जीएसटी रिफॉर्म के बाद कारों की बिक्री में जबरदस्त उछाल, एक दिन में बिक गई करीब 30,000 कार

भारत में जीएसटी रिफॉर्म के बाद कारों की बिक्री में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है। ये नई टैक्स दरों और किफायती फाइनेंसिंग का असर है। इसके साथ ही छोटे और मिड-सेगमेंट की कारों पर GST की कटौती ने उनकी कीमतें कम कर दीं, जिससे बिक्री बढ़ी।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (THESOOTR)

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भारत में 2025 में हुए जीएसटी रिफॉर्म ने ऑटोमोबाइल सेक्टर में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं। सरकार ने टैक्स स्लैब को सरल बनाया और कारों पर GST दरें घटाईं, जिससे कार खरीदना अब अधिक सुलभ हो गया है।

भारत के वाहन उद्योग के लिए जीएसटी रिफॉर्म ने नई दिशा दी है। इसमें कारों की कीमतों में कटौती ने उपभोक्ताओं को अधिक आकर्षित किया है इससे ऑटो सेक्टर में कार बिक्री में वृद्धि हुई है। 

फाडा (फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन) के अध्यक्ष सीएस विग्नेश्वर ने बताया कि पिछले कुछ हफ्तों में खासकर नवरात्रि के पहले दिन बिक्री में जबर्दस्त रुझान देखा गया। विग्नेश्वर ने इसे आने वाले सालों के लिए भी फायदेमंद बताया, और सरकार के सुधारों की सराहना की।

ऑटो सेक्टर के लिए गेम चेंजर बना GST रिफॉर्म...

1. छोटी कारों (Small Cars):

4 मीटर से कम लंबाई वाली छोटी कारों पर GST 18% से घटाकर 5% कर दिया गया। इससे इन कारों की कीमतें औसतन 7%-15% तक घट गईं।

2. बड़ी और लग्जरी कारों (Large and Luxury Cars):

SUV और 1500 सीसी से बड़ी कारों पर GST 40% लागू हुआ, लेकिन इनसे लगने वाला सेस हटा दिया गया।

3. इलेक्ट्रिक गाड़ियां (Electric Vehicles):

इलेक्ट्रिक कारों पर GST दर 5% बरकरार रखी गई, जिससे इस सेगमेंट को बढ़ावा मिला।

इस बदलाव के साथ, कारों की कीमतों में महत्वपूर्ण गिरावट आई, जिससे आम उपभोक्ताओं के लिए नई कार खरीदना और भी सस्ता हो गया।

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5 पॉइंट्स से समझें GST रिफॉर्म से पहले बिक्री में कमी के कारण...

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1. हाई टैक्स रेट

GST से पहले भारत में पैसेंजर कारों पर 28% तक का टैक्स और अतिरिक्त सेस लगाया जाता था, जो कारों की कीमतों को बहुत अधिक बना देता था। उच्च टैक्स दरों के कारण आम आदमी के लिए कार खरीदना मुश्किल हो रहा था, जिससे बिक्री में कमी आई थी।

2. अधिक कस्टम ड्यूटी

कारों पर कस्टम ड्यूटी, रोड टैक्स, और अन्य स्थानीय करों का बोझ था, जो कार की अंतिम कीमत को और बढ़ा देते थे। इससे कारों की कीमतें बहुत ज्यादा हो गईं, जिससे उपभोक्ताओं की खरीदारी की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।

3. महंगी फाइनेंसिंग

GST रिफॉर्म से पहले कार लोन पर उच्च ब्याज दरें थीं, जिससे उपभोक्ताओं के लिए कार खरीदने के लिए फाइनेंसिंग महंगी हो जाती थी। इससे कई लोग कार खरीदने से बचते थे, क्योंकि उन्हें लगता था कि ईएमआई की कीमतें अधिक होंगी।

4. परिवहन विकल्प ज्यादा

भारत में सार्वजनिक परिवहन और ओला-उबर जैसी कैब सेवाएं व्यापक रूप से उपलब्ध थीं, जो पैसेंजर कारों के लिए प्रतिस्पर्धा करती थीं। लोग सस्ती और सुविधाजनक कैब सेवाओं का उपयोग करना पसंद कर रहे थे, जिससे कारों की बिक्री में गिरावट आई।

5. उपभोक्ता में विश्वास की कमी

देश की अर्थव्यवस्था में मंदी और उपभोक्ताओं के बीच आर्थिक अस्थिरता का डर था, जो पैसेंजर कारों की खरीदारी पर असर डाल रहा था। लोग भविष्य के बारे में अनिश्चित थे, और इस कारण वे बड़े खर्चों से बच रहे थे, जिससे कार बिक्री कम हो रही थी।

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कारों की कीमतों में कितनी कटौती हुई?

GST सुधार के बाद, कई कार कंपनियों ने अपनी कारों की कीमतें घटाईं। उदाहरण के लिए-

मारुति सुजुकी : मारुति की छोटी कारों की कीमतें 75 हजार से 1 लाख 50 हजार तक घट गईं। GST दरों में कटौती के साथ ही, वाहन शोरूम्स में खरीदारों की भारी भीड़ उमड़ी, जिससे रिकॉर्ड बिक्री हुई।

देश की सबसे बड़ी पैसेंजर कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने बताया कि नवरात्रि के पहले दिन ही 25,000 यूनिट की रिटेल बिक्री हुई, और दिन के अंत तक यह आंकड़ा 30,000 यूनिट तक पहुंचने का अनुमान था। छोटे कार मॉडल्स की बुकिंग में 50% की वृद्धि देखने को मिली, और कई मॉडल्स का स्टॉक खत्म होने की संभावना जताई गई।

हुंडई : इन कंपनियों की कारों पर 50 हजार से लेकर 2 लाख 40 हजार रुपए तक की बचत हुई।
हुंडई मोटर्स ने नवरात्रि के पहले दिन 11,000 वाहनों की बिक्री की, जो पिछले पांच वर्षों का सबसे अच्छा आंकड़ा था। सीओओ तरुण गर्ग ने इस बढ़ोतरी का श्रेय जीएसटी रिफॉर्म और नवरात्रि के शुभारंभ को दिया। इसके अलावा, टाटा मोटर्स ने भी 10,000 कारों की डिलिवरी की और 25,000 से अधिक इंक्वायरी प्राप्त की।

होंडा और अन्य कंपनियां: होंडा कार्स इंडिया ने भी अपने विभिन्न मॉडल्स की कीमतों में जीएसटी लाभ और रणनीतिक मूल्य निर्धारण के साथ दिसंबर तक के लिए आकर्षक ऑफर्स दिए हैं। इससे उपभोक्ताओं को और अधिक विकल्प मिले हैं, और बिक्री में वृद्धि हुई है।

सेकेंड हैंड कार: ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कार्स24 ने नवरात्रि के पहले दिन सेकंड हैंड कारों की बिक्री में 400% की बढ़ोतरी दर्ज की। 
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सबसे अधिक बिक्री हुई, इसके बाद अहमदाबाद, बेंगलुरु, पुणे और मुंबई का स्थान रहा। वाहन निर्माता कंपनियों के संगठन सियाम के महासचिव राजेश मेनन ने कहा कि जीएसटी दर कटौती से उपभोक्ताओं में उत्साह बढ़ेगा और यह भारतीय ऑटो सेक्टर को नई गति देगा।

लग्जरी और बड़ी कारों: इन पर 40% GST लागू होने से उनकी कीमतें अभी भी अधिक हैं, लेकिन सेस हटने से कुछ राहत मिली है।

यह कटौती केवल एक्स-शोरूम कीमत तक सीमित नहीं थी, बल्कि ऑन-रोड कीमतों में भी राहत मिली, जिससे ग्राहकों के लिए कुल मिलाकर कीमत में कमी आई।

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 GST रिफॉर्म का कार बिक्री पर असर...

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1. घटे हुए टैक्स और किफायती कीमत

कारों की कीमतों में हुई कमी और टैक्स स्लैब में सादगी ने उपभोक्ताओं को खरीदारी के लिए प्रेरित किया। अब 4.5 लाख रुपए की कार 3.4 लाख रुपए में मिल रही है, जो बहुत ही किफायती है।

2. आसान फाइनेंसिंग और लोन दर में कमी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट को कम किया, जिससे कार लोन की ब्याज दरें घट गईं। इससे कार खरीदना और भी सस्ता हो गया क्योंकि उपभोक्ता कम ब्याज दर पर लोन प्राप्त कर सकते हैं।

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त्योहारी सीजन का मिलेगा लाभ

GST सुधार के समय भारत में त्योहारों का मौसम था, और यह समय कार खरीदने के लिए शुभ माना जाता है। कार कंपनियों ने इस मौके पर विशेष ऑफर्स दिए, जिससे बिक्री में और अधिक वृद्धि हुई।

निष्कर्ष: भविष्य की संभावनाएं

GST 2.0 ने कार बाजार को नई गति दी है और आने वाले वर्षों में इसके प्रभाव को और भी महसूस किया जा सकता है। इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) पर 5% GST ने इस सेगमेंट को भी बढ़ावा दिया है। सरकारी प्रोत्साहन (Government Incentives): पर्यावरण-हितैषी और आर्थिक सुधारों के कारण ऑटोमोबाइल उद्योग में विकास हो रहा है। उपभोक्ता अब अधिक जागरूक हो गए हैं और वे टैक्स लाभों का फायदा उठाने के साथ-साथ बेहतर फाइनेंसिंग विकल्प ढूंढ़ रहे हैं।

विशेषज्ञ मानते हैं कि GST सुधार ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए एक बड़ा पॉजिटिव ट्रिगर है, जो आर्थिक विकास को भी बल देगा।

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