NEW DELHI. दो साल पहले यानी 26 नवंबर 2020 को दिल्ली के बॉर्डर पर दिल्ली किसान आंदोलन शुरू हुआ था। बता दें कि ये आंदोलन केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए किया गया था। ये आंदोलन इतना मुखर था कि नरेंद्र मोदी सरकार को कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून -2020, कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तुएं संशोधन अधिनियम 2020 को रद्द करना पड़ा था।
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378 दिनों तक चले थे ये आंदोलन
378 दिन लगभग शांतिपूर्ण तरीके से चले किसान आंदोलन ने देश में कृषि और किसान को देखने का नजरिया बदलने के साथ ही 1991 की आर्थिक उदारीकरण की नीतियों की शुरुआत के बाद पहली बार कृषि क्षेत्र को नीति-निर्धारण, संसदीय बहस, राजनीतिक विमर्श और आर्थिक नीतियों के केंद्र में ला खड़ा किया।
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क्या थी किसानों की प्रमुख मांग
- तीन कृषि कानूनों को वापस लिया जाए
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी गारंटी दी जाए
- किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं
आंदोलन का स्वरूप
यह आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चलाया गया था। इस दौरान किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डालकर लंबे समय तक धरना प्रदर्शण दिया था। साथ ही ट्रैक्टर रैलियां भी किए गए थे। शुरुआत में सरकार ने किसानों की मांगों को नजरअंदाज किया। बाद में सरकार ने कई बार किसानों के साथ बातचीत की, लेकिन कोई समझौता नहीं हो सका। बता दें इस आंदोलन का देशभर में व्यापक प्रभाव पड़े थे। कई राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने इस आंदोलन में किसानों का समर्थन किया था।
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किसान आंदोलन भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम
अंत में 19 नवंबर 2021 को, प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की, जो कि किसानों की एक बड़ी जीत थी। कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद भी, किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी गारंटी देने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। इसके बाद सरकार ने MSP पर एक समिति का गठन भी किया है, लेकिन अभी तक इस मामले पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। कहा जाता है कि दिल्ली किसान आंदोलन भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम रहा है। इस आंदोलन ने किसानों की शक्ति और एकजुटता को दिखाया।
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यह आंदोलन निम्नलिखित कारणों से महत्वपूर्ण था
- यह भारत के सबसे बड़े किसान आंदोलनों में से एक था।
- इस आंदोलन ने किसानों की एकजुटता को दिखाया।
- इस आंदोलन ने सरकार को किसानों की मांगों पर ध्यान देने के लिए मजबूर किया।
- इस आंदोलन ने कृषि क्षेत्र में सुधारों की आवश्यकता पर बहस शुरू की।
- दिल्ली किसान आंदोलन का भारतीय राजनीति और समाज पर गहरा प्रभाव पड़ा।
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कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- आंदोलन के दौरान 700 से अधिक किसानों की मृत्यु हो गई।
- आंदोलन में कई सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने किसानों का समर्थन किया।
- आंदोलन ने कृषि क्षेत्र में सुधारों की आवश्यकता पर बहस शुरू की।
- दिल्ली किसान आंदोलन भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम था। इस आंदोलन ने किसानों की शक्ति और एकजुटता को दिखाया।