सर्दी में बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा: जानें कारण और कैसे करें बचाव

सर्दी में हार्ट अटैक का ख़तरा बढ़ सकता है, खासकर जब कोलेस्ट्रॉल ठीक हो। जानिए, क्या हैं वो साइलेंट फैक्टर जो हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाते हैं, और कैसे इस मौसम में दिल का ख्याल रखें। सर्दियों में दिल के स्वास्थ्य के लिए टिप्स और चेतावनियां।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (THESOOTR)

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हार्ट अटैक के संबंधित 5 पॉइंट्स को ऐसे समझें... 

  • सर्दियों में हार्ट अटैक का ख़तरा बढ़ता है:
    ठंडी में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे दिल को कम रक्त मिलता है।

  • कोलेस्ट्रॉल का सही स्तर भी पर्याप्त नहीं:
    सिर्फ कोलेस्ट्रॉल ठीक होने से दिल स्वस्थ नहीं होता, और भी फैक्टर महत्वपूर्ण होते हैं।

  • सर्दी में मेटाबॉलिज्म में बदलाव:
    सर्दियों में शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और कैलोरी की खपत बढ़ जाती है।

  • हार्ट अटैक के लक्षण पहचानें:
    छाती में दर्द, सांस फूलना, पसीना, घबराहट – ये हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं।

  • सर्दियों में दिल का ख्याल रखें:
    व्यायाम करें, कम कैलोरी खाएं, और नियमित जांच करवाएं।

भारत में दिल से जुड़ी बीमारियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। कोलेस्ट्रॉल का स्तर सही होने पर भी हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है, खासकर सर्दी में। ठंडे मौसम में शरीर के अंदर कुछ ऐसी प्रक्रियाएं होती हैं, जो दिल पर दबाव डालती हैं। 

इस आर्टिकल में हम जानेंगे, कैसे सर्दी में दिल का ख्याल रखें, कोलेस्ट्रॉल के अलावा कौन से साइलेंट फैक्टर हार्ट अटैक का कारण बन सकते हैं, और उनसे कैसे बचें।

सर्दी में हार्ट अटैक का खतरा क्यों बढ़ता है? 

सर्दी में ठंडी हवा और कम तापमान के कारण शरीर में कई बदलाव आते हैं। यह शरीर को गर्म रखने की कोशिश करता है, जिससे रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं। इससे रक्त प्रवाह धीमा हो सकता है, और दिल को पर्याप्त खून और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता। इससे दिल पर दबाव बढ़ जाता है, जो हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दियों में दिल की धड़कन और हाई ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, जिससे दिल पर अतिरिक्त तनाव आता है। अगर आप पहले से दिल की बीमारी से जूझ रहे हैं, तो यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।

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ये फैक्टर भी हैं हार्ट अटैक का कारण...

  1. एपो बी लेवल (Apo B levels): यह शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के पार्टिकल्स की संख्या को मापता है। इसकी अधिकता से दिल की बीमारियां बढ़ सकती हैं।
  2. लिपोप्रोटीन (ए) लेवल (Lipoprotein A levels): यह जेनेटिक फैक्टर है और दक्षिण एशियाई लोगों में इसका स्तर अधिक होता है, जिससे दिल की बीमारियां और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
  3. हीमोग्लोबिन ए1सी (Hemoglobin A1C): यह पिछले 2-3 महीनों के औसत ब्लड शुगर को बताता है। यदि इसका स्तर बढ़ता है, तो डायबिटीज और हार्ट अटैक का खतरा दोनों बढ़ सकते हैं।

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सर्दियों में ऐसे रखें दिल का ख्याल... 

  • वजन नियंत्रित रखें: अतिरिक्त वजन दिल पर बोझ डालता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
  • नमक और तला-भुना कम खाएं: ज्यादा नमक से ब्लड प्रेशर बढ़ता है, और तला-भुना खाने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है।
  • व्यायाम करें: सर्दियों में कम एक्टिविटी होने पर भी दिन में थोड़ी देर चलने या योग करने से दिल स्वस्थ रहता है।
  • तनाव कम करें: मानसिक तनाव भी दिल की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है, इसलिए रोज़ ध्यान और योग करें।

हार्ट अटैक के लक्षण...

  1. छाती में दर्द या दबाव महसूस होना।
  2. बाएं हाथ में दर्द होना।
  3. घबराहट और सांस फूलना।
  4. पसीना छूटना और चक्कर आना।

इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें। यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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