अब हर जनरल स्टोर पर मिलेंगी बुखार और दर्द की दवाएं, सरकार ने दी हरी झंडी

ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड की सिफारिशों पर आधारित रिपोर्ट अब सरकार को सौंप दी गई है। अब बुखार या दर्द के लिए डॉक्टर की पर्ची या मेडिकल दुकान ढूंढने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

author-image
Kaushiki
New Update
OTC दवा
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

अब बुखार, दर्द और एलर्जी जैसी सामान्य समस्याओं के इलाज के लिए आपको केवल मेडिकल स्टोर तक सीमित नहीं रहना होगा। भारत सरकार ने ओवर-द-काउंटर (OTC) दवाओं को जनरल स्टोर्स पर बेचने की मंजूरी दे दी है। इसके तहत, पेरासिटामोल, आइब्यूप्रोफेन, लिवोसिट्राजीन जैसी आम दवाएं जल्द ही किराना और जनरल स्टोर्स पर उपलब्ध होंगी।

इस कदम से खासतौर पर उन लोगों को लाभ होगा जो दूरदराज के गांवों या कस्बों में रहते हैं, जहां हर गली में मेडिकल स्टोर नहीं होते। अब बुखार या दर्द के लिए डॉक्टर की पर्ची या मेडिकल दुकान ढूंढने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

ये खबर भी पढ़ें...बाघ तस्कर गैंग से पूछताछ में खुलासा, चीन तक जुड़े तार, गोली-जहर से नहीं ऐसे करते थे शिकार

स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुंच

यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं को जनसाधारण के और करीब लाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है। इस नीति के तहत, आम लोगों के लिए दवाओं की उपलब्धता सरल हो जाएगी, जिससे उनकी लाइफस्टाइल में आसानी और सुविधा आएगी। अब लोग बिना किसी झंझट के सामान्य दवाएं आसानी से खरीद सकेंगे।

नई नीति का खाका

भारत में अब तक OTC दवाओं के लिए कोई स्पष्ट नीति नहीं थी। इसलिए, इन दवाओं को केवल मेडिकल स्टोर्स तक सीमित रखा गया था।

मई 2023 में CDSCO (केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन) ने एक पैनल गठित किया था, जिसका काम यह तय करना था कि कौन सी दवाएं OTC श्रेणी में रखी जाएं। पैनल ने ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड की सिफारिशों के आधार पर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी।

OTC दवाओं के लिए सुरक्षा मानक

रिपोर्ट के मुताबिक, जिन दवाओं को OTC के रूप में बेचा जाएगा, उन्हें सुरक्षित और प्रभावी माना गया है। हालांकि, पैनल ने यह भी कहा है कि OTC दवाएं केवल सीमित मात्रा में उपलब्ध कराई जानी चाहिए, क्योंकि अधिक मात्रा में इन दवाओं का सेवन नुकसानदायक हो सकता है।

उदाहरण के तौर पर, आइब्यूप्रोफेन को अधिक मात्रा में लेने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसके लिए दवाओं की पैकिंग और मात्रा के लिए विशेष मानक तय किए जाएंगे।

ये खबर भी पढ़ें...इंदौर नायब तहसीलदार, पटवारी, मध्यस्थ ने मांगी 50 लाख की रिश्वत, कलेक्टोरेट में खुल्ला खेल

कानूनी ढांचा बनेगा

इस बदलाव के तहत, ड्रग्स रूल्स 1945 में संशोधन किया जाएगा ताकि OTC दवाओं की बिक्री, लेबलिंग और पात्रता के लिए स्पष्ट नियम बनाए जा सकें। जैसे डॉक्टर की पर्ची वाली दवाओं के लिए नियम होते हैं, वैसे ही बिना पर्ची वाली दवाओं के लिए भी गाइडलाइंस तैयार की जाएंगी।

छोटे शहरों और गांवों के लिए लाभ

इस नीति का सबसे बड़ा फायदा उन लोगों को होगा जो छोटे कस्बों और गांवों में रहते हैं, जहां मेडिकल स्टोर की पहुंच सीमित है। अब उन्हें मामूली बुखार, एलर्जी या दर्द के लिए दूर-दराज मेडिकल स्टोर नहीं भागना पड़ेगा। किराने की दुकान से ही वे इन दवाओं को आसानी से खरीद सकेंगे, जिससे उनका समय और ऊर्जा दोनों बचेंगे।

Medicines | government decision on medicines | generic medicines | expensive medicines in India | भारत सरकार का एक्शन | स्वास्थ्य विभाग भारत सरकार | medical store | देश दुनिया न्यूज

ये खबर भी पढ़ें...

अभ्युदय जैन मर्डर केस में खुलासा, मां को बता दिया था हत्यारिन, SIT जांच में सामने आया सच

राजस्थान से ड्रग्स बेचने रायपुर आया युवक... रंगे हाथों पकड़ाया

Medicines government decision on medicines generic medicines expensive medicines in India भारत सरकार भारत सरकार का एक्शन स्वास्थ्य विभाग भारत सरकार medical store देश दुनिया न्यूज