एप्पल पर जासूसी के आरोप, एम्प्लॉई ने दायर किया मुकदमा

टेक कंपनी एप्पल पर अपने कर्मचारियों की जासूसी करने का आरोप लगा है। आरोप है कि कंपनी अपने एम्प्लॉई के डिवाइस और iCloud अकाउंट के जरिए अवैध रूप से निगरानी करती है।

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Raj Singh
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टेक कंपनी एप्पल पर अपने कर्मचारियों की जासूसी करने का आरोप लगा है। आरोप है कि कंपनी अपने एम्प्लॉई के डिवाइस और iCloud अकाउंट के जरिए अवैध रूप से निगरानी करती है। यह मामला रविवार (2 दिसंबर) को कैलिफोर्निया में दायर किए गए मुकदमे से सामने आया।  

निजता के अधिकार का उल्लंघन

मुकदमे के मुताबिक, एप्पल कर्मचारियों से नौकरी की शर्तों के तहत निजता के अधिकार को छोड़ने की मांग करता है। अमर भक्त, जो एप्पल के डिजिटल एडवरटाइजिंग डिपार्टमेंट में कार्यरत हैं, उन्होंने दावा किया कि कंपनी कर्मचारियों को एक ऐसी नीति पर सहमत होने को मजबूर करती है, जिसके तहत वे उनके घर में भी फिजिकल, वीडियो और इलेक्ट्रॉनिक रूप से निगरानी कर सकती है।  

अमर का आरोप है कि एपल कर्मचारियों से पर्सनल डिवाइस पर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने की मांग करता है।

मुकदमे में ये लगाए गए आरोप

मुकदमे में यह भी आरोप लगाया गया कि एप्पल इकोसिस्टम कर्मचारियों के लिए एक 'जेल यार्ड' जैसा है, जहां कर्मचारियों की निगरानी हर समय की जाती है, चाहे वे ड्यूटी पर हों या न हों। अमर का कहना है कि एप्पल अपने कर्मचारियों के व्यक्तिगत डेटा की जासूसी करता है।  

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कर्मचारियों के व्यक्तिगत डेटा की जासूसी

रिपोर्ट्स के मुताबिक, एप्पल की पॉलिसी के अनुसार, कर्मचारियों के पर्सनल डिवाइस पर किसी भी कार्य के लिए उनका व्यक्तिगत डेटा सर्च किया जा सकता है। इसमें ईमेल, फोटो, वीडियो और अन्य व्यक्तिगत जानकारी शामिल हैं।  

बोलने की स्वतंत्रता का हनन

अमर ने यह भी आरोप लगाया कि एप्पल कर्मचारियों को उनकी वेतन, काम की स्थितियों और राजनीतिक गतिविधियों पर चर्चा करने से रोकता है। कंपनी कर्मचारियों को अपनी बात रखने और वेतन पर विचार-विमर्श करने का भी अधिकार नहीं देती है।  

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एप्पल ने आरोपों का किया खंडन

एप्पल ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मुकदमे में लगाए गए दावे पूरी तरह से निराधार हैं। कंपनी के प्रवक्ता जोश रोसेनस्टॉक ने एक बयान में कहा कि हम अपने कर्मचारियों के अधिकारों का सम्मान करते हैं और हम इस दावे से पूरी तरह असहमत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एप्पल में कर्मचारियों को उनकी सैलरी और काम के घंटे पर चर्चा करने का अधिकार है, जो बिजनेस कंडक्ट पॉलिसी का हिस्सा है। वहीं इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए जांच जारी है, और कंपनी ने कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करने का दावा किया है।

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