SC के एक आदेश से खत्म हुई Jet Airways! कभी इंडस्ट्री पर था एकतरफा राज

कभी देश की एयरलाइन इंडस्ट्री पर राज करने वाली एयरलाइन रही जेट एयरवेज अब पूरी तरह से बंद हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के लिक्वेडेशन (संपत्ति बेचने की प्रक्रिया) को शुरू करने का आदेश दिया है।

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Sourabh Bhatnagar
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नरेश गोयल
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कभी देश की एयरलाइन इंडस्ट्री पर राज करने वाली एयरलाइन रही Jet Airways अब पूरी तरह से बंद हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के लिक्वेडेशन (संपत्ति बेचने की प्रक्रिया) को शुरू करने का आदेश दिया है, जिसके बाद यह साफ हो गया कि कंपनी का फिर से शुरू होना अब संभव नहीं है। पहले उम्मीद की जा रही थी कि जेट एयरवेज इस साल के अंत तक फिर से उड़ान भरेगी, लेकिन अब यह स्थाई रूप से बंद हो गई है।  

जेट एयरवेज की शानदार शुरुआत

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जेट एयरवेज की शुरुआत 5 मई, 1993 को मुंबई से अहमदाबाद के लिए पहली उड़ान भरने के साथ हुई थी। नरेश गोयल ने इसे एयर टैक्सी के रूप में शुरू किया था। कंपनी ने 4 विमानों के साथ उड़ानें शुरू की थीं। जेट एयरवेज भारत की पहली निजी एयरलाइन के तौर पर उभरी और जल्द ही देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस बन गई।  

जेट एयरवेज का शिखर

अपने चरम पर जेट एयरवेज के पास 120 से अधिक विमान थे और यह हर दिन 650 से ज्यादा उड़ानों का संचालन करती थी। कंपनी का मार्केट शेयर 21 प्रतिशत तक पहुंच चुका था और लगभग 16,000 कर्मचारी कंपनी से जुड़े थे।

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पतन की शुरुआत

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2006 में जेट एयरवेज ने एयर सहारा को 2 हजार 250 करोड़ रुपए में खरीदा था, लेकिन एयर सहारा नुकसान में रही। इसके बाद स्पाइसजेट और इंडिगो जैसी एयरलाइंस ने बाजार में कदम रखा, जो जेट एयरवेज  के लिए चुनौती भरा था। 2012 में इंडिगो ने जेट एयरवेज को पछाड़कर मार्केट में पहले स्थान पर कब्जा कर लिया।  

कर्ज का बोझ और आर्थिक संकट

जेट एयरवेज पर कर्ज का दबाव लगातार बढ़ रहा था। कंपनी ने 2005 से भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और अन्य बैंकों से कर्ज लिया था। अप्रैल 2019 तक इस पर 8 हजार 500 करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ चुका था। वित्तीय संकट के कारण 2018 में कर्मचारियों के वेतन में 25 प्रतिशत की कटौती की गई।  2019 में नरेश गोयल ( Naresh Goyal ) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

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आखिरी उड़ान

मार्च 2019 तक जेट एयरवेज का घाटा 5 हजार 535 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका था। कर्ज चुकाने के लिए कंपनी के पास पैसे नहीं थे और फिर 17 अप्रैल, 2019 को जेट एयरवेज ने अपनी आखिरी उड़ान भरी। इसके अगले दिन, 18 अप्रैल को कंपनी ने अपनी सभी उड़ानें रद्द कर दीं और कहा कि वह अब संचालन जारी नहीं रख सकती।  

नरेश गोयल पर गड़बड़ी के आरोप

सितंबर 2023 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नरेश गोयल ( Naresh Goyal ) को गिरफ्तार किया था। उन पर 538 करोड़ रुपए की बैंक धोखाधड़ी का आरोप था। यह मामला कैनरा बैंक द्वारा दायर की गई शिकायत पर आधारित था, जिसमें गोयल के दफ्तर और उनके परिवार के सदस्यों के घर पर छापे मारे गए थे।

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सुप्रीम कोर्ट का फैसला

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जेट एयरवेज के बंद होने के बाद दिवाला कार्यवाही शुरू हुई थी। 2020 में मुरारी लाल जालान और कलारोक कैपिटल के कंसोर्टियम ने कंपनी के पुनरुद्धार के लिए 4 हजार 783 करोड़ रुपए की योजना पेश की थी। हालांकि, यह योजना विवादों में घिरी रही, और 2024 में NCLAT ने कंसोर्टियम को जेट एयरवेज का स्वामित्व सौंपने की अनुमति दी। लेकिन ऋणदाता द्वारा इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के बाद, कोर्ट ने लिक्विडेशन प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है।  

जेट एयरवेज की यह यात्रा एक वक्त की सफलता की कहानी से गिरकर एक कठिन आर्थिक संकट में बदल गई। कभी देश की सबसे बड़ी एयरलाइन में से एक रही जेट एयरवेज अब इतिहास बन चुकी है।

ये संपत्तियां बिकेंगी

  • बैंकों के पास सबसे बड़ी संपत्ति जेट एयरवेज के 11 विमान हैं, जो मुंबई, दिल्ली और हैदराबाद के हवाई अड्डों पर खड़े हैं। बैंकों के अनुमान के अनुसार, इन विमानों की बिक्री ₹1,000 करोड़ से ₹1,500 करोड़ के बीच हो सकती है।
  • इसके अलावा, जेट एयरवेज की अन्य संपत्तियों में इंजन, सहायक बिजली इकाइयां (एपीयू), विमान के पुर्जे, और जमीनी उपकरण जैसे जनरेटर, टो ट्रैक्टर, वाहन, कंप्रेसर, कोच और ट्रॉलियां भी बिक्री के लिए उपलब्ध होंगी। जेट एयरवेज़ का ब्रांड नाम भी बिक्री में शामिल होगा। 
  • जेट एयरवेज के पास मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में एक व्यावसायिक इमारत में आधी मंजिल है, जिसका मूल्य जून 2019 तक ₹245 करोड़ आंका गया था। बैंकों को जेट एयरवेज़ के खाते में जमा लगभग ₹100 करोड़ की राशि भी भुनाने का अवसर मिलेगा। 
  • इसके अतिरिक्त, बैंकों के पास जालान-कलरॉक कंसोर्टियम द्वारा जमा की गई ₹350 करोड़ की नकद राशि तक पहुंच भी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कंसोर्टियम द्वारा ₹150 करोड़ की प्रदर्शन बैंक गारंटी को भुनाने का आदेश दिया है, साथ ही एस्क्रो खाते में जमा ₹200 करोड़ को जब्त करने का भी आदेश दिया है। हालांकि, जालान-कलरॉक कंसोर्टियम ने सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश को चुनौती दी है, और कोर्ट ने फिलहाल इस पर रोक लगा दी है।

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