टीम इंडिया की स्पॉन्सर Dream11 का गेम ओवर, CEO ने कहा- अब ऑपरेशन खत्म, यूजर्स पैसा निकालने में जुटे

Dream11 की पेरेंट कंपनी Dream Sports ने नए ऑनलाइन गेमिंग बिल के कारण अपनी रियल-मनी सर्विसेज बंद कर दी हैं। इसका असर अब गेमिंग बाजार पर भी देखने को मिल रहा है।

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Dablu Kumar
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भारत के सबसे बड़े फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म Dream11 के लिए एक युग का अंत हो गया। यह Dream11 के लिए एक नया मोड़ है। इसकी पेरेंट कंपनी Dream Sports ने 2025 के नए ऑनलाइन गेमिंग बिल के कारण अपना रियल-मनी गेमिंग सेक्शन बंद करने का फैसला लिया है। इस बिल का मुख्य उद्देश्य भारत में ऑनलाइन रियल-मनी गेम्स जैसे कि सट्टेबाजी और फैंटेसी क्रिकेट पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना है। यह कदम Dream Sports और अन्य गेमिंग कंपनियों के लिए एक गंभीर झटका साबित हुआ है, क्योंकि रियल-मनी गेम्स ही इन कंपनियों की कमाई का मुख्य जरिया रहे हैं।

नए कानून के लागू होने से Dream11 जैसे प्लेटफॉर्म्स को अपनी सेवाओं को पूरी तरह से फिर से री-निर्माण करना होगा। यह गेमिंग उद्योग में व्यापक बदलाव का संकेत है।

जानें यह बदलाव क्यों आया?

केंद्र सरकार की ओर से संसद में पारित ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन और रेगुलेशन बिल को एक ऐतिहासिक कदम के रूप में स्वीकार किया गया है। इस बिल के तहत रियल-मनी गेम्स पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है, इससे ऑनलाइन गेमिंग बाजार को एक गंभीर संकट का सामना करना पड़ा है। Dream Sports ने इस बदलाव को स्वीकारते हुए अपने प्लेटफॉर्म पर 'पे टू प्ले' फैंटेसी स्पोर्ट्स प्रतियोगिताओं को बंद करने का फैसला किया है। इस कदम से कंपनी को अपने व्यवसाय मॉडल में बड़े बदलाव करने होंगे, क्योंकि रियल-मनी गेम्स इसके राजस्व का प्रमुख स्रोत थे।

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Dream11 के यूजर्स के पैसे का क्या होगा?

Dream11 पर एक आधिकारिक नोटिस में यह स्पष्ट किया गया है कि ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन और रेगुलेशन बिल, 2025 के तहत वे अपने प्लेटफॉर्म पर सभी 'पे टू प्ले' प्रतियोगिताओं को रोक रहे हैं, लेकिन यूजर्स के पैसे सुरक्षित रहेंगे। यूजर्स अब अपने अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं।

Dream11 का यह फैसला यूजर्स के लिए राहत देने वाला है क्योंकि वे अपनी जमा राशि को वापस निकाल सकते हैं, लेकिन इससे कंपनी की वित्तीय स्थिति पर भारी असर पड़ेगा। Dream11 का प्रमुख स्रोत, पेड फैंटेसी कॉन्टेस्ट्स अब बंद हो जाएगा।

Dream11 बंद होने वाली खबर को पांच प्वाइंट में समझें

  • 2025 के नए ऑनलाइन गेमिंग बिल के तहत, Dream Sports ने अपने प्लेटफॉर्म पर सभी 'पे टू प्ले' फैंटेसी स्पोर्ट्स प्रतियोगिताओं को बंद कर दिया है।
  • Dream11 के यूजर्स को अपनी जमा राशि वापस निकालने का अवसर मिलेगा, लेकिन इससे कंपनी की वित्तीय स्थिति पर असर पड़ेगा।
  • Dream Sports के CEO हर्ष जैन ने बताया कि नए कानून के लागू होने के बाद ऑपरेशन जारी रखना संभव नहीं है और कंपनी अब FanCode, DreamSetGo जैसे अन्य वर्टिकल्स पर ध्यान केंद्रित करेगी।
  • Dream11 के बंद होने से Dream Sports को वित्तीय नुकसान हो सकता है, क्योंकि कंपनी का 90% से अधिक रेवेन्यू पेड फैंटेसी गेम्स से आता था।
  • Gameskraft (RummyCulture), Zupee और Probo जैसी कंपनियों ने भी रियल-मनी गेमिंग सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी हैं।

Dream Sports के CEO का संदेश

Dream Sports के CEO हर्ष जैन ने अपनी टीम को एक संदेश भेजा है। इसमें  CEO हर्ष जैन ने साफ किया है कि नए कानून के लागू होने के बाद कंपनी के पास ऑपरेशन जारी रखने का कोई कानूनी विकल्प नहीं बचा है। उन्होंने कर्मचारियों को ट्रांजिशन प्लान के बारे में जानकारी दी और बताया कि अब कंपनी अपने अन्य वर्टिकल्स जैसे FanCode, DreamSetGo और Dream Game Studios पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगी।

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Dream Sports के लिए वजूद का संकट

Dream11 के बंद होने से Dream Sports के सामने अपनी अस्तित्व को बनाए रखने का संकट खड़ा हो गया है, क्योंकि कंपनी का 90% से अधिक रेवेन्यू पेड फैंटेसी गेम्स से आता था। FY24 में कंपनी का रेवेन्यू ₹9,600 करोड़ से अधिक था, जिसमें पुरुष क्रिकेट वर्ल्ड कप जैसी प्रमुख प्रतियोगिताओं का महत्वपूर्ण योगदान था।

इसके बावजूद, कंपनी के अन्य वर्टिकल्स जैसे FanCode और DreamSetGo का रेवेन्यू मौजूदा समय में बहुत कम है। ऐसे में साफ है कि Dream11 के बंद होने से कंपनी को काफी बड़ा वित्तीय नुकसान उठाना पड़ सकता है।

Dream11 के इतिहास पर एक नजर

Dream11 की शुरुआत 2008 में हर्ष जैन और भावित शेठ ने की थी। कंपनी ने भारत में फैंटेसी स्पोर्ट्स की दुनिया में अपनी मजबूत पकड़ बनाई और अपने यूजर्स को एक बेहतरीन फैंटेसी खेल अनुभव दिया। इसके पास 28 करोड़ से अधिक रजिस्टर्ड यूजर्स थे और इसका बाजार में बहुत बड़ा दबदबा था।

ड्रीम-11 ने क्रिकेट वर्ल्ड कप, आईपीएल और भारतीय टीम के साथ अपने साझेदारी कर बड़ी सफलता प्राप्त की थी, लेकिन अब इसे अपनी सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। ऑनलाइन गेमिंग पर सख्ती से गेम खेलने वाले यूजर्स हल्के परेशान दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, सरकार ने उनकी भलाई के लिए ही उन्हें सट्टेबाजी गेम से दूर किया है।

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ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 के प्रावधान

ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 का मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन रियल-मनी गेम्स को नियंत्रित करना और इनसे जुड़े जोखिमों को कम करना है। इस बिल के तहत रियल-मनी गेम्स जैसे सट्टेबाजी, रम्मी, फैंटेसी क्रिकेट और लूडो को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है और इन्हें संचालित करने के लिए विशेष लाइसेंस की आवश्यकता होगी। हालांकि, ई-स्पोर्ट्स जैसे गेम्स, जैसे कि GTA, Call of Duty और Freefire पर कोई बैन यानी प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। लेकिन इस बिल में सख्त दंडात्मक प्रावधान भी हैं। यदि कोई कंपनी रियल-मनी गेम्स चलाती है, तो उसे तीन साल तक की सजा और 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा यदि कोई कंपनी इन गेम्स के विज्ञापन करती है, तो उसे दो साल की कैद और 50 लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है।

अन्य कंपनियां भी बंद कर रही हैं रियल-मनी सर्विस

Dream-11 के साथ-साथ अन्य कई कंपनियों ने भी अपने रियल-मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म को बंद करने की घोषणा की है। इनमें Gameskraft (RummyCulture), Zupee और Probo शामिल हैं। ये सभी कंपनियां अब अपनी रियल-मनी गेमिंग सर्विस को अस्थायी रूप से बंद कर रही हैं।

FAQ

Dream11 के बंद होने से यूजर्स को क्या नुकसान होगा?
Dream11 के बंद होने से यूजर्स को अपनी जमा राशि निकालने का अवसर मिलेगा, लेकिन इसके बंद होने से फैंटेसी स्पोर्ट्स खेलने का अनुभव प्रभावित होगा। Dream Sports ने यह सुनिश्चित किया है कि यूजर्स का पैसा सुरक्षित रहेगा और वे इसे वापस निकाल सकते हैं।
नए ऑनलाइन गेमिंग बिल में क्या प्रावधान हैं?
ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 के तहत रियल-मनी गेम्स जैसे सट्टेबाजी और फैंटेसी क्रिकेट को प्रतिबंधित किया गया है। इसके साथ ही, इन गेम्स को चलाने के लिए विशेष लाइसेंस की आवश्यकता होगी और उल्लंघन करने पर सख्त सजा का प्रावधान है।
Dream11 के बंद होने के बाद Dream Sports का भविष्य क्या होगा?
Dream11 के बंद होने से Dream Sports को बड़ा नुकसान होगा, क्योंकि इसका अधिकांश रेवेन्यू उसी प्लेटफॉर्म से आता था। हालांकि, कंपनी अब अपनी अन्य वर्टिकल्स जैसे FanCode, DreamSetGo, और Dream Game Studios पर ध्यान केंद्रित करेगी।

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