Hathras Stampede
हाथरस में हुई भगदड़ के बाद अलग-अलग लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। अब हाथरस कांड और भोले बाबा को लेकर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं.धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बड़ा दिया है। बाबा नारायण साकार हरि को लेकर पं.धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हाथरस वाले भोले बाबा कोई परंपरा के साधू नही हैं। लोगों को ऐसी जगहों पर जाने से बचना चाहिए।
5 प्वाइंट में रखी अपनी बात
नारायण साकार हरि का नाम न लेते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि पहली बात वो कोई परंपरा के साधु नहीं हैं, दूसरी बात हमें जो पता लगी कि वहां कोई विचित्र स्थिति बनी। तीसरी बात जूता पहनकर प्रवचन हमने पहली बार देखा, उन्होंने आगे ने कहा कि चौथी बात साधु या महात्मा वही है जो अपने से ज्यादा अपने भक्तों की रक्षा का ध्यान रखे और पांचवीं बात निश्चित तौर पर कुछ रहा होगा, लेकिन हम तो यही कहेंगे कि ऐसी जगहों पर जाने से बचें। अगर दूर से ही गुरु की दृष्टि पड़ जाए तो कल्याण हो जाएगा।
हाथरस की घटना के बाद टाल दिया था आयोजन
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने यह बात मीडिया के कैमरे पर उस वक्त कही जब वह साधु-संतो एवं अपने हजारों भक्तों के बीच अपना 28 वां जन्मोत्सव मना रहे थे। बता दें कि हाथरस की दर्दनाक घटना के बाद बागेश्वर धाम में होने वाले भव्य आयोजन को टाल दिया गया था। खुद धीरेंद्र शास्त्री ने वीडियो जारी कर बताया था कि अधिक लोगों के आने की संभावना को देखते हुए आयोजन को टाल दिया गया है।
मामले में अब तक 6 लोगों की गिरफ्तारी
बता दें कि यूपी के हाथरस हादसे में अभी तक 120 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी हैं। कई लोग अस्पताल में मौत से जंग लड़ रहे हैं. जान गंवाने वालों में 2 पुरुष, 112 महिलाएं, 6 बच्चे और 1 बच्ची है। यूपी पुलिस और प्रशासन मामले में एक्शन जारी है। मामले में अब तक 6 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जिसमें चार पुरुष, दो महिलाएं शामिल हैं।
प्रवचन खत्म होते ही मची भगदड़
सूत्रों के मुताबिक पुलिस जांच में सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। बाबा नारायण साकार हरि के कथा के दौरान मंगलवार दोपहर को भगदड़ मची थी। दरअसल बाबा के प्रवचन खत्म होते ही वहां से भक्त बाबा के चरणों की मिट्टी लेने के लिए दौड़ पड़े थे। इस दौरान लोग फिसलकर एक दूसरे पर गिरते चल गए और भगदड़ मच गई।
इन धाराओं में एफआईआर दर्ज
अलीगढ़ के आईजी शलभ माथुर के मुताबिक आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा-105, 110, 126(2), 223 और 238 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। ये लोग आयोजन समिति के मेंबर हैं, बाबा के लिए चंदा इकट्ठा करना और भीड़ जमा करना इनका काम है। ये कार्यक्रम में सभी तरह की व्यवस्था करते हैं। एफआईआर के अंदर उनका (नारायण साकार उर्फ भोले बाबा) नाम नहीं है ज़िम्मेदारी आयोजक की होती है। आयोजक का नाम एफआईआर में है। आयोजक पर 1 लाख रुपये का ईनाम भी घोषित है।
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