सीआईएसएफ की तैनाती का फैसला किया गया।

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संसद छोड़ते समय दुखी नजर आए जवान

CRPF अधिकारी ने बताया कि 17 मई को संसद परिसर छोड़ते समय पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप (PDG) जवान दुखी थे। क्योंकि अपना सर्वश्रेष्ठ देने के बावजूद उन्हें यह कर्तव्य छोड़ना पड़ा। जवानों ने यहां से जाने से पहले देश के लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर संसद भवन की कुशलतापूर्वक रक्षा करने की याद में तस्वीरें ली और सेल्फी भी लीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि 2001 के संसद पर हुए आतंकी हमले के दौरान CRPF कर्मियों ने अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर बहादुरी के साथ आतंकियों का मुकाबला किया था। इस घटना में CRPF जवान शहीद हुए थे। कुछ को गैलेंट्री अवार्ड दिए गए थे।

सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीआईएसएफ के जवान 10 दिन से परिसर से परिचित होने का अभ्यास कर रहे हैं। स्वागत कक्ष क्षेत्र का प्रबंधन करने वाले बल के पुरुष और महिला कर्मियों को सफारी सूट के अलावा हल्के नीले रंग की पूरी आस्तीन वाली कमीज और भूरे रंग की पैंट वाली नई वर्दी दी गई है। सीआईएसएफ कर्मियों को संसद ड्यूटी के लिए भेजे जाने से पहले सामान की जांच, व्यक्तिगत तलाशी, विस्फोटक सामग्री का पता लगाने और इसके निपटान, आतंकवाद रोधी त्वरित प्रतिक्रिया, अचूक निशानेबाजी और सार्वजनिक बातचीत एवं शिष्टाचार जैसा प्रशिक्षण दिया गया है।

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इन जगहों पर रहेगी सीआईएसएफ की तैनाती

सीआईएसएफ के जवानों की तैनाती संसद भवन के सभी एंट्री और एग्जिट गेट, वॉट टावर पर रहेगी। इसके साथ ही डॉग स्क्वायड, फायर ब्रिगेड के साथ फायर टेंडर को तैनात किया गया है। जवानों को पास सेक्शन के साथ-साथ सीसीटीवी मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम और कम्युनिकेशन सेंटर में तैनात किया गया है।

नए संसद भवन की सुरक्षा में हुई थी चूक

13 दिसंबर 2023 को नए संसद पर आतंकी हमले की 22वीं बरसी पर नए संसद भवन की विजिटर्स गैलरी से बैठे 2 युवकों ने सुरक्षा में सेंध लगाई थी। इन लोगों ने अपने जूतों से छिपा पीला स्प्रे भवन में फैला दिया था। पूरे सदन में भगदड़ मच गई थी। ये लोग 5 लेयर की सुरक्षा तोड़कर लोकसभा में घुसे थे और हंगामा किया था।

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