उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक अपराधी 35 साल तक होमगार्ड की नौकरी कर रहा था लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। दिसंबर 2024 में होमगार्ड की शिकायत पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) वैभव कृष्ण से की गई, इसके बाद जांच में आया की यह होमगार्ड एक गैंगस्टर है। जो 35 साल पहले हत्या और डकैती जैसे संगीन अपराधों में अपराधी घोषित हुआ था। इसके बाद होमगार्ड कमांडेंट मनोज सिंह ने मामले में गंभीरता दिखाते हुए होमगार्ड को सस्पेंड कर दिया। साथ ही इसके खिलाफ केस दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया।
भतीजे ने खोल दी गैंगस्टर चाचा की पोल
पुलिस ने बताया कि नकदू यादव 35 साल से होमगार्ड के पद पर तैनात था। लेकिन किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। पूरा मामला खुलकर तब सामने आया जब होमगार्ड नकदू यादव के भतीजे नंदलाल ने 3 दिसंबर को डीआईजी वैभव कृष्ण से शिकायत करते हुए बताया कि उसके चाचा ने फर्जी तरीके से पुलिस की नौकरी हासिल की है। भतीजे की शिकायत सुनकर अधिकारी हैरान रह गए। इसके बाद डीआईजी ने मामले में गंभीरता दिखाते हुए जांच के आदेश जारी किए थे, जांच में सामने आया कि होमगार्ड नकदू यादव ने फर्जी प्रमाणपत्र और पहचान बदलकर नौकरी पर लगा है। आरोपी गैंगस्टर पिछले 35 साल से नकदू की जगह नंदलाल बनकर नौकरी कर रहा था। उसके खिलाफ हत्या, डकैती और गैंगस्टर सहित कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज हैं।
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1989 में भर्ती हुआ था नकदू
पुलिस ने बताया कि आरोपी होमगार्ड नकदू यादव सितंबर 1989 में भर्ती हुआ था। इसके बाद उसने 35 साल तक नौकरी की, वह 2024 तक रानी की सराय और मेंहनगर थाने में तैनात रहा। पुलिस के अनुसार रानी की सराय थाना क्षेत्र के चकवारा निवासी नकदू यादव के खिलाफ हत्या, हत्या की कोशिश, डकैती के कई मामले दर्ज थे। उसके खिलाफ 1984 में मर्डर और साक्ष्य छुपाने का केस दर्ज हुआ था, 1984 में उसने जहानागंज थाना क्षेत्र के रहने वाले मन्नु यादव की हत्या कर दी थी। इसके बाद 1987 में नकदू के खिलाफ डकैती का केस दर्ज हुआ था, 1988 में नकदू के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई थी। जिसकी हिस्ट्रीशीट नंबर-52A है।
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नकदू से नंदलाल बना गैंगस्टर
नकदू यादव चौथी क्लास तक गांव के स्कूल में पढ़ा है। इसके बाद उनसे आठवीं का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया और होमगार्ड की नौकरी हासिल कर ली। 1990 के पहले तक नकदू यादव पुत्र लोकई यादव वह पहचाना जाता था, इसके बाद वह नकदू से नंदलाल बन गया। DIG ने जांच के आदेश के बाद 9 जनवरी को मामला सही पाया गया। मामले में रानी की सराय थाने के SI गोपाल जी ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया। मामला सही पाए जाने के बाद होमगार्ड कमांडेंट मनोज सिंह ने उसे निलंबित कर दिया।
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क्लीन चिट भी मिली थी....
पुलिस ने बताया कि 1988 में गैंगस्टर की कार्रवाई कर नकदू को हिस्ट्रीशीटर में शामिल किया गया था। इसके बाद फर्जीवाड़ा करके आरोपी नकदू ने नंदलाल बनकर 1 सितंबर 1989 को होमगार्ड में भर्ती हो गया। सबसे अहम बात यह है कि आरोपी नकदू के हिस्ट्रीशीटर होने के बाद भी तत्कालीन थाना पुलिस और इंटेलिजेंस टीम ने उसे क्लीन चिट दे दी थी। थाने और इंटेलिजेंस के जिम्मेदार अधिकारियों ने आरोपी होमगार्ड के चरित्र प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर भी किए हैं।
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