2025 में कौन सी हैं चुनौतियां, वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम ने बताया एजेंडा
वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट में साल 2025 के लिए प्रमुख खतरों की पहचान की गई है, जिसमें फेक न्यूज पर भी चिंता जताई गई है। साथ ही कई और भी महत्तवपूर्ण मुद्दों को रिपोर्ट में शामिल किया गया है।
दुनिया के बड़े मंच वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम ( world economic forum ) की ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट ने 2025 की चुनौतियों और भविष्य के जोखिमों को उजागर किया है। डावोस में हुई फोरम की वार्षिक बैठक से पूरी दुनिया का एजेंडा तय होता है। फोरम की इस साल की बैठक "इंटेलिजेंट एज के लिए सहयोग" के तहत आयोजित की गई। आइए जानते हैं बैठक में किन बड़े मुद्दों को 2025 की चुनौतियों के रूप में रखा गया है।
वार्षिक ग्लोबल रिस्क पर्सेप्शन सर्वे है केंद्र में
इस साल की वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट वार्षिक ग्लोबल रिस्क पर्सेप्शन सर्वे (GRPS) पर आधारित है। इस रिपोर्ट ने वर्तमान चिंताओं पर तो ध्यान दिया ही है, इसके साथ ही आगामी 10 साल के बड़े मुद्दों को भी केंद्र में रखा है।
ग्राफ में देखें कौन से मुद्दों पर यह बैठक फोकस में रही
World Economic Forum- Global risks 2025
राज्य-आधारित सशस्त्र संघर्ष: सबसे बड़ा खतरा
रिपोर्ट में सबसे गंभीर खतरे के रूप में राज्य-आधारित सशस्त्र संघर्ष (State-based armed conflict) को पहचाना गया है। रूस-यूक्रेन युद्ध और सूडान व मध्य पूर्व के संघर्ष इस खतरे को और बढ़ाते हैं।
चरम मौसम घटनाएं और पर्यावरणीय चिंताएं
2024, अब तक का सबसे गर्म वर्ष था। चरम मौसम घटनाएं (Extreme weather events) अगले 10 वर्षों में सबसे बड़े पर्यावरणीय जोखिमों में बनी रहेंगी।
भू-आर्थिक और भू-राजनीतिक संघर्ष
भू-आर्थिक संघर्ष (Geoeconomic confrontation) और जैविक या रासायनिक हथियारों का खतरा (Threat of biological or chemical weapons) भी रैंकिंग में ऊपर आए हैं।
आर्थिक और सामाजिक बदलाव
2022-23 की महंगाई के बावजूद, 2024 में आर्थिक मंदी का प्रभाव कम हुआ। हालांकि, सामाजिक ध्रुवीकरण (Societal polarization) और गलत जानकारी (Misinformation) जैसी समस्याएँ बढ़ी हैं।
डावोस में चर्चा का केंद्र
ग्लोबल रिस्क 2025 सत्र में, नेता वैश्विक अस्थिरता के समाधान पर चर्चा करेंगे। यह बैठक वैश्विक सहयोग के नए दृष्टिकोणों को विकसित करने का मंच होगी।