/sootr/media/media_files/2025/12/12/fake-doctor-engineer-2025-12-12-23-58-36.jpg)
Lalitpur. उत्तर प्रदेश के ललितपुर में एक इंजीनियर साला डॉक्टर बन गया। उसने अपने जीजा की डिग्री लगाकर डॉक्टर की नौकरी की। वह तीन साल से मेडिकल कॉलेज में इलाज कर रहा था। उसकी नियुक्ति संविदा पर हुई थी। बताया गया कि वह महीने का 1.5 लाख रुपए वेतन ले रहा था। घर में संपत्ति को लेकर विवाद हुआ। बहन ने शिकायत की, जिसके बाद मामला खुला।
कार्डियोलॉजिस्ट ने फर्जी डिग्री से काम किया
ललितपुर मेडिकल कॉलेज में एक कार्डियोलॉजिस्ट ने फर्जी डिग्री से काम किया। वह डॉ. राजीव जैन की डिग्री पर कार्य कर रहा था। यह मामला तब उजागर हुआ जब डॉ. सोनाली सिंह ने शिकायत की। डॉ. सोनाली सिंह आरोपी डॉक्टर की बहन और डॉ. राजीव जैन की पत्नी हैं। डॉ. राजीव जैन वर्तमान में अमेरिका में रहते हैं।
पत्र में डॉ. सोनाली सिंह ने आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि डॉ. अभिनव गुप्ता ने उनके पति की डिग्री का उपयोग किया। डॉ. अभिनव गुप्ता ललितपुर मेडिकल कॉलेज में कार्डियोलॉजिस्ट हैं। उन्होंने आरोपों के साथ ठोस सबूत और फोटो मिलान पेश किए। उन्होंने सभी दस्तावेजों के सत्यापन की मांग की।
सीएम मोहन यादव बोले- कांग्रेस ने कुछ नहीं किया, हमने भरे 60 हजार पद
इंजीनियरिंग डिग्री के बाद कैसे बना डॉक्टर
शिकायत मिलते ही डॉ. अभिनव गुप्ता ने इस्तीफा दे दिया। सूत्रों के अनुसार, उनके पास इंजीनियरिंग डिग्री है, चिकित्सा डिग्री नहीं है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मयंक शुक्ला ने कहा, "वह संविदा पर डिप्लोमा कार्डियोलॉजिस्ट थे। उन्होंने बताया कि अभिनव को जोखिम भरे काम नहीं दिए गए। इससे मरीजों को कोई नुकसान नहीं हुआ।
औद्योगिक भ्रमण और एक्सपोजर विजिट के नाम पर उच्च शिक्षा विभाग के बजट की फिजूलखर्ची
जांच के लिए टीम गठित
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने तीन वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम बनाई। टीम पूरे प्रकरण की गहन जांच कर रही है। सीएमओ ने बताया कि जांच रिपोर्ट के बाद एफआईआर दर्ज की जाएगी। आरोप धोखाधड़ी, जालसाजी और फर्जी दस्तावेजों का होगा।
लव जिहाद की फंडिंग के आरोपी पूर्व पार्षद अनवर कादरी बोले- BJP में नहीं गया इसलिए झूठा फंसाया
पैसे की चिंता किए बिना पढ़ेंगे बच्चे, SRTST 2026 स्कॉलरशिप एग्जाम करना होगा पास, जानें पूरी प्रोसेस
कैसे हुई नियुक्ति
अभिनव की नियुक्ति के बाद चयन समिति की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। फर्जी डिग्री पर संविदा नियुक्ति कैसे हुई? दस्तावेजों का सत्यापन क्यों नहीं किया गया? तीन साल तक किसी को शक क्यों नहीं हुआ?
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us