गूगल का बड़ा कदम: अब एंड्रॉयड डिवाइस पर नहीं होंगे अनवेरिफाइड ऐप इंस्टॉल

गूगल ने एंड्रॉयड डिवाइस पर अनवेरिफाइड ऐप्स को इंस्टॉल करने पर रोक लगाने का ऐलान किया है। अब से केवल वेरिफाइड डेवलपर्स के ऐप्स ही एंड्रॉयड डिवाइस पर इंस्टॉल किए जा सकेंगे। यह कदम साइडलोडेड ऐप्स से जुड़े मेलवेयर के खतरों को कम करने के लिए उठाया गया है।

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Sandeep Kumar
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गूगल ने एंड्रॉयड यूजर्स के लिए एक बड़ा बदलाव करने का ऐलान किया है। अब तक एंड्रॉयड की खासियत यह थी कि यूजर प्ले स्टोर से बाहर के ऐप्स को भी अपने फोन में इंस्टॉल कर सकते थे, जिसे साइडलोडिंग कहा जाता था। लेकिन अब गूगल ने इस पर नए नियम लागू करने का निर्णय लिया है।

गूगल का कहना है कि इस बदलाव से एंड्रॉयड यूजर्स को सुरक्षा का अधिक ध्यान रखा जाएगा, खासकर मेलवेयर और फ्रॉड ऐप्स से बचाव के लिए। अब से किसी भी सर्टिफाइड एंड्रॉयड डिवाइस पर सिर्फ उन्हीं ऐप्स को इंस्टॉल किया जा सकेगा, जो वेरिफाइड डेवलपर्स द्वारा बनाए गए होंगे। यह नियम केवल Google Play Store के डेवलपर्स तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि थर्ड-पार्टी ऐप डेवलपर्स को भी गूगल से वेरिफिकेशन करवाना पड़ेगा।

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नए नियम की शुरुआत कब होगी?

गूगल ने ऐलान किया है कि अक्टूबर 2025 से नए सिस्टम की टेस्टिंग शुरू होगी। मार्च 2026 से सभी डेवलपर्स को नया Android Developer Console मिलेगा। सितंबर 2026 से ब्राजील, इंडोनेशिया, सिंगापुर, और थाईलैंड में यह नियम लागू होगा और 2027 तक यह प्रणाली ग्लोबली लागू हो सकती है।

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गूगल क्यों कर रहा है यह बदलाव?

गूगल का कहना है कि साइडलोडेड ऐप्स से मेलवेयर का खतरा 50 गुना ज्यादा होता है। हैकर्स अक्सर बैन किए गए ऐप्स को नए नाम से फिर से लॉन्च करते हैं, जिससे यूजर्स के डेटा और सुरक्षा को खतरा होता है।

नए वेरिफिकेशन सिस्टम के माध्यम से गूगल को असली डेवलपर्स की पहचान करने में मदद मिलेगी और फर्जी डेवलपर्स पर रोक लगाना आसान होगा। गूगल का दावा है कि 2023 में प्ले स्टोर पर वेरिफिकेशन लागू करने के बाद से मेलवेयर, फ्रॉड और डेटा चोरी के मामले कम हुए हैं।

यूजर्स पर इसका क्या असर होगा?

इस बदलाव से एंड्रॉयड यूजर्स को कुछ कड़ी सीमाओं का सामना करना पड़ेगा। अब सिर्फ वही थर्ड-पार्टी ऐप्स इंस्टॉल किए जा सकेंगे जिनके डेवलपर्स गूगल से वेरिफाइड होंगे। यदि कोई ऐप अनवेरिफाइड ऐप्स का है, तो वह सर्टिफाइड एंड्रॉयड फोन पर इंस्टॉल नहीं हो सकेगा। हालांकि, कस्टम ROMs या चीन जैसे देशों के कुछ डिवाइस, जिनमें गूगल सर्विसेज प्री-इंस्टॉल नहीं होतीं, इस नियम से प्रभावित नहीं होंगे।

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Epic Games केस और गूगल का नया कदम

यह बदलाव Epic Games और गूगल के बीच के विवाद से भी जुड़ा हुआ है। हाल ही में एक कोर्ट ने गूगल को यह आदेश दिया कि वह थर्ड-पार्टी ऐप स्टोर्स को प्ले स्टोर पर जगह दे। इस फैसले के बाद, गूगल ने ऐप डिस्ट्रीब्यूशन पर अपना नियंत्रण मजबूत करने के लिए यह नया नियम लागू किया है।

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