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गुजरात के बनासकांठा ( Banaskhatha ) में एक सरकारी स्कूल से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, यहां एक शिक्षिका के कारनामे ने शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। खबरों के मुताबिक, अंबाजी के पंचा प्राइमरी स्कूल (Pancha Primary School ) में तैनात प्रधानाध्यापक भावना बेन पटेल (Principal Bhavnaben Patel ) 11 साल से अमेरिका में हैं और उनके पास ग्रीन कार्ड है। इसके बावजूद वह सरकारी सेवा में बनी हैं और अनुपस्थित रहने के बाद भी पूरी सैलरी ले रही हैं।
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केवल दिवाली पर आती हैं गुजरात
पंचा प्राइमरी स्कूल की प्रभारी प्राचार्य पारुल बेन ( Principal in-charge Parulben ) ने बताया कि भावना बेन पटेल साल 2013 से अमेरिका के शिकागो में रहती हैं। वहां की नागरिकता लेकर स्थायी निवासी बन गई हैं और सैलरी गुजरात सरकार से ले रही हैं। भावना बेन सिर्फ साल में दिवाली पर गुजरात आती हैं। हालांकि, इस दौरान स्कूल बंद रहता है, लेकिन वह स्कूल नहीं जाती हैं।
शिक्षिका की ऐसे खुली पोल
मिली जानकारी के मुताबिक कई बार स्कूल के स्टाफ और अभिभावकों ने प्रधानाध्यापक की शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। स्कूल के छात्रों ने बताया कि उन्होंने 2 साल से शिक्षिका को नहीं देखा।
क्या कहते हैं शिक्षा अधिकारी ?
हालांकि अधिकारी छुट्टी पर होने के बावजूद वेतन लेने की बात से इनकार करते हैं। इस मामले में प्राथमिक शिक्षा अधिकारी ( primary education officer ) का दावा है कि भावना बेन पटेल आखिरी बार जनवरी 2023 में स्कूल आई थीं और उसके बाद से 1 जनवरी, 2024 से वेतन न लेने की शर्त पर छुट्टी पर हैं।
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