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BHOPAL. उज्जैन सिंहस्थ 2028 के लिए प्रदेश के साथ ही केंद्र सरकार ने भी तैयारी शुरू कर दी है। इंदौर से उज्जैन के बीच वंदे भारत मेट्रो चलाने की योजना है। यह ट्रेन मौजूदा रेलवे ट्रैक पर चलेगी। इसके लिए नया ट्रैक नहीं बिछाना पड़ेगा। वंदे भारत मेट्रो इंदौर से उज्जैन के बीच 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। इसे शटल सेवा के रूप में चलाया जाएगा। रेलवे पहले ही इस रूट पर 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रैक का ट्रायल कर चुका है।
सिंहस्थ के दौरान यात्रियों का दबाव बढ़ेगा
इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि सिंहस्थ के दौरान यात्रियों का दबाव बढ़ेगा। इसको देखते हुए रेल विभाग ने तैयारियां की हैं। इंदौर, उज्जैन और आसपास के स्टेशनों से 300 से अधिक ट्रेनों का संचालन होगा। रेलवे ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इंदौर और उज्जैन के बीच वंदे भारत मेट्रो शटल सेवा के रूप में चलेगी।
सांसद लालवानी ने कहा कि वंदे भारत मेट्रो मौजूदा ट्रैक पर चलेगी। मेट्रो के लिए आमतौर पर अलग ट्रैक चाहिए होता है, लेकिन इस सेवा के लिए नया ट्रैक नहीं बिछाया जाएगा।
16 कोच की नमो वंदे भारत मेट्रो एसी ट्रेन का ट्रायल शुरू, इंदौर कोटा-रतलाम के बीच चलेगी
अब सफर और आसान
इंदौर से उज्जैन के बीच वंदे भारत मेट्रो का सफर 40-45 मिनट का होगा। यह ट्रेन एसी और नॉन-एसी सुविधाओं से लैस होगी। वंदे भारत मेट्रो को 'नमो भारत ट्रेन' भी कहा जाएगा।
मेट्रो जैसी आधुनिक सुविधाएं
रेलवे सूत्रों के अनुसार, वंदे भारत मेट्रो 12 कोच की होगी। कोच खास डिजाइन किए जा रहे हैं। इनमें मेट्रो जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी। पहली ट्रेन काशी में शुरू होगी। इसके बाद इंदौर-उज्जैन रूट पर सेवा शुरू होगी। सूत्रों के मुताबिक, ट्रेन 5 सेकेंड में 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है।
ये होगी ट्रेन की खासियत👉ट्रेन में 12 कोच होंगे, और यह पूरी तरह वातानुकूलित होगी। 👉प्रत्येक ट्रेन में 3,200 यात्री सफर कर सकते हैं। 👉इसमें 1,150 सीटों पर बैठने की सुविधा होगी, जबकि 2,000 यात्री खड़े होकर यात्रा करेंगे। 👉ट्रेन की अधिकतम गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक होगी। 👉मेट्रो प्रणाली की तरह इसमें आमने-सामने बैठने की व्यवस्था होगी। 👉ट्रेन में अत्याधुनिक ऑटोमैटिक दरवाजे और इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले सिस्टम होंगे। 👉ट्रैक पर 'कवच' सुरक्षा प्रणाली होगी, जिससे यात्रा की सुरक्षा में वृद्धि होगी। |
इतने यात्री कर सकेंगे सफर
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, सिंहस्थ से पहले इंदौर-उज्जैन रूट पर वंदे भारत मेट्रो में 12 कोच होंगे। इसमें 1150 यात्री बैठ सकेंगे, जबकि 2000 यात्री खड़े होकर सफर करेंगे।
अधिकारियों के अनुसार, मेट्रो ट्रेन को तेज गति के लिए डिजाइन किया गया है। कुछ मार्गों पर इसकी अधिकतम डिजाइन स्पीड 180 किमी प्रति घंटा है। परिचालन गति 160 किमी प्रति घंटा तय की गई है।
क्या है इस ट्रेन की खासियत
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👉वंदे मेट्रो दो शहरों के बीच एक दिन में 4 से 5 राउंड करेगी।
👉ये ट्रेनें 100 किलोमीटर से कम की दूरी तय करेंगी।
👉वंदे मेट्रो में 8 से 12 कोच होंगे, और इनमें बाथरूम की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी।
👉वंदे मेट्रो के शुरू होने से छोटे शहरों की मेट्रो शहरों से कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
👉 इन ट्रेनों में यात्रा किफायती किराए पर उपलब्ध होगी।
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