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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) भारत में सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है, जो रिटायरमेंट के बाद फाइनेंशियल सिक्योरिटी देती है। EPF (Employees' Provident Fund) एक तरह की बचत योजना है। इसमें कर्मचारी अपनी मासिक सैलरी का एक हिस्सा योगदान के रूप में डालते हैं और इसके बदले उन्हें ब्याज मिलता है। लेकिन, क्या रिटायरमेंट के बाद भी EPF पर ब्याज मिलता है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हम इस खबर में विस्तार से समझेंगे।
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जानें क्या है EPF का महत्व
EPF भारत सरकार के जरिए EPFO के तहत संचालित की जाती है। EPF में कर्मचारी की सैलरी का एक निश्चित प्रतिशत हर महीने जमा किया जाता है। यह योगदान कर्मचारी के भविष्य के लिए है। इससे वह अपनी रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा प्राप्त कर सके। EPF खाते में जमा राशि पर ब्याज भी मिलता है, जो कि सरकार के जरिए तय किया जाता है।
रिटायरमेंट के बाद EPF पर ब्याज मिलेगा या नहीं?
EPF पर ब्याज मिलने के नियम को समझना आवश्यक है, खासकर जब कर्मचारी अपनी नौकरी से रिटायर हो जाता है। कर्मचारी का EPF खाता पेंशन योजना से जुड़ा होता है। इस पर ब्याज तब तक मिलता है जब तक खाते में कोई सक्रिय योगदान होता है। लेकिन रिटायरमेंट के बाद कुछ शर्तों के साथ ब्याज मिलता है।
क्या रिटायरमेंट के बाद भी EPF पर मिलेगा ब्याज?
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रिटायरमेंट के बाद EPF पर ब्याज पाने के लिए क्या शर्तें हैं?
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55 वर्ष के बाद EPF पर ब्याज: EPFO के नियमों के अनुसार, यदि कोई कर्मचारी 55 वर्ष की उम्र के बाद या रिटायरमेंट से पहले अपनी नौकरी छोड़ता है, तो वह अगले तीन साल तक अपने EPF खाते पर ब्याज प्राप्त कर सकता है। इस दौरान, भले ही EPF खाते में कोई नया योगदान न हो, फिर भी ब्याज मिलता रहेगा।
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तीन साल तक ब्याज मिलता है: 55 वर्ष की आयु के बाद, अगर कर्मचारी नौकरी छोड़ता है तो EPF खाता तीन साल तक सक्रिय रहता है और इस पर ब्याज मिलता रहता है। इसके बाद यदि कर्मचारी अपना EPF खाता निष्क्रिय (inactive) कर देता है या पैसे नहीं निकालता है, तो ब्याज देना बंद हो जाता है।
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कर्मचारी की पेंशन का निर्धारण: कर्मचारी के EPF खाते में जमा राशि से पेंशन का निर्धारण किया जाता है। पेंशन तब तक दी जाती है जब तक कर्मचारी 58 वर्ष की आयु तक नहीं पहुंच जाता। हालांकि, यदि कोई कर्मचारी 58 वर्ष से पहले पेंशन का दावा करता है, तो उसे हर साल 4% की कटौती करनी पड़ती है।
रिटायरमेंट के बाद EPF खाते का कार्य क्या होता है?
रिटायरमेंट के बाद, EPF खाते में जमा राशि का 75 प्रतिशत हिस्सा एकमुश्त (Lump-sum) मिलता है और बाकी 25 प्रतिशत हिस्सा पेंशन के रूप में हर महीने प्राप्त होता है। पेंशन को कर्मचारी के जीवनभर के लिए जारी किया जाता है, ताकि रिटायरमेंट के बाद उसे वित्तीय सहायता मिलती रहे।
10 साल नौकरी करने के बाद पेंशन का अधिकार
यदि कर्मचारी EPFO में कम से कम 10 साल तक योगदान करता है, तो उसे पेंशन का हक मिल जाता है। हालांकि, यह पेंशन 58 साल की आयु के बाद ही शुरू होती है। यदि कर्मचारी 50 साल की उम्र में पेंशन का दावा करता है, तो उसे हर साल 4 प्रतिशत की कटौती के साथ पेंशन मिलेगी।
EPFO के अन्य नियमों के बारे में जानिए
EPF खाते का ट्रांसफर और बैलेंस चेक कैसे करें?
EPF खाते का ट्रांसफर करना बहुत आसान है, लेकिन इसके लिए कर्मचारियों को अपने पुराने और नए नियोक्ता के जरिए आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा करना होता है। EPFO वेबसाइट और एप्लिकेशन के माध्यम से बैलेंस चेक करना भी बहुत सरल है।
रिटायरमेंट से पहले या बाद में EPF का इस्तेमाल कैसे करें?
EPF खाते से पैसे का इस्तेमाल रिटायरमेंट से पहले भी किया जा सकता है। जैसे कि घर खरीदने के लिए, शिक्षा खर्च के लिए, या स्वास्थ्य खर्च के लिए। इसके लिए EPFO के जरिए निर्धारित नियमों के अनुसार कर्मचारी को आवेदन करना होता है।
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